अभिभावकों ने अडाणी फाउंडेशन की ख़ास मुहीम को सराहा
अंबिकापुर (वीएनएस)। आदिवासी बहुल क्षेत्र में विद्यार्थियों को स्कूल के अतिरिक्त पढ़ाई में मदद करने के लिए अडाणी फाउंडेशन की ‘संध्या क्लास’ मुहीम अब धीरे-धीरे रंग ला रही है। एक साल पहले शुरू किये गए इस कार्यक्रम में अब विद्यार्थियों की उपस्थिति करीब-करीब 100 तक पहुंच गयी है, जिसमे कक्षा एक से पांच तक के बच्चे आते हैं।
साल भर पहले इस कार्यक्रम को शुरू करने से पूर्व अडाणी फाउंडेशन ने सरगुजा के तीन गावों में एक सर्वे द्वारा स्कूल के बच्चों की जरूरतों, उनकी सामाजिक तथा आर्थिक पृष्टभूमि को भी समझा था। सर्वे के दौरान फाउंडेशन की टीम ने बच्चों के साथ उनके अभिभावकों तथा परिवार के अन्य सदस्यों से भी बातचीत की थी ताकि उनकी जरूरतों को ठीक तरीके से समझा जा सके। बच्चों तथा परिवारजनों के द्वारा प्रदान की गयी जानकारियों के हिसाब से विशेष कोचिंग क्लासेस का प्रबंध किया गया। आज एक साल बाद कुछ चुनिंदा और स्वयं-प्रेरित शिक्षकों के प्रयास से साल्हि, बासेन तथा परसा में इन उपचारात्मक कक्षाओं (रेमेडियल क्लासेज) में अब क्रमशः 25, 44 तथा 28 बच्चे हर रोज अपनी पढाई पूरी करने आते हैं।
इन कक्षाओं में बच्चों को बुनियादी अंग्रेजी, हिंदी तथा गणित की पढाई करवाई जाती है। साथ ही उन्हें बुनियादी व्यवहार कुशलता के बारे में भी बताया जाता है। प्रशंसा योग्य बात ये है की कोरोना-काल में भी ये क्लासेज बंद नहीं हुई थी और मोबाइल फ़ोन के माध्यम से सारे शिक्षकों ये सुनिश्चित करते रहे की बच्चों की पढाई और विषयों के समझ में लॉकडाउन की वजह से कोई बाधा ना आये।
इन कक्षाओं की बदौलत जहाँ विद्यार्थियों का विषयों में प्रदर्शन बेहतर हुआ है, वहीँ आत्मविश्वास में भी काफी बढ़ोतरी भी हुई है। परिवारजनों को भी अडाणी फाउंडेशन की इस विशेष पहल के बाद भरोसा होने लगा है की उनके बच्चों भविष्य में अपने पैरों पर भलीभांति खड़े हो पाएंगे।