भूपेश बघेल की तैयारी सबसे बेहतर

Posted On:- 2022-08-16




राजनीति में जो नेता एक चुनाव जीतने के बाद ही दूसरा चुनाव जीतने की तैयार शुरू कर देता है उसके चुनाव में जीतने की संभीवना तैयारी न करने वाले नेताओं से ज्यादा रहती है। कांग्रेस के नेताओं में भूपेश बघेल ही ऐसे नेता है जिन्होंने दूसरा चुनाव जीतने की तैयारी सत्ता संभालने के साथ ही शुरू कर दी थी,इसी वजह से आज वह कांग्रेस के राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत सहित भाजपा शासित राज्यों के कांग्रेस नेताओं से आज बेहतर स्थिति में है। वह अब तक यहां के भाजपा नेताओं  को कभी राज्य में विपक्ष के तौर पर हावी नहीं होने दिया है। वह हर स्थिति में कांग्रेस से पीछे है। सीएम भूपेश बघेल ने कांग्रेस का यहां भाजपा का हमेशा हर स्थिति में आगे रखा है,भाजपा से ज्यादा विश्वसनीय,ज्यादा अच्छा काम करने वाली सरकार बनाने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ी है। वह शुरू से ही किसानों के मामले में ऐसी योजना बनाई कि भाजपा किसानों के बीच अपना जनाधार नहीं बचा पाई है,जबकि भूपेश बघेल ने किसान न्याय योजना के जरिए किसानों के बीच कांग्रेस के जनाधार को स्थायी बनाए रखने का प्रयास किया है। चुनाव के पहले ही भूपेश बघेल ने किसानों का धान 2800 रुपए में खरीदने की घोषणा कर रखी है, इससे ज्यादा पैसा देने की घोषणा भाजपा शायद ही कर सके. यानी किसानों के वोट कांग्रेस को ही मिलेंगे। इसी तरह ज्यादा से ज्यादा से वनोपज की खरीदी समर्थन मूल्य पर करके, उनकी प्रोसेसिंग यूनिट लगाने, वनोपज से महिला समूहों के बनाए उत्पाद बेचने सी मार्ट खोलने से आदिवासी इलाकों मेे लोगों को रोजगार मिल रहा है तथा आय भी हो रही है। भाजपा ने अपने आदिवासी अध्यक्ष को  विश्व आदिवासी दिवस के दिन हटाकर कांग्रेस का एक बड़ा मुद्दा दे दिया है जिसका लाभ कांग्रेस आदिवासी क्षेत्र में उठाएगी। गौठानों को रोजगारमूलक कार्यों से जोडा जा रहा है, यहां भी लोगों को रोजगार मिलने के साथ आने वाले दिनों में ज्यादा आय होगी।गोबर खरीदी, वर्मी कंपोस्ट बनाने के बाद गोमूत्र से कीटनाशक बनाने  की तैयारी शुरु हो गई है। यानी भूपेश बघेल देश के अन्य राज्य के मुख्यमंत्रियों से इस मायने में अलग है कि वह अपने राज्य के लिए विकास का एक बेहतर माडल की कल्पना कर उसपर काम कर रहे है,उसे साकार करने का प्रयास कर रहे हैं। सिंचाई की व्यवस्था गांव गांव में हो इसके लिए काम चल  रहा है।यह जरूर है कि उनके  कामों का परिणाण अभी व्यापक तौर पर सामने नहीं आया है। लेकिन उनके माडल व छत्तीसगढ़ में चल रहे कामों की सराहना तो की जा रही है। देश में उनकी पहचाने एक ऐसे मुख्यमंत्री की है जो अपने कामों के लिए देश के टाप टेने सीएम में गिने जाते है्। जहां तक सवाल कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों में उनकी योग्यता का सवाल  है, वह राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से अपने कामों  के जरिए आगे हैं तथा बेहतर सीएम है। राजस्थान  में कांग्रेस की हार होगी तो हिंदू मुसलमान केविवादों के कारण क्योंकि अशोक गहलोत इसे ठीक से हैंड़ल नही कर पाए। जबकि छत्तीसगढ़ में ऐसा कोई बड़ा विवाद ही नहीं हुआ। यहां भाजपा का हिंदुत्व, हिंदू-मुसलमान का कार्ड ने पहले चला है, न अब चलने वाला है। यहां भाजपा व पीएम मोदी कांग्रेस को अपने मैदान में लडऩे के लिए मजबूर नहीं कर सकते। यहां भाजपा हो या पीएम मोदी को कांग्रेस के मैदान में लडऩा होगा। पीएम मोदी ने हाल ही लाल किले से भ्रष्टाचार व परिवारवाद का मुद जोर-शोर से उठाया है। इससे दूसरे राज्यों के राजनीतिक दल भले ही परेशान हों कि वह इस मुद्दे का सामना कैसे करेंगे क्योंकि उनके राज्य में भ्रष्टाचार भी हुआ है और परिवारवाद भी है। छत्तीसगढ़ में इन दोनों मुद्दो ंका शायद ही कोई प्रभाव पड़े क्योंकि यहां न तो किसी मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोल लगा है न ही यहां दूसरे राज्यों की तरह परिवारवाद है। पिछले चुनाव में कांग्रेस की जीत के आधार पर यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस को जीत कांग्रेस से ज्यादा भूपेश बघेल के कारण मिली। वह कांग्रेस के कारण नहीं जीते बल्कि कांग्रेस उनके कारण छत्तीसगढ़ में जीती। वह कांग्रेस नेता से ज्यादा एक छत्तीसगढिय़ा नेता के रुप में लोकप्रिय है।यही उनकी ताकत है। यही उनकी जीत का राज है। उनकी छत्तीसगढिय़ा नेता की छबि को कांग्रेस नेतृत्व के कारण दाग लगा कि वह राज्यसभा में छत्तीसगढ़ से किसी को भेज नहीं सकें।उनके अच्छे कामो से यह कमी छिप जाती है। वह कांग्रेस को जिताने वाले नेता हैं, कांंग्रेस यहां हारेगी तो कांग्रेस की कमियों के कारण हारेगी।



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