तलाश है तो मिल ही जाएगा

Posted On:- 2022-08-10




कहा जाता है कि सच्चे मन से तलाश किया जाए तो ईश्वर भी मिल जाता है। भाजपा भी तलाश कर रही है। सच्चे मन से नहीं कर रही है,यही वजह है कि जो दो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ्अब तक तलाश गए हैं, वे भूपेश बघेल को टक्कर  देने वाले साबित नहीं हुए हैं। सभी को समय दिया गया कि साबित करो कि आप भूपश बघेल का टक्कर दे सकते हो। दोनों अध्यक्ष साबित नहीं कर पाए है यही वजह है कि अब तीसरा अध्यक्ष तलाश किया गया है। उम्मीद की जा रही है कि यह अध्यक्ष छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को टक्कर देने वाला होगा।राज्य में कांग्रेस सरकार बनने के बाद अरुण साव तीसरे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हैं। इससे पहले विष्णुदेव साय,विक्रम उसेंंडी को मौका दिया गया था। तब सोचा गया था कि आदिवासी भाजपा अध्यक्ष बनाने से भाजपा को फायदा होगा। कोई खास फायदा नहीं हुआ। बदलाव जारी है। बदलाव होते रहना चाहिए, तलाश जारी रहनी चाहिए। हर काम में निरंतरता होनी चाहिए। कभी कांग्रेस भी रमन सिंह को हराने वाले कांग्रेस नेेता की तलाश थी। कांग्रेस ने भी कम तलाश नहीं किया है। आज जो भाजपा की हालत है,तब वही कांग्रेस की हालत थी। जिसे भी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाता था, वह रमन सिंह को चुनाव में हरा नहीं पाता था।कांग्रेस चुनाव हार जाती थी, कां्ग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हटा दिया जाता था। नए अध्यक्ष की तलाश फिर शुरू हो जाती थी। तब कांग्रेस नेताओं का लगता था कि रमन सिह को हराया नहीं जा सकता। कांग्रेस निराश थी,कार्यकर्ता हताश थे,तब भूपेश बघेल को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। किसी को उम्मीद नहीं थी कि भूपेश बघेल राज्य मेें कांग्रेस में नया जीवन फूंक देंगे। भाजपा से लडऩे के लिए खड़ा कर देंगे,पार्टी में जीत का जज्बा भर देंगे। जब नेता योध्दा होता है तो हर कार्यकर्ता लडऩे को तैयार हो जाता है। नेता लड़ाकू होना चाहिए,जीत के लिए अथक लड़ाई लडऩे वाला होना चाहिए। कार्यकर्ता भी लडऩे को तैयार हो जाते हैं। कांग्रेस को भूपेश बघेल जैसा नेता मिला और पूरी  कांग्रेस लडऩे को तैयार हो गई और वह रमन सरकार जो अपराजेय मानी जाती थी, उसे भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हरा दिया। कांग्रेस को रमन सिंह को हराने वाला प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है तो भाजपा को भी भूपेश बघेल को हराने वाला अध्यक्ष क्यों नहीं मिल सकता। मिलेेगा जरूर मिलेगा। तलाश जारी रहनी चाहिए। जिसे मौका मिला है, उसे भूपेश बघेल को हराने के लिए लडऩा चाहिए। खुद लडऩा चाहिए और कार्यकताओं को भी लडऩे के लिए प्रेरित करना चाहिए। ठीक है विक्रम उसेंडी व विष्णुदेव साय भूपेश बघेल का मुकाबला नहीं कर सके। भूपेश आक्रामक है, जनता से संवाद करने में माहिर हैं,छत्तीसगढिया हैं, छत्तीसगढिया का मन मोहना उन्हें आता है। भाजपा को भूपेश बघेल से ज्यादा आक्रामक,जनता से और बेहरत संवाद करने वाला, छत्तीगढिय़ा को और ज्यादा मोहने वाला नेता तलाश करना चाहिए। सुनील गावस्कर महान बल्लेबाज हैं, लेकिन कोई सचिन तेंदुलकर मिल हीजाता है। सचिन तेंदुलकर को जवाब नहीं है लेकिन कोई विराट कोहली मिल ही जाता है। कांग्रेस में किसी कपता था कि रमन सिंह को भूपेश बघेल हरा सकते थे, लेकिन मौका भूपेश बघेल को दिया गया तो उन्होंने रमन सिंह को हरा दिया। भाजपा में किसको पता था कि नरेंद्र मोदी कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में हरा देंगे। नरेंद्र मोदी को मौका दिया गया तो उन्होंने कांग्रेस को दा बार हराया ही नहीं बल्कि दोनो बार भाजपा का बहुमत की सरकार भी बनाई।  तलाश जारी रहेन पर सालों में कोई भूपैश बघेल  मिलता है तो नरें्द्र मोदी भी मिलता है। भूपेश व मोदी सभी दलों में होते हैं लेकिन वह कुछ  करेंग तब ही जब करने का मौका मिलेगा।



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