कहावत है कि बोया बीज बबूल को तो आम कहां से होय।हमेशा ऐसा हो होता है कि बबूल का बीज बोने पर बबूल के कांटेवाले पेड़ ही होते हैं।यह उसी वक्त तय हो जाता है जब आदमी हो या देश बीज बबूल का बोता है तो उसे आम के मीठे फल कभी नहीं मिलते। उसको मिलते हैं बबूल के कांटे।इसलिए जब बबूल बोने वाले को कांटे मिलते हैं और वह परेशान होता है कि ऐसा क्यों हो रहा है तो समझदार लोग बताते हैं कि यह तो आप की करनी का फल है,आपने जैसा किया है,वैसा अब भोग रहे हैं।
आतंकवाद और आतंकवादियों को कोई देश बढ़ावा देता है, खुश होता है कि इससे पड़ोसी देश परेशान हैं। वह आतंकवाद का कुछ बिगाड़ नहीं पा रहा है। वह सोचता है कि वह पड़ोसी देश का बहुत नुकसान कर रहा है.वह यह सोचकर खुश होता है कि उसका पड़ोसी देश आतंकवाद के त्रस्त है,वह कुछ नहीं कर पा रहा है।वह ऐसा सोचते वक्त भूल गया था कि आतंकवाद को पालने पर, आतंकवाद व अलगाववाद को दूसरे देश में बढ़ावा देने पर एक दिन खुद का देश भी इसी समस्या से परेशान होगा।
पाकिस्तान ऐसा ही देश है जो आतंकवाद व अलगाववाद को कश्मीर में बढ़ावा देते वक्त भूल गया था एक दिन यही आतंकवाद व अलगाववाद उसके लिए सबसे बड़ी समस्या बन जाएगा।यही हो रहा है इन दिनों,पाकिस्तान में आए दिन आतंकवादी मस्जिदों में बमविस्फोट करते हैं, आए दिन होनेवाले बमविस्फोटों में बड़ी संख्या में लोग मारे जाते हैं।पाकिस्तान परेशान हैं कि इन आतंकियों का क्या कि्या जाए क्योंकि उनको पाला तो उसी ने है, हर तरह का प्रशिक्षण उसी ने उनको दिया, हर तरह के हथियार उसी ने उनको मुहैया कराए।
आज भारत पहले वाला भारत नहीं है,जब आतंकवादी बम विस्फोट करते थे वह विश्व के देशों से शिकायत करता था कि पाकिस्तान के आतंकवाद के कारण भारत को बड़ा नुकसान हो रहा है।पीएम मोदी के आने के बाद यानी २०१४ के बाद भारत ने आतंकवाद को समाप्त कर दिया है, पहले की तरह अब भारत में कहीं भी बमविस्फोट नहीं होते हैं। आतंकवादियों को बमविस्फोट के पहले ही पकड़ लिया जाता है, सीमा पर घुसपैठ करते वक्त मार दिया जाता है।कश्मीर में जरूर आए दिन आतंकवादी हिंसा की वारदात करते हैं।भारत को आज आतंकवादियों से और उनका पनाह देने वालों से अच्छी निपटना आता है।आज आतंकवादियों को मालूम है कि वह भारत भूमि पर कदम रखते ही मार दिए जाएंगे, इसलिए वह पहले की तरह भारत आने क हिम्मत नहीं करते हैं।
सीमा पर आतंकवादियों के अड्डे भी पहले की तरह नहीं रह गए हैं क्योंकि उनको मालूम है कि भारत एयरस्ट्राइक कर इन अड्डों को समाप्त कर सकता है।आतंकवादी तो उस शेर की तरह होते हैं जिनके मुंह खून लग गया होता है,उनकी आदत होती है हिंसा करने की उनका उपयोग पाकिस्तान पहले की तरह अफगानिस्तान, भारत के खिलाफ नहीं कर पा रहा है तो वह आतंकी गुट के लोग पाकिस्तान में ही आतंकवादी वारदात कर रहे हैं।आतंकियों को पनाह देने के कारण पूरे विश्व में पाकिस्तान बदनाम है, उसे विश्व के देशों से इसी वजह से अब मदद नहीं मिलती है। भारत ने विश्व मंच पर पाकिस्तान की पहचान आतंकवाद को पालने पोसने वाला देश के तौर पर बना दी है, इससे पाकिस्तान क छबि खराब हो गई है और पहले की तरह उसे बड़े देशों में आर्थिक मदद भी नहीं मिल रही है, इससे उसकी स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।
इसके बाद भी वह स्वीकार नहीं करता है कि भारत में मोस्ट वांटेड आतंकियों को उसने पनाह दे रखी है। लादेन को उसी पनाह दे रखी थी,अमरीका ने लादेन के पाकिस्तान में ही मारा था और इससे यह साफ हो गया था कि पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देता है। भारत में बड़ी बड़ी वारदात करने वाले आतंकियों को भी पाकिस्तान ने पनाह दे रखी है।वैसे तो पाकिस्तान इस बात को स्वाकारता नही है।
जब भी पाकिस्तान में किसी भारत में मोस्ट वांटेड आतंकी का कोई मार देता है और यह खबर विश्व में पढ़ी जाती है तो सब देश समझ जाते हैं कि पाकिस्तान में आतंकवादी था इसलिए वह मारा गया। इससे पाकिस्तान की ही बदनामी होती है, इससे इस बात की पुष्टि होती है कि पाकिस्तान ने आतंकियों को पनाह दे रखी है।उसके यहां रहने वाले आतंकियों के मारे जाने पर वह तिलमिलाता जरूर है लेकिन कुछ कर नहीं पाता है, कुछ कह नहीं पाता है, दूसरे देश क मीडिया जरूर यह आरोप लगाता है कि इसके पीछे भारत का हाथ है। लेकिन आज तक इस बात की कोई पुष्टि नही हुई है कि पाकिस्तान में रहने वाले एक दर्जन आतंकियों की हत्या भारत ने सुपार देकर करवाई है।
भारत ने हमेशा इससे इंकार किया है कि पाकिस्तान में यदि किसी आतंकवादी की हत्या हुई है तो उसमें भारत का हाथ है।हाल ही में पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकवाद हाफिज सईद का करीबी व भारत में मोस्ट वांटेड आतंकवादी अबु कताल को गोली मार दी गई है. बताया जाता है हाफिज सईद व अबु कताल कहीं जा रहे तब उन पर हमला किया गया। जिसमें अबु कलात मारा गया है, तथा सईद घायल बताया जाता है। इस मामले में भी आरोप लगाया गया है कि यह हमला भारत ने कराया था।हाले ही में बीएलए ने पाकिस्तान में ट्रेन हाइजैक कर लिया था,सेना के बहुत से लोगों को मार दिया तो इस मामले में भी पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाया था।
दोनों घटनाओं से साबित होता है कि पाकिस्तान आज उसी तरह आतंकवाद व अलगाववाद से परेशान है जैसे कभी भारत हुआ करता था।पाकिस्तान अपनी करनी का फल भुगत रहा है, वह भारत से कश्मीर को अलग करना चाहता था, आज पाकिस्तान की हालत यह है कि वह खुद कई हिस्सों में बंट सकता है।पाकिस्तान अफगानिस्तान में तालिबानी शासन से बड़ खुश था आज तालिबानी पाकिस्तान को तोड़ने और उसकी जमीन पर कब्जा करने की सोच रहे हैं, बीएलए भी उसी तरह का संगठन है,वह बलूचिस्तान को अलग देश बनाना चाहता है। पाकिस्तान भारत से जम्मू कश्मीर को तो अलग नहीं कर सका लेकिन आज उसके लिए बड़ी चुनाैती है कि वह पाकिस्तान को एक कैसे रखे।
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