जबलपुर (वीएनएस)। मध्यप्रदेश में शिक्षकों की उपस्थिति अब मोबाइल एप के जरिए दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन यह व्यवस्था लागू होते ही विवादों में घिर गई है। जबलपुर में सैकड़ों शासकीय शिक्षकों ने ई-अटेंडेंस के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है और मांग की है कि अगर ई-अटेंडेंस जरूरी है तो इसे सभी शासकीय कर्मचारियों पर समान रूप से लागू किया जाए।
शिक्षक संघ ने जताई आपत्ति
राज्य शिक्षक संघ के बैनर तले शिक्षकों ने एक विशाल रैली निकाली और नारेबाजी करते हुए जबलपुर जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में ई-अटेंडेंस व्यवस्था को रद्द करने या फिर इसे सभी विभागों पर लागू करने की मांग की गई है।
तकनीकी खामियों से परेशान शिक्षक
शिक्षकों का कहना है कि 1 जुलाई से लागू हुए ई-अटेंडेंस एप में भारी तकनीकी दिक्कतें हैं।
एप सुबह समय पर लॉगिन नहीं होता, जिससे उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाती।
शाम को 5 बजे के बाद एप खुलता ही नहीं, जिससे शिक्षकों को दूसरी बार उपस्थिति दर्ज करना संभव नहीं होता।
अगर एप फेल हुआ तो आगे चलकर इसे एमआईएस पोर्टल से जोड़ने की योजना है, जिससे शिक्षकों का वेतन भी प्रभावित हो सकता है।
‘थंब मशीन लगाएं’ – शिक्षक संघ
शिक्षक संघ की मांग है कि मोबाइल एप के बजाय स्कूलों में थंब इंप्रेशन मशीन लगाई जाए, जिससे उपस्थिति प्रक्रिया सटीक और समान हो सके।
“भेदभावपूर्ण रवैया” – शिक्षकों का आरोप
शिक्षकों ने आरोप लगाया कि सरकार शिक्षा विभाग को सबसे आसान निशाना बना रही है। एक शिक्षक ने कहा कि अगर जवाबदेही की बात है तो अन्य शासकीय विभागों में काम कर रहे कर्मचारियों से भी समान उपस्थिति की उम्मीद की जानी चाहिए।
फिलहाल, शिक्षकों की नाराजगी गहराती जा रही है और अगर सरकार ने जल्द समाधान नहीं किया, तो आंदोलन उग्र रूप ले सकता है।
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