अमेरिका के इस चुनाव में भारत के लोकसभा चुनाव की तरह ही प्रचार किया गया। कई प्रकार के नैरेटिव स्थापित करने का प्रयास किए गए। वामपंथी विचार के मीडिया ने ट्रम्प की राह में अवरोध पैदा करने के भरसक प्रयास किए।
कैलाश गहलोत ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की सीएम आतिशी को इस्तीफा भेजा है। दिल्ली की सीएम आतिशी ने गहलोत का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। गहलोत ने अपने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए एक लम्बा पत्र के...
भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति जैसे कि आयुर्वेद और योग दूसरी पद्धतियों के मुकाबले सस्ती एवं सुगम हैं। इसके लिए ज्यादा इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं पड़ती। मौजूदा स्वास्थ्य ढांचे के जरिये ही इन्हें भी लागू किया जा सकता है।
अज़रबैजान के बाकू में जलवायु वार्ता का वार्षिक दौर खतरे की घंटी के साथ शुरू हुआ है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने अपने वार्षिक आकलन में बताया है कि 2024 सबसे गर्म साल रहने का रिकॉर्ड बनाने जा रहा है, जिसमें जनवरी और सितंबर के बीच वैश्विक औसत तापमान ...
सर्वोच्च न्यायालय ने अपराधियों पर सख्ती बरतने के बहाने उनके भवनों को बुलडोजर से नेस्तनाबूद कर देने की कार्यवाही पर रोक लगाने का बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने नगर निगम के सारे दावों की पोल खोल कर रख दी और यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण स्तर को लेकर नगर निगम को फटकार लगाई। इस तरह के मामले में इससे राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने भी नगर निगम के खिलाफ अप्रैल में आदेश दिया था।
जनजातीय गौरव दिवस पर यह अवश्य याद रखना चाहिए कि अभारतीय ताकतों ने अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र के अंतर्गत जनजातीय समुदाय को भ्रमित करने के लिए 9 अगस्त को ‘वर्ल्ड इंडिजिनियस पीपल्स डे’ को ‘आदिवासी दिवस’ कहकर भारत में बढ़ावा दिया गया।
कुंभ मेले की तैयारियां अंतिम चरण में हैं और अखाड़ों की सक्रियता बढ़ गई है। महाकुंभ को लेकर देश ही नहीं विदेश में भी खूब चर्चा होती है। यदि गंगाजल की गुणवत्ता को लेकर ऐसे ही सवाल उठते रहे तो देश-दुनिया में अच्छा संदेश नहीं जाएगा।
देशभर में जनजातीय गौरव दिवस का उल्लासपूर्ण वातावरण बना हुआ है। जनजातीय समाज के गौरवशाली अतीत से लेकर उनकी अनुसरणीय समाज व्यवस्था, आध्यात्मिकता और विशिष्ट ज्ञान परम्परा तक की चर्चा की जा रही है।
राज्य में आईएनडीआईए (इंडिया) और एनडीए गठबंधनों के बीच सीधी टक्कर होने की बातें कही जाती हैं, लेकिन धरातल पर इस बार भी पूर्व की तरह मुख्य चुनावी लड़ाई मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा और भारतीय जनता पार्टी में ही दिखाई पड़ रही है।