बेरूत (वीएनएस)। हिजबुल्लाह के महासचिव नईम कासिम ने दोहराया कि उनका ग्रुप दक्षिणी लेबनान में किसी भी इजरायली मौजूदगी की अनुमति नहीं देगा। अल-मनार टीवी के साथ एक टेलीविजन इंटरव्यू में, कासिम ने कहा कि युद्ध विराम समझौते के दौरान, हिजबुल्लाह ने ऑपरेशन बंद कर दिए लेकिन पूरी तरह से अलर्ट रहा।
हिजबुल्लाह महासचिव ने कहा, पिछले 60 दिनों में, इजरायल ने कई उल्लंघन किए हैं। समझौते में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इजरायल को लिटानी नदी से आगे पीछे हटना होगा।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक घरेलू मामलों पर कासिम ने राष्ट्रीय स्थिरता और शासन के प्रति हिजबुल्लाह के समर्पण को दोहराया। आंतरिक सुरक्षा पर सुरक्षा बलों के विशेष अधिकार का समर्थन किया। हालांकि, उन्होंने कहा कि हिजबुल्लाह के हथियार इजरायल का सामना करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
कासिम के मुताबिक, इजरायल एक खतरा है, और प्रतिरोध करना लेबनान का अधिकार है।" उन्होंने लेबनान के पुनर्निर्माण पर भी बात की और युद्धग्रस्त क्षेत्रों का पुनर्निर्माण राज्य की जिम्मेदारी है।
हिजबुल्लाह महासचिव ने राजनीतिक और सैन्य मामलों में हिजबुल्लाह की निरंतर भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक इजरायली खतरे बने रहेंगे, तब तक 'प्रतिरोध' जारी रहेगा।
27 नवंबर, 2024 को हुए युद्धविराम समझौते ने हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच एक साल से चल रही लड़ाई को काफी हद तक रोक दिया। इसमें दो महीने का पूर्ण पैमाने पर युद्ध भी शामिल था।
इस समझौते में 60 दिनों के भीतर दक्षिणी लेबनान से इजरायली सेना की वापसी अनिवार्य की गई थी। हालांकि, इजरायल ने हिजबुल्लाह से चल रहे खतरों का हवाला देते हुए सीमा पर पांच रणनीतिक स्थानों पर अपनी उपस्थिति बनाए रखी है।
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