दुर्ग (वीएनएस)। छत्तीसगढ़ राज्य में पेपरलेस कोर्ट, पारदर्शी और त्वरित न्याय की अवधारणा को साकार करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण एवं क्रांतिकारी कदम उठाते हुए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने जिला एवं सत्र न्यायालय दुर्ग में डिजिटाईजेशन सेंटर, लॉयर्स हॉल एवं नवीन कॉन्फ्रेंस हॉल का उद्घाटन किया।
जिला बिलासपुर एवं रायपुर के बाद राज्य के जिला न्यायालयों में तीसरे ’डजिटाइजेशन सेंटर’ का वर्चुअली उद्घाटन किया गया, जो दस्तावेजों के डिजिटलीकरण को आगे बढ़ाने और न्यायालय संचालन को आधुनिक बनाने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस अवसर पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा ’आज हम जिला एवं सत्र न्यायालय दुर्ग में डिजिटाईजेशन सेंटर’ के वर्चुअल उद्घाटन के अवसर पर एकत्रित हुए हैं, जो राज्य न्यायपालिका में तीसरा न्यायालय बन गया है. जहाँ डिजिटलीकरण केंद्र की शुरुआत की गई है। कुछ दिन पहले ही हमने जिला न्यायालय बिलासपुर एवं रायपुर में राज्य न्यायपालिका में डिजिटाईजेशन सेंटर का उद्घाटन किया था। उन्होंने कहा हम नई तकनीक की उन्नति की ओर आगे बढ़ रहे हैं, इस तकनीक कोे न्यायपालिका ने पूरे भारत में और देश के सभी राज्यों में अपनाया है। मुझे गर्व होता है कि न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्ता संघ के अधिवक्तागण एवं प्रशासन के अधिकारीगण के सामूहिक प्रयास से यह दिन संभव हो सका है। हमें प्रभावी और पारदर्शी न्यायपालिका के लिए प्रौद्योगिकी का लाभउठाना चाहिए।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर मुख्य न्यायाधीश ने सभी को हार्दिक बधाई दी तथा जिला न्यायालय से डिजिटलीकरण केंद्र द्वारा प्रस्तुत अवसरों का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया। न्यायाधीश न्यायमूर्ति सिन्हा ने कहा कि जिला न्यायालय को डिजिटलीकरण केंद्र का पूरा उपयोग करना चाहिए, काम करने के लिए बेहतर स्थान बनाना चाहिए और केंद्र का लाभ उठाना चाहिए, जिससे पक्षकार, वकील और संस्थान से जुड़े सभी लोग इसका लाभ उठा सकें। छत्तीसगढ़ की न्यायपालिका तकनीकी एवं डिजिटल संसाधनों का उपयोग कर लोगों को त्वरित, सुलभ एवं किफायती न्याय प्रदान करने वाले अग्रणी राज्यों में शामिल है।
’डिजिटाइजेशन सेंटर’ का उद्घाटन कार्यक्रम न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार व्यास, न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं जिला न्यायालय दुर्ग के पोर्टफोलियो न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश मोहन पांडे, न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय कम्प्यूटरीकरण समिति के सदस्य, न्यायमूर्ति रवींद्र कुमार अग्रवाल, न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय कम्प्यूटरीकरण समिति के सदस्य तथा न्यायमूर्ति बी.डी. दत्ता गुरु, न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय कम्प्यूटरीकरण समिति के सदस्य की गरिमामयी उपस्थिति में आयोजित किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल विनोद कुजूर, अन्य रजिस्ट्री के अधिकारीगण, दुर्ग जिले के न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्ता संघ के अधिवक्तागण एवं प्रशासनिक अधिकारीगण की गरिमामयी उपस्थिति रही। संगोष्ठी की शुरुआत में स्वागत भाषण प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्ग डॉ. प्रज्ञा पचौरी मैडम द्वारा दिया गया और समापन धन्यवाद ज्ञापन मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दुर्ग द्वारा किया गया।
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