नई दिल्ली (वीएनएस)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देहू, पुणे में जगद्गुरु श्रीसंत तुकाराम महाराज मंदिर का उद्घाटन किया। उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने देहू की इस पवित्र भूमि पर आने पर खुशी व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने शास्त्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि संतों का सत्संग मानव जीवन का दुर्लभतम सौभाग्य है। यदि संतों की कृपा मिल जाए तो ईश्वर की प्राप्ति स्वतः ही हो जाती है। उन्होंने कहा, आज इस पवित्र धार्मिक स्थल पर आकर मैं कुछ ऐसी ही अनुभूति कर रहा हूं।” प्रधानमंत्री ने कहा, “देहू का शिला मंदिर न केवल भक्ति की शक्ति का केंद्र है, बल्कि भारत के सांस्कृतिक भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त करता है। मैं इस पवित्र स्थान के पुनर्निर्माण के लिए मंदिर ट्रस्ट और सभी भक्तों का आभार व्यक्त करता हूं।
उन्होंने कुछ महीने पहले पालकी मार्ग में दो राष्ट्रीय राजमार्गों को चार लेन का किये जाने के कार्य का शिलान्यास करने का सौभाग्य मिलने की बात को भी याद किया। उन्होंने बताया कि श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी मार्ग पांच चरणों में पूरा हो जाएगा और संत तुकाराम महाराज पालकी मार्ग तीन चरणों में पूरा हो जाएगा। इन चरणों में 350 किमी से ज्यादा लंबे राजमार्ग का निर्माण 11,000 करोड़ रुपये से ज्यादा लागत से पूरा होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक होना गर्व की बात है। उन्होंने कहा, यदि इसका श्रेय किसी को जाता है तो यह भारत की संत परम्परा और यहां के ऋषियों को जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत शाश्वत है, क्योंकि यह संतों की भूमि है। हर युग में, हमारे देश और समाज को कुछ महान विभूतियां मार्गदर्शन देती रही हैं। आज देश संत कबीर दास की जयंती मना रहा है। उन्होंने श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज, संत निवृत्तिनाथ, संत सोपानदेव और आदि शक्ति मुक्ता बाई जी आदि संतों की मुख्य वर्षगांठ का भी उल्लेख किया।