नई दिल्ली (वीएनएस)। विदेश मंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर ने कहा है कि वैश्विक परिवेश इस आवश्यकता को उजागर कर रहा है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लोगों को परस्पर सहयोग बढ़ाना चाहिए और एकजुट होकर काम करना चाहिए। नई दिल्ली में बारहवें दिल्ली-संवाद के मंत्रिस्तरीय सत्र को सम्बोधित करते हुए डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन संकट के कारण खाद्य, उर्वरक और ईंधन सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।
मंत्री ने कहा कि भारत और आसियान, विश्व व्यवस्था में संतुलन कायम करने में योगदान कर सकते हैं।
डॉक्टर जयशंकर ने जोर देकर कहा कि भारत-चीन संबंधों का विकास आपसी सम्मान, संवेदना और हितों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के संबंध सीमा पर स्थिति से संचालित होंगे।
विदेश मंत्री ने कहा कि शेष दुनिया की तरह भारत और आसियान भी कोविड से उबर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड से सबसे महत्वपूर्ण सबक यह मिला है कि हमें भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थितियों के लिए बेहतर तैयारी करनी है। उन्होंने कहा कि भारत और आसियान ने इस महामारी के दौरान एक-दूसरे के साथ महत्वपूर्ण सहयोग किया।
उन्होंने कहा कि आसियान-भारत हरित कोष के जरिए भारत और आसियान ने पवन और सौर ऊर्जा तथा स्मार्ट ग्रिड के माघ्यम से अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग पहले ही शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस बारे में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन एक उपयोगी मंच है।