सारंगढ़ बिलाईगढ़ (वीएनएस )। राज्य सरकार ने प्राकृतिक आपदा से मनुष्य, पशु, घर, फसल आदि को होने वाले क्षति के लिए राजस्व और ऊर्जा विभाग (विद्युत कंपनी) के माध्यम से शासकीय कार्यवाही के बाद पीड़ित या उसके परिजन को आर्थिक अनुदान सहायता राशि देने का प्रावधान किया है।
सरकारी अनुदान सहायता राशि प्राप्त करने के लिए पीड़ित या उनके परिजनों को घटना के हिसाब से सरकारी या निजी अस्पताल में इलाज और पुलिस वाले केस में थाना में रिपोर्ट दर्ज करना चाहिए। सरकारी कार्यवाही में इन सभी दस्तावेजों की जरूरत होती है।
राजस्व अधिकारियों को प्राकृतिक प्रकोप से हुई हानि का आकलन करने एवं पीड़ितों को सहायता उपलब्ध कराने की कार्रवाई में माननीय जनप्रतिनिधियों का अधिक से अधिक विश्वास एवं सहयोग से पीड़ित तक राशि उपलब्ध कराने का राज्य सरकार का उद्देश्य पूरा होता है।
प्राकृतिक प्रकोपों में, नैसर्गिक विपत्तियों के कारण नदी, तालाब, बांध, नहर, नाला, कुंआ, गड्डे आदि में गिरकर पानी में डूबने से, सर्प, बिच्छू, गुहेरा या मधुमक्खी के काटने से, नाव दुर्घटना से, रसोई गैस सिलेंडर या स्टोव फटने से, खदान धसकने से, लू से, आकाशीय बिजली से, पेड़ या डंगाल के गिरने से, बिजली करंट से, अतिवृष्टि ओला पाला, तुसार, शीतलहर, टिड्डी, बाढ़, सूखा, आंधी, तूफान, भूकंप, भू-स्खलन, बादल का फटना, मिट्टी या बर्फ के पहाड़ों का खिसकना, सुनामी, कीट प्रकोप एवं अग्नि दुर्घटनाओं से जनहानि, पशुहानि और फसल हानि होती है।
इन आपदाओं में मृतक व्यक्ति के परिवार के निकटतम वारिस को 4 लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी जाती है। मृत व्यक्ति में बच्चा भी शामिल है। परिवार में एक से अधिक व्यक्ति होने पर वारिस को सहायता अनुदान प्रत्येक मृतक के मान से दे होगा। राज्य के किसी भी व्यक्ति की मृत्यु प्राकृतिक आपदा से अपने गृह जिले के अतिरिक्त अन्य जिले में होती है तो मृतक व्यक्ति के परिवार को उसके मूल गृह जिले से अनुदान सहायता प्रदान की जाएगी मृत्यु स्थल से घटना का सत्यापन प्राप्त कर संबंधित कलेक्टर अनुदान सहायता की स्वीकृति देंगे।
पदा के समय राहत एवं बचाव कार्य में लगे अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मृत्यु होने पर उनके परिवार को भी अनुदान सहायता की पात्रता होगी। राज्य के सीमावर्ती प्रदेशों में उपरोक्त आपदाओं के समय किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उस राज्य से घटनास्थल का प्रतिवेदन प्राप्त कर मृत व्यक्ति के मूल निवास जिले में मृतक परिवार को अनुदान सहायता प्रदान की जाएगी।
ऐसे भारतीय नागरिक जो अन्य देश की नागरिकता ग्रहण कर लिए हैं या विदेशी नागरिक हो, उनका आपदाओं से मृत्यु होती है तो उनके परिवार को आर्थिक अनुदान सहायता की पात्रता नहीं होगी। राज्य शासन ने संबंधित पीड़ित को तत्काल अनुदान के रूप में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए राजस्व पुस्तक परिपत्र (आरबीसी 6-4) में प्रावधान किया है, ताकि संबंधित व्यक्ति या उनके परिवार पर आई विपदा का मुकाबला करने के लिए उनमें मनोबल बना रहे और वह अपने परिवार को पुनर्स्थापित कर सके।
राजस्व पुस्तक परिपत्र (आरबीसी 6-4) का उद्देश्य पीडितों को तात्कालिक आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना है न कि संबंधित को हुई क्षति की पूर्ण प्रतिपूर्ति मुआवजे के रूप में प्रदान करना, किन्तु यह भी आवश्यक है कि ऐसे मामलों में जिनमें किसी प्राकृतिक प्रकोप के कारण लोगों एवं परिवारों को ऐसी हानि हुई ।
जिसमें वे बेघर एवं बेरोजगार हो गये हैं, वहां पर्याप्त राहत पहुंचाने का प्रावधान है। पीडित को सहायता राशि उसके बैंक खाते में सीधे लाभ अंतरण (डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर) की विधि से प्रदान की जाएगी।
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