देवगुड़ी को संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उन स्थलों के संरक्षण और संवर्धन के लिए विशेष प्रयासों पर जोर दिया है।
उत्तर भारत के कई इलाकों में ठंड की दस्तक, धान की कटाई और दिवाली के दौरान होने वाले प्रदूषण के लिए अकेला भारत जिम्मेदार नहीं है। पाकिस्तान में जलती पराली से आने वाला धुआं भी कई राज्यों की फिजा को ज़हरीली बनाने में कम कसूरवार नहीं है। नासा वर्ल्डव्य...
छत्तीसगढ़ के नीति निर्धारकों को दो कारकों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है एक तो यहां की आदिवासी बहुल आबादी और दूसरी यहां की कृषि प्रधान अर्थव्यस्था। राज्य की नीतियां तय करते समय इन दोनांे की अनदेखी नहीं की जा सकती, दोनों को ही बराबर महत्व देना पड़ता है।...
इस राज्योत्सव पर छत्तीसगढ़ 24 वर्ष का हो गया। युवा छत्तीसगढ़ पिछले 10 महीने के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सुशासन की सरकार में तेजी से प्रगति के पथ पर अग्रसर हो चला है। सड़कों, रेल लाइनों समेत अधोसंरचना के क्षेत्र में राज्य ने बीते...
मध्य-प्रदेश और छत्तीसगढ़ के राश्ट्रीय उद्यानों से हाथियों की असामयिक मौत की खबरें आना कोई नई बात नहीं है। नई बात इन हाथियों के मौत के कारण से जुड़ी है।
वैश्विक स्तर पर आज परिस्थितियां, विशेष रूप से राजनैतिक, रणनीतिक एवं आर्थिक क्षेत्र में, तेजी से बदल रही हैं। नए नए समीकरण बनते हुए दिखाई दे रहे हैं।
पिछले दिनों अंतरिक्ष से भारत की निगरानी प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने अंतरिक्ष आधारित निगरानी के तीसरे चरण को मंजूरी दे दी है। इसके तहत पृथ्वी की निचली और भूस्थिर कक्षाओं में जासूसी उपग्रहों का एक बड़ा समूह लॉन्...
भारत भूमि का एक बड़ा हिस्सा वनों एवं जंगलों से आच्छादित है। भारतीय नागरिकों को प्रकृति का यह एक अनोखा उपहार माना जा सकता है। इन वनों एवं जंगलों की देखभाल मुख्य रूप से जनजाति समाज द्वारा की जाती रही है। जनजाति समाज की विकास यात्रा अपनी भूख मिटाने ए...
हाल ही में ब्रिक्स समूह के देशों का सम्मेलन रूस के कजान शहर में सम्पन्न हुआ। इस सम्मेलन में रूस ने भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत तो किया ही, साथ ही, चीन के राष्ट्रपति के साथ भी भारत के प्रधानमंत्री की द्विपक्षीय वार्त...
धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी इस दिन का विशेष महत्व है। शास्त्रों में कहा है कि जिन परिवारों में धनतेरस के दिन यमराज के निमित्त दीपदान किया जाता है। वहां अकाल मृत्यु नहीं होती। घरों में दीपावली की सजावट भी इसी दिन से प्रारम्भ होती है।