..एक हार से नेता व पार्टी कितनी निराश हो जाती है। इसका उदाहरण राज्य के लोगों को दो बार देखने को मिला है।
हर बार जब भी विधानसभा चुानव हो या चुनाव हो, एक दल से दूसरे दल में नेताओं व कार्यकर्ताओं को आना जाना लगा रहता है, यह स्वाभाविक माना जाता है।
.राजनीति में कई बार कहा कुछ नही जाता है लेकिन घटनाओं के जरिए संकेत किया जाता है कि किसका राजनीतिक कद बढ़ा है तथा किस का राजनीतिक कद घटा है।
पुरानी सरकार जाती है और नई सरकार आती है तो पुराना बहुत कुछ बदलता है, बरसो से जो चला आ रहा है, वह चलना धीरे धीरे बंद होता है। धीरे-धीरे नया क्या है,...
परिवार हो या पार्टी हो उसके सामने चढाव व उताव तो आते रहते हैं। मुश्किलों का दौर भी आता है। उसका मुकाबला करना पड़ता है।
कोई भी चुनाव हो, चुनाव के वक्त सारे राजनीतित दल वादे करते हैं कि वह सत्ता में आए तो यह वादे पूरे करेंगे।हर राजनीतिक दल का अपना चुनाव घोषणा पत्र होत...