कोई भी सरकार हो,सरकार की नीयत का पता तो उसके काम से चलता है,उसके काम से पता चलता है कि सरकार ईमानदार है या नहीं है
सच यह है कि महापुरुष तो पूरे मानव समाज का होता है, यानी हर समाज का होता है, पूरे राज्य का होता है, पूरे देश का होता है। उसे किसी समाज या राज्य के दायरे में नहीं रखना चाहिए, यह नहीं मानना चाहिए कि वह हमारे समाज का ही है
पहले चरण में बिहार में एसआईआर होने के बाद दूसरे चरण में १२ राज्यों में एसआईआर की घोषणा चुनाव आयोग ने कर दी है। इसे लेकर विवाद तो राजनीतिक दलों के बीच होना ही नहीं चाहिए।
छत्तीसगढ़ में सरकार को कोई बड़ा आयोजन हो तो सरकार को ही सावधान रहने की जरूरत होती है क्योंकि जितना बड़ा आयोजन होता है, उसमें रंग में भंग होने की भी बड़ी आशंका होती है।
..कहते हैं कि दिया जब बुझने को होता है तो वह ज्यादा फड़फड़ाता है। नक्सलियों का खात्मा भी बस्तर से जल्द होने वाला है,इसलिए वह बौखलाकर बेगुनाह लोगों की हत्या कर बताना चाहते हैं कि वह बस्तर में अभी है, बस्तर से उनका खात्मा अभी नहीं हुआ है।
इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता कि कांग्रेस को संगठन के तौर पर मजबूत करने की जरूरत है। कांग्रेस के कई दशकों से चले आ रहे पुराने तौर तरीकों से कांग्रेस का संगठन मजबूत नहीं हो रहा था।
भूपेश बघेल कांग्रेस के बड़े नेता है, वह किसी विषय में कुछ कहते हैं तो वह कांग्रेस की राय मानी जाती है। माना जाता है कि भूपेश बघेल को कांग्रेस की रीति-नीति की पूरी जानकारी है। वह जो कुछ कहते हैं, पार्टी लाइन के आधार पर ही कहते हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। एनडीए ने इसमें महागठबंधन से बाजी मारी
राजनीतिक दल चुनाव लड़ते हैं, उनकी सरकार बनती है। सरकार बनने पर वह बहुत से काम भी करते हैं। कई रूटीन के काम तो ऐसे होते हैं जो हर सरकार को करने ही पड़ते हैं।
राजनीति में नेता तो बहुत होते हैं,बहुत नेता काम करने वाले भी होते हैं लेकिन ऐसे नेता बहुत कम होते हैं जो वह काम भी करके दिखा देते हैं जिसको दूसरे नेता असंभव मानते थे,