यह तो ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है...

Posted On:- 2025-05-07




सुनील दास

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों के हाथों २६ भारतीयों के मारे जाने से पूरे देश में गुस्सा है, देश के लोग २२ अप्रैल के बाद से इंतजार कर रहे थे कि सेना इस मामले में कब आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी, क्या कार्रवाई करेगी। आतंकियों के हमले के बाद मोदी सरकार ने कहा था कि आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, ऐसी कार्रवाई की जाएगी जैसी पहले कभी नहीं की गई थी और ऐसी कार्रवाई की जाएगी कि आतंकवादी और उनको पनाह देने वाले याद रखेंगे। पीएम मोदी ने कहा था कि आतंकवादियों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा। वह दिन कौन सा होगा, वह दिन कब आएगा देश के लोग राेज इंतजार कर रहे थे। देश के लोगों को पीएम मोदी पर भराेसा था कि उन्होंने कहा है आतंकवादियों का मिट्टी में मिला देंगे तो आतंकवादियों का मिट्टी में मिलाने का काम किया जाएगा। हर रोज देश के लोगों को लगता था कि पीएम मोदी आज आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई कर देश को चौंका देंगे।

इससे पहले जो आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी उसमें १० से १२ दिन लगे थे। दस बारह दिन बीत जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर लोग सोच रहे थे कि कार्रवाई मे देरी क्यों हो रही है।इसकी वजह यह थी कि कार्रवाई तो सेना को करनी थी और ऐसी कार्रवाई करनी थी जिसमें असफलता की एक प्रतिशत गुंजाइश न हो।जब सौ प्रतिशत सफलता के लिए काम किया जाता है  तो उसके लिए वैसी तैयारी की जाती है, सोचविचार किया जाता है। बड़ी और सफल कार्रवाई करनी थी इसलिए इसमें वक्त लग रहा था,पीएम मोदी ने तय कर दिया था कि क्या करना है और उन्होंने सेना को तय लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी छूट दे दी थी। 

सेना ने अपने हिसाब से दिन तय किया और वह दिन था मंगलवार और समय था रात को १.०५ मिनट। रात एक बजकर पांच मिनट पर आतंकियों को मिट्टी में मिलाने का काम शुरू हुआ और मात्र २५ मिनट में लश्करे-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन से जुडे़ संगठन जैशे मोहम्मद के नौ ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया गया। ऐसा करना जरूरी भी था।इन ठिकानों में पाकिस्तान के संरक्षण में आतंकियों को प्रशिक्षित किया जाता था और भारत हमले करने के लिए भेजा जाता था, इन ठिकानों को निशाना इसलिए बनाया गया कि भारत सरकार के पास खबर थी कि आतंकवादी फिर से भारत पर हमला करने वाले हैं, इससे पहले आतंकी फिर से भारत पर हमला करते भारत ने उनके ठिकानों पर हमला कर उनको मार दिया है। ऐसा करना भारत का अधिकार है।

भारत ने नक्सलियों को मिट्टी में मिलाने वाला आपरेशन का नाम आपरेशन सिंदूर रखा क्योंकि यह देश के महिलाओं से सुहाग से जुड़ा मामला था और आतंकियों ने महिलाओं के सुहाग को मारकर उनकी मांग का सिंदूर मिटा दिया था और महिला को जिंदा छोड़ते हुए कहा था जाकर मोदी को बताना।यह भारत व पीएम मोदी को चुनौती थी देश के महिलाओं के सुहाग छीनने वालों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जाए कि वह फिर कभी ऐसी चुनाैती भारत व भारत के पीएम न दे सकें। पहलगाम के आतंकी हमले के विरोध में भारत ने पाक सीमा में घुसे बगैर आतंकियों के सीमा के पास के ९ ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की।यह कार्रवाई इतनी गोपनीय थी कि इसकी भनक जब तक आतंकियों को मिट्टी में नहीं मिला दिया तब तक किसी को इसका पता नहीं चला।

लोग पीएम मोदी का मजाक उड़ाते रहे, व्यंग्य करते रहे, लेकिन पीएम मोदी ने सेना को कार्रवाई करने की पूरी छूट दी थी इसलिए सेना को ही कार्रवाई का दिन तय करना था और सेना ने उसी दिन कार्रवाई की जिस दिन उसने चाहा। सेना की कार्रवाई में आतंकवादी मारे गए हैं यह तो तय है लेकिन कितने आतंकवादी मारे गए हैं,इसके आंकड़े अलग अलग बताए जा रहे है, कोई कह रहा है कि ७० आतंकवादी मारे गए हैं कोई कह रहा है कि ९० आतंकवादी मारे गए हैं। कोई कह रहा है कि मारे गए आतंकियों की संख्या सौ से ज्यादा है। बताया जा रहा है कि जब पाकिस्तान के पीओके,पंजाब आदि राज्यों  नौ ठिकानों पर हमला किया गया तो वहां कम के कम ९०० से ज्यादा आतंकी  थे।

जैशे मोहम्मद के आतंकवादी नेता मसूद अजहर के जारी किए गए बयान के अनुसार तो  भारत की कार्रवाई में उसके परिवार के दस सदस्य मारे गए हैं तथा उसके चार निकट सहयोगी भी मारे गए है। बताया जाता है कि ऊपर मदरसा था और  नीचे हथियार रखने व परिवार के लोगों के रहने के लिए बेेसमेंट बनाया गया था.परिवार इसी बेसमेंट में था। भारत ने जिस मिसाइल से हमला किया वह इतनी शक्तिशाली थी कि जमीन के नीचे बनाए बेसमेंट तक पहुंच गई और बेसमेंट जितने लोग थे सब मारे गए।

भारत को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऐसी कार्रवाई करनी थी कि जवाब में पाकिस्तान भारत के खिलाफ हमला करना चाहे तो न कर सके। भारत ने एयर स्ट्राइक की तो उसने कहीं कहा कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एयरस्ट्राइक की है। भारत की तरफ से कहा गया है कि भारत ने जो कार्रवाई की है, वह भारत में घुसकर २६ लोगों की हत्या करने वाले आतंकवादियों के खिलाफ की है, वह भी इसलिए की है कि भारत के पास सूचना है कि आतंकवादी फिर से भारत में हमला कर सकते हैं।ऐसे सूचना होने पर कोई भी देश आतंकवादियों के खिलाफ वही करता जो भारत ने किया है।भारत के आतंकियों के हमले के जवाब में पाकिस्तान भारत पर हमला कर ही नहीं सकता था क्योंकि भारत ने पाकिस्तान पर तो हमला किया नहीं था।अगर पाकिस्तान हमला करता तो यह पाकिस्तान का भारत पर हमला माना जाता और पाकिस्तान से पूछा जाता कि उसने भारत पर हमला क्यों किया।ऐसे में पाकिस्तान को भारत पर हमला करने वाला माना जाता भारत को युध्द के लिए उकसाने वाला माना जाता।

यही वजह है कि भारत की कार्रवाई के बाद भी पाकिस्तान ने कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की है। बहुत से लोग जो भारत की कार्रवाई के बाद भारत पाक में युध्द होने की आशंका जता रहे थे, वह निर्मूल साबित हुई है।भारत की सेना की कार्रवाई पर विपक्ष ने इस बार पिछली बार की तरह सवाल नहीं उठाया, किसी ने कोई सबूत नहीं मांगा। इस बार सेना ने कार्रवाई की और उसका सबूत भी लेकर आई और देश के लोगों ने उसे देखा है। यही वजह है कि इस बार किसी की हिम्मत नहीं हुई की सबूत क्या है। अभी तो सब कार्रवाई के लिए सेना की तारीफ कर रहे हैं। कह रहे हैं कि इससे संदेश गया है कि भारत को जवाब देना आता है और भारत ने ऐसा जवाब दिया है कि इसे हमेशा याद रखा जाएगा। ऐसा नहीं है कि इसके बाद भारत चुप बैठने वाला है, यह भले ही पहली कार्रवाई है लेकिन यह अंतिम कार्रवाई नहीं है। यह तो ट्रेलर है,पिक्चर अभी बाकी है।



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