जिले के धान खरीदी केंद्रों में हर साल बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आती हैं। समिति के पदाधिकारी और कर्मचारी मिलकर खरीदी में गड़बड़ी करते हैं और करोड़ों रुपये की अफरा-तफरी को अंजाम देते हैं। इस बार जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए पांच समितियों पर एफआईआर दर्ज कराई, लेकिन एफआईआर के बाद भी आरोपी फरार हैं।
सूत्रों के मुताबिक आरोपियों के फरार होने के पीछे कुछ जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत की चर्चा भी जोरों पर है। वहीं आंकड़ों की मानें तो जिले के अन्य धान खरीदी केंद्रों से भी अब तक करीब डेढ़ करोड़ रुपये की धान जमा नहीं हो पाई है।
प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि बाकी समितियों पर भी जल्द कार्रवाई की जाएगी, लेकिन बड़ा सवाल यही है कि पुलिस इन आरोपियों को कब तक गिरफ्तार कर सकेगी और उन्हें सलाखों के पीछे भेज पाएगी या नहीं।
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