
स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में कहा कि अन्य देशों में ओमिक्रॉन की स्थिति को देखते हुए यह लग रहा है कि यह संक्रमण ज्यादा लोगों तक पहुंचेगा। हालांकि इस संक्रमण में मृत्यु दर कम देखने को मिली है। इन सब परिस्थितियों के अनुरूप हम सभी को मिलकर उपयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं निर्धारित करनी होंगी। इस संक्रमण में कोई बड़ा लक्षण न होने के कारण अधिकांश मरीजों को अस्पताल जाने की स्थिति कम ही बनेगी। होम आइसोलेशन में रहने वाले संक्रमित मरीजों के लिए उपयुक्त व्यवस्था सुनिश्चित कर हमें “होम आइसोलेशन” की जगह पर “होम मॉनिटरिंग” पर जोर देने की जरूरत है जिसमें मरीज का ऑक्सीजन लेवल, बुखार व दवाओं आदि के विषय में नियमित तौर पर जांच कर समय-समय पर पूरी निगरानी रखी जा सके, जिससे अचानक तबीयत बिगड़ने की स्थिति से बचाव हो।

नगरीय प्रशासन एवं सरगुजा जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने बैठक में कहा कि प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि दूसरी लहर जैसी स्थिति उत्पन्न न होने पाए। राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार सामाजिक, धार्मिक, खेल व अन्य आयोजनों को कुछ समय के लिए रोककर कोरोना के प्रसार को नियंत्रित करें। साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों, रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंडों में रैंडम टेस्टिंग करते हुए होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों के लिए इसके प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें। उन्होंने होम आइसोलेशन में इलाज ले रहे मरीजों तक दवाईयां पहुंचाने कहा।
सरगुजा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बैठक में बताया कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारियां सुनिश्चित कर ली गई हैं। कोरोना की जांच बढ़ाने और टीकाकरण में गति लाने के साथ ही अस्पतालों में बेड्स एवं उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। अभी नगरीय क्षेत्रों में ही कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इसका प्रसार रोकने के लिए गांवों में कोविड निगरानी दल बनाए गए हैं जो संक्रमण के लक्षण वाले व्यक्ति एवं उनके संपर्क में आए लोगो की जाच कर संक्रमण की कड़ी तोड़ने का कार्य करेंगे।