कोटपा एक्ट के अंतर्गत हुई कार्रवाई
रायपुर (वीएनएस)। शहर को धूम्रपान मुक्त बनाने के लिए जिला प्रवर्तन दल चालानी कार्रवाई कर रहा है, जिसमें बुधवार को रेलवे स्टेशन फाफाडीह चौक और पचपेड़ी नाका क्षेत्रों में पान दुकानों पर कार्रवाई की गयी। सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियम) अधिनियम, 2003, यानि कोटपा के अंतर्गत की गयी इस कार्यवाही में से 1,450 रुपये जमा किये गए|
चालानी कार्यवाही की जानकारी देते हुए जिला सलाहकार डॉ. सृष्टि यदु ने बताया: ‘’जिला प्रवर्तन दल द्वारा बस स्टेशनों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज की परिधि में तम्बाकू उत्पाद बेचने पर और दुकानों में कोटपा के प्रावधानों का पालन नहीं करने पर कोटपा की धारा 4 एवं 6 अंतर्गत कुल 31 चालान किये गए । साथ ही दुकानदारों को प्रतिबंधित पदार्थों की खरीद-बिक्री के लिए गठित कानून के बारे में भी जानकारी दी गई ।”
इस कार्यवाही का उद्देश्य कोटपा की धाराओं को शहरी क्षेत्रों में लागू करना है। कार्यवाही के दौरान पाया गया पान स्टाल पर धूम्रपान किया जा रहा था साथ ही बिना चेतावनी चिन्ह के तम्बाकू पदार्थों को बेचा जा रहा था। इस संबंध में दुकान के मालिक सहित वहां पर आए लोगों को भी कोटपा के बारे में जागरूक कराया गया।
क्या है कोटपा की धारा
धारा 4
सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान अपराध है।
सार्वजनिक स्थानों के प्रभारी /मालिक हर प्रवेश द्वार एवं हर मंजिल से सुस्पष्ट स्थान पर एक काले धुएं के साथ सिगरेट अथवा बीड़ी के चित्र को काटती हुए प्रदर्शित होगी ।
बोर्ड के नीचे प्रभारी/मालिक (जिसके पास उल्लंघन की शिकायत की जानी है) का नाम व फोन नंबर लिखा हो, यदि सार्वजनिक प्रभारी/मालिक उल्लंघन करने पर कार्रवाई नहीं करता है, तो उस पर व्यक्तिगत अपराधों की संख्या के समतुल्य जुर्माना लगाया जाएगा ।
सार्वजनिक स्थानों पर (स्मोकिंग एड) सिगरेट, लाइटर एवं बीड़ी सिगरेट जलाने के लिए उपकरण (माचिस) उपलब्ध नहीं करवाये जायेंगे।
केवल 30 कमरों से ज्यादा वाले होटल, 30 व्यक्तियों से ज्यादा बैठने की क्षमता वाले भोजनालय एवं एयरपोर्ट में अलग स्मोकिंग जोन बनाया जा सकता है, लेकिन वह केवल कानूनी प्रावधानों के अनुरूप ही बनाया जा सकता है ।
उक्त नियमों के उल्लंघन पर ₹200 तक का जुर्माना किया जा सकता है ।
धारा 5
तंबाकू पदार्थों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हैं।
तंबाकू पदार्थों को बेचने वाली दुकान पर काले अक्षरों में सफेद पृष्ठभूमि का बोर्ड लगा सकते हैं जिस पर “तंबाकू से कैंसर होता है’’ लिखा होना चाहिए।
तंबाकू पदार्थों को बेचने वाली दुकान पर लगे बोर्ड चमकदार (बिजली युक्त) नहीं होना चाहिए।
टेलीविजन व फिल्मों में तंबाकू के दृश्यों को दिखाना अपराध है।
धारा 6
18 वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों को तम्बाकू पदार्थ बेचना अपराध है।
18 वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों के द्वारा तम्बाकू पदार्थ बेचना अपराध है।
नाबालिगों को तंबाकू-पदार्थ बिक्री स्थान पर दिखाई नहीं देना चाहिए।
बिक्री के स्थान पर एक 60*30 का बोर्ड लगाना आवश्यक है ।
शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में तंबाकू पदार्थ बेचना अपराध है ।
उक्त नियमों के उल्लंघन पर एक से पांच 5 वर्ष की कैद या/और ₹1,000 से ₹5,000 का जुर्माना लगाया जा सकता है।