बेमेतरा (वीएनएस)। बेमेतरा जिले में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित दुर्ग के तहत विभिन्न शाखाओं में पदस्थ समिति प्रबंधक सहित नौ अधिकारियों और कर्मचारियों को आर्थिक अनियमितता के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है। इन पर 2016 से 2023 के बीच लगभग 5 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है।
जांच में खुलासा, मौका मिलने के बावजूद नहीं लौटाई राशि
गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद विभागीय जांच कराई गई, जिसमें अनियमितता की पुष्टि हुई। दोषी कर्मचारियों को गबन की गई राशि जमा करने का मौका दिया गया था, लेकिन उन्होंने राशि वापस नहीं की। इसके बाद बैंक के स्टाफ उप समिति ने इन पर कार्रवाई की सिफारिश की।
घोटाले की रकम 4 करोड़ 87 लाख से अधिक
इन अधिकारियों ने बैंक के 16 समितियों में पदस्थ रहने के दौरान 4 करोड़ 87 लाख रुपये से अधिक की राशि का गबन किया। जांच रिपोर्ट बैंक स्टाफ उप समिति के समक्ष पेश की गई, जिसके आधार पर दोषियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
बर्खास्त अधिकारी और उनकी अनियमितता
जांच में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ विस्तृत जानकारी सामने आई:
शेषनारायण चौधरी (समिति प्रबंधक): नवागढ़ और अंधियार खोर में 1.77 करोड़ रुपये का गबन।
श्याम सुंदर कश्यप (समिति प्रबंधक): मारो और गुंजेरा में 92.90 लाख रुपये की अनियमितता।
रामजी खंडे: संबलपुर में 9.92 लाख रुपये का घोटाला।
राम जोशी: रनबोड़ प्रतापपुर में 25 लाख रुपये का गबन।
हीराधर मैत्री (पर्यवेक्षक): थानखमरिया और खैरझिटी में 87.63 लाख रुपये की गड़बड़ी।
दीनबंधु पटेल: साजा और हॉटरांका में 48.71 लाख रुपये का गबन।
सतीश यादव: साजा और केवतरा में 18.26 लाख रुपये की अनियमितता।
राजाराम वर्मा (लिपिक): नवागढ़ और मारो में चेक क्लियरिंग के बिना 24.54 लाख रुपये की हेराफेरी।
बैंक की सख्त कार्रवाई
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक दुर्ग के इतिहास में यह पहली बार है कि इतने बड़े स्तर पर कर्मचारियों को सेवा मुक्त किया गया है। बैंक यूनियन के सहसचिव विनोद राजपूत ने बताया कि पहले ऐसे मामलों में केवल निलंबन या समायोजन की कार्रवाई होती थी, लेकिन इस बार कठोर कदम उठाए गए हैं।
एफआईआर और वसूली की अनुशंसा
बैंक की स्टाफ उप समिति ने दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और गबन की गई राशि वसूलने की सिफारिश की है। अब प्रशासन कानूनी कार्रवाई के लिए कदम उठाने की तैयारी कर रहा है।
बैंक की साख को झटका
इस बड़े घोटाले ने बैंक की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामले में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई से भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने का संदेश दिया गया है।
जिला सहकारी बैंक बेमेतरा में हुए इस घोटाले से किसानों और आम जनता की परेशानियां बढ़ी हैं। हालांकि, बैंक द्वारा की गई सख्त कार्रवाई से पारदर्शिता और जवाबदेही की उम्मीदें जागी हैं। अब सभी की निगाहें प्रशासन और न्यायिक कार्रवाई पर टिकी हैं।
नगरीय निकाय आम निर्वाचन के अंतर्गत कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल ने आज शहीद कौशल यादव महाविद्यालय गुण्डरदेही में पहुँचकर स्ट्रांग रूम व मतगणना क...
नगरीय निकाय आम निर्वाचन के अंतर्गत कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल ने आज जिले के नगरीय निकायों में पहुँचकर मतदान केन्द्रों का निरीक्षण किया। इस दौ...
नगरीय निकाय निर्वाचन 2025 के अंतर्गत जिले में सभी वर्गो में काफी उत्साह देखने को मिला। सभी ने बढ़-चढ़कर अपने मताधिकारी का प्रयोग किया। सुबह से सभी ब...
त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2024-25 के तहत मतदान कार्य में लापरवाही बरतने पर तहसील कार्यालय सोनहत में पदस्थ सहायक ग्रेड-03 सतीश मिंज को निलंबित क...
नगरीय निकाय निर्वाचन 2025 के तहत नगर पंचायत पटना में 15 केन्द्रों में मतदान निर्धारित समय सुबह 8 बजे से ही शुरू हो गया था। मतदाता घर से निकलकर मतदा...
छत्तीसगढ़ में स्टार्टअप्स को सशक्त बनाने और उन्हें वित्तीय सहायता सुनिश्चित करने के लिए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा में आवाज उठाई। उन्होंने क्र...