छत्तीसगढ़ राज्य को बने चौबीस साल पूरे हो रहे हैं, राज्य 25वें वर्ष में प्रवेश करने जा रहा है।यह एक ऐतिहासिक समय है। भाजपा व सीएम साय बड़े भाग्यशाली हैं कि राज्य की जनता ने कांग्रेस को नकार कर उनको सत्ता से हटा दिया।यह समय है अगले 25 साल छत्तीसगढ़ के विकास के लिए सोचने का, योजनाएं बनाने का,जनता के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का।यह काम राज्य की जनता ने भाजपा को सौंपा है। भाजपा वैसा ही कर रही है जैसा राज्य की जनता चाहती है।विकसित छत्तीसगढ़ ऐसा ही एक बड़ा लक्ष्य है साय सरकार का।
यह ऐसा लक्ष्य है कि इस बारे में दूसरे नेता भी सोच सकते थे लेकिन किसी ने सोचा नहीं क्योंकि उनकी पार्टी का नेता ही ऐसा नहीं है कि अपनी पार्टी के हटकर देश के भविष्य के बारे में सोच सके। देश को विकसित भारत बनाने के बारे में सोच सके।छत्तीसगढ़ के सीएम साय इसलिए ऐसा सोच सकें, उनका नेता ऐसा देश के लिए सोचता है, पीएम मोदी ने आजादी के 75 वें वर्ष होने पर भारत को विकसित भारत बनाने का लक्ष्य तय किया है। देश के लिए इससे बड़ा कोई लक्ष्य नहीं हो सकता क्योंकि इस लक्ष्य को हासिल करने पर बहुत सारी जो समस्याएं वह हल हाे जाएंगी।
जब पीएम विकसित भारत के बारे सोचते हैं तो सीेएम को भी अपने राज्य को विकसित राज्य बनाने के बारे में सोचना होगा। यह जरूरी भी तो है क्योंकि हर राज्य विकसित होगा तब ही तो देश विकसित होगा।सीएम साय वही कर रहे हैं जो पीएम मोदी चाहते हैं देश के विकसित बनाने के लिए राज्य को विकसित बनाने का प्रयास। इसके लिए साय सरकार योजनाएं बना रही हैं, रोड मैप बना रही है, कब क्या करना है ,कैसे करना है,तय करती जा रही है। बहुत सारे ऐसे काम विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के लिए हो रहे है।
साय सरकार को बने कुछ ही महीने हुए हैं, उसने चुनाव में किए ज्यादातर वादे पूरे कर दिए हैं।राज्य की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए हर माह उनके खाते में सरकार एक हजार रुपए डाल रही है और निरंतर साबित कर रही है कि वह जैसा कहती है,वैसा करती है।राज्य की महिलाएं भूपेश सरकार की तुलना में साय सरकार से ज्यादा खुश हैं क्योंकि भूपेश सरकार ने महिलाओं से किया शराबबंदी का वादा पूरा नहीं किया। साय सरकार ने महिलाओं से वादा किया कि वह हर माह उनके खाते में एक हजार रुपए देगी और वह अपना वादा पूरा कर रही है।
साय सरकार इस मायने में भी भूपेश सरकार से बेहतर मानी जाती है कि रमन सरकार ने जो वादा किया था, वह पूरा नहीं हुआ था तो साय सरकार ने उसे पूरा किया और भाजपा सरकार पर जो वादाखिलाफी का दाग लगा था, उसे मिटा दिया।कांग्रेस पर शराबबंदी न करने का जो दाग लगा है, पता नहीं कब धुलेगा।
साय सरकार को आए कुछ ही महीने हुए हैं लेकिन साय सरकार बेदाग है।इसके किसी मंत्री पर कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है।ऐसा नहीं है कि साय सरकार को इसके लिए कुछ नहीं करना पड़ा। साय सरकार का मालूम है कि कहां कहां भ्रष्टाचार की गुंजाइश हो सकती है, वैसी तमाम जगहों पर ऐसी व्यवस्था की है कि कोई भ्रष्टाचार करने की गुंजाइश ही नहीं है। शराब बिक्री के क्षेत्र में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार की गुंजाइश होती है तो सरकार ने ऐसी व्यवस्था कर दी है कि कोई भ्रष्टाचार न कर सके। आबकारी अमला खुद सीएम ने इसीलिए अपने पास रखा है।
पीएम व सीएम चाहे तो ऐसी व्यवस्था कर सकते हैं कि भ्रष्टाचार होने की कोई गुंजाइश न रहे। पीएम मोदी ने केंद्र में ऐसा करके दिखाया है और सीएम राज्य में ऐसा करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए जरूरी है जैसा पीएम अपने मंत्रियों से कहते हैं कि हर साल अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करें। साय सरकार को भी अपने मंत्रियों से हर साल ऐसा करने को कहना चाहिए।
छत्तीसगढ़ 24 साल में चार सीएम हुए हैं। इसका मतलब है कि यहां राजनीतिक स्थिरता रही है, इसी वजह से यहां विकास उत्तराखंड व झारखंड की तुलना में ज्यादा हुआ है। यहां की जनता दूसरे राज्यों की तुलना में ज्यादा परिपक्व है, उसने हमेशा राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए जिसे भी दिया बहुमत दिया ताकि वह पांच साल ठीक से राज्य के लिए काम कर सके। रमन सिंह ने अच्छा काम किया इसलिए उनको यहां की जनता ने तीन बार सरकार चलाने का मौका दिया।कांग्रेस को दो बार मौका दिया लेकिन पहली बार कांग्रेस को तीन साल का समय मिला और वह जितना संभव हुआ राज्य के लिए काम करने का प्रयास किया।
दूसरी बार भूपेश बघेल को मौका मिला। उनके पास मौका था अपने को रमन सिंह से बेहतर सीएम साबित करने का लेकिन वह राज्य से ज्यादा पार्टी की फिक्र करने के कारण जनता की नजर से उतर गए।जनता ने राज्य की फिक्र करने के लिए चुना था, रमन सिंह की जगह चुना था मतलब जनता उम्मीद कर रही थी वह रमन सिंह से ज्यादा अच्छा काम करेंगे। लेकिन भूपेश बघेल ने जनता को निराश किया और अब रमन सिंह से बेहतर नेता वह खुद को शायद ही कभी साबित कर पाएं।इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता कि भूपेश बघेल ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने को जो सपना था, प्रयास किया था, उसका कुछ लाभ राज्य को मिला। लेकिन वह विकास के मामले में गांवों तक ही सीमित रह गए माना जाता है कि वह राज्य के संतुलित विकास को गति नहीं दे सके।
यह जिम्मेदारी अब जनता ने सीएम साय को सौंपी है और वह इसके लिए कुछ महीनों मेें बहुत कुछ कर चुके हैं। अभी उनके पास चार साल का समय है, वह इस दौरान बहुत कुछ ऐसा कर सकते हैं जैसा पहले किसी ने न किया हो।नक्सलियों के सफाए का काम उनका सबसे बड़ा काम है, यह काम उनसे पहले की सरकारें नहीं कर सकी थीं,हर सरकार में कुछ न कुछ कमी होती है,साय सरकार की बड़ी खामी है कि वह कानून व्यवस्था के मामले में कुछ भी ऐसा नहीं कर पा रही है कि जनता उसे दूसरी सरकारों से बेहतर कहे। जनता तो कानून व्यवस्था के मामले योगी जैसा सीएम चाहती है, साय को ऐसा करके दिखाना होगा। साय ने ऐसा करके दिखा दिया तो वह राज्य की सबसे बेहतर सीएम माने जाएंगे।
वक्त बदलता है लोग भी बदलते हैं, बदलना ही पड़ता है,वक्त के साथ चलने के लिए बदलना जरूरी होता है। जो लोग नहीं बदलते हैं वह अतीत में जीते रहते हैं,
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