नई दिल्ली (वीएनएस)। भारत पर दो सदियों तक अंग्रेजों ने राज किया। इसके सबूत आज भी कई जगह नजर आते हैं। एक ऐसा ही सबूत हमारे देश की फ्लाइट्स पर होता है, जिसे कॉल साइन VT कहा जाता है। भारतीय विमानों पर नजर आने वाले कॉल साइन VT को हटाने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर हुई है।
भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय की ओर से दायर अर्जी में कहा गया है कि इस VT साइन का दरअसल मतलब है कि विक्टोरियन या वाइसरॉय टेरिटॉरी यानि भारत पर ब्रिटिश का राज। याचिका के मुताबिक ये कॉल साइन ब्रिटिश विरासत का प्रतीक है और आजादी के 75 सालों बाद भी भारतीय विमानों पर इस कॉल साइन की मौजूदगी दासता का प्रतीक है।
याचिका में कहा गया है कि अंग्रेजों ने अपने सभी उपनिवेशों के लिए वी से शुरू होने वाले शब्दों का कोड बनाया था। ज्यादातर देशों ने आजादी के बाद इस कोड को छोड़ दिया। नेपाल, पाकिस्तान, चीन और श्रीलंका ने अपना कोड बदल लिया, लेकिन भारत में अब भी इस कॉल साइन का इस्तेमाल बदस्तूर जारी है। भारत में रजिस्टर्ड सभी एयरक्राफ्ट पर ये VT बना होता है। विमानों के पिछले वाले दरवाजे और खिड़की के ऊपर ये कॉल साइन नजर आता है। यहां तक कि भारत के प्रधानमंत्री भी जब विदेश यात्रा पर जाते हैं तो उनके विमान पर भी ये VT साइन नजर आता है। आजादी के 75 साल गुजरने के बावजूद इस बदलने की जहमत नहीं उठाई गई, ये राष्ट्रीय शर्मिंदगी का विषय है।
अश्विनी उपाध्याय की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि साल 2004 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन को इस कोड को बदलने के लिए सम्पर्क किया, लेकिन इस कोशिश का कोई नतीजा नहीं निकला। ये कोड 1929 में ब्रिटिश शासकों ने हमें दिया था लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत जैसा एक संप्रभुता सम्पन्न राष्ट्र, आज भी ब्रिटिश दासता के प्रतीक इस साइन कोड को ढोह रहा है।