पाकिस्तान आतंकियों काे पालता पोसता इसलिए है कि उनका इस्तेमाल कर वह भारत को समय समय पर गहरे जख्म देता रहे।पाकिस्तान भारत से कई बार लड़ के देख लिया, हर बार उसे हार का सामना करना पड़ा है, वह जानता है कि भारत से वह युध्द कर जीत नहीं सकता है। फिर भी वह भारत में आतंकवादियों को हमले के भेजकर कर युध्द के लिए उकसाता रहता है।भारत की सेना को पाकिस्तान व आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देना आता है लेकिन सेना को इसकी इजाजत मिले तो वह कुछ करे।२०१४ के पहले देश में राजनीतिक इच्छाशक्ति लंबे समय तक कमी रही।देश में मजबूत सरकार होती है तो मजबूत इच्छाशक्ति होती है। मजबूत फैसले लिए जाते है।
२०१४ के बाद देश में मोदी की मजबूत सरकार आने के बाद आतंंकवादियों को जिस तरह कड़ा जवाब दिया गया, हर बार पहले से ज्यादा कड़ा जवाब दिया गया,वैसा जवाब पहले भी दिया जा सकता था लेकिन देश के सम्मान की जगह तब अपने राजनीतिक हित को ज्यादा महत्व दिया गया। मुंबई हमले के बाद सेना कार्रवाई के लिए तैयार थी लेकिन इजाजत नहीं दी गई कि वोट बैंक नाराज हो जाएगा।मोदी सरकार ने सिंतबर १६ में जम्मू कश्मीर के उरी में भारतीय सेना के बेस पर आतंकी हमले में १९ जवानों के मारे जाने को पहली बार गंभीरता से लिया और भारत ने पहली बार नियंत्रण रेखा पार कर सर्जिकल स्ट्राइक की और आतंकी लांच पैडों को नष्ट कर अपनी सीमा में लौट आई।
यह आतंकवाद के खिलाफ पहली बड़ी कार्रवाई थी और आतंकियों को संदेश दिया गया था कि भारत आतंकियों के सफाए के लिए सीमा पार भी कर सकता है।इसके बाद फरवरी १९ में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकियों ने आत्मघाती हमला कर ४० जवानों का मार दिया था। इस पर पहली बार भारत ने आतंकियों के सफाए के लिए बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर जैशे मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया था और पाकिस्तान का संदेश दे दिया था कि भारत आतंकियों के सफाए के लिए पाकिस्तान के भीतर घुसकर भी हमला कर सकता है।
भारत ने पिछले दस सालों में देश के भीतर आतंकवाद को समाप्त कर दिया और जम्मू कश्मीर में भी उसे अच्छी सफलता मिली थी लेकिन पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को बनाए रखने के लिए आतंकवादी संगठनों के जरिए वारदात करवाता रहा। मौके की ताक में रहा कि कब उसे कोई बढ़ी घटना काे अंजाम देने का मौका मिले वह मौका उसे पहलगाम में मिला। उसने २६ भारतीयों की उनका धर्म पूछ कर हत्या की।
यह भारत की आत्मा पर गहरा जख्म था इसलिए इस मामले में मोदी सरकार ने वह करने का फैसला किया जो उसने आज तक नहीं किया था। पहले वह इसलिए नहीं कर सकी क्योंकि उसके पास ऐसे अत्याधुनिक साधन नहीं थे। आज उसने आपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान के पीओके, पंजाब के आतंकवादियों को प्रशिक्षित करने के ९ ठिकानों को बिना पाकिस्तान की सीमा पार कर नष्ट कर दिया है।और इस बार के एयर स्ट्राइक में भारत ने यह संदेश दिया है कि अब भारत पाकिस्तान के भीतर कही भी आतंकियों का सफाया कर सकता है। कभी भी आतंकियों का सफाया कर सकता है और पाकिस्तान उसे रोक नही सकता।
इससे आतंकियों के मन में पाकिस्तान सरकार के प्रति जो भरोसा था कि वह उन्हें भारत से बचा लेगी, वह भराेसा भारत ने आतंकियों के नौ ठिकानों पर हमला कर सौ से ज्यादा आतंकियों को मारकर तोड़ दिया है।पाकिस्तान में रह रहे आतंकी खुद को सुरक्षित महसूस करते थे वह सोचते थे कि वह पाकिस्तान में हैं तो उनको कोई मार नहीं सकता लेकिन पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान के भीतर कई आतंकियों की हत्या करने से भी आतंकी पाकिस्तान को अपने लिए पहले की तरह सुरक्षित नहीं समझ रहे थे। उस पर भारत ने एक साथ ९ बडे़ आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया है तो इससे आतंकियों में यह खौफ तो पैदा हुआ है कि वह भारत में आतंक फैलाने कोई वारदात करेंगे तो उनका मारा जाना तय हैै।
देश में नक्सलियों का सफाया कभी मुश्किल काम माना जाता था लेकिन मोदी सरकार ने उनका सफाया शुरू कर दिया है और उसने तय कर लिया है कि मार्च २६ तक उनका सफाया कर दिया जाएगा। यह सफाया इसलिए संभव हो पा रहा है कि नक्सलियों में मारे जाने का खौफ मोदी सरकार पैदा कर सकी है.। नक्सलियों की तरह आतंकवादियों में भी मोदी सरकार ने मारे जाने का खौफ पैदा कर दिया है, इससे उसके लिए आतंकवादियों का सफाया भी अब कोई मुश्किल काम नहीं रह गया है।देश से आतंकवाद समाप्त करने के बाद जम्मू कश्मीर में भी आतंकवाद समाप्त करने की चुनौती तो है। पहलगाम की घटना के बाद सरकार को यह बात समझ में आ गई है कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को समाप्त करना है तो जहां आतंकवादी बनाए जाते हैं उन प्रशिक्षण केंद्रों को नष्ट करना जरूरी है। पाकिस्तान के ऐसे २१ केंद्रों की जानकारी मोदी सरकार के पास है और उसनेे सेना काे खुली छूट दे दी है कि आपको इन केंद्रों को बिना पाकिस्तान मे घुसे नष्ट करना है सेना ने ९ केंद्रों को नष्ट कर दिखा दिया है वह ऐसा कर सकती है।
२१ आतंकवादी प्रशिक्षण केंद्रों में ९ सेना ने ६ मई की रात नष्ट कर दिए है और बाकी बचे १२ केंद्रों को नष्ट करने के लिए आपरेशन सिंदूर दूसरे दिन भी जारी है। इस बात की जानकारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को हुई सर्वदलीय बैठक में दी है। इस बैठक में देश के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने कहा है कि वह आतंकवाद व आतंकवादियों के सफाए के लिए सेना व सरकार के साथ हैं।पूरा देश आतंकवादियों के सफाए के लिए एकजुट है तो सरकार व सेना को आतंवादियों के सफाए तक नहीं रुकना चाहिए। पाकिस्तान मे जितने भी आतंकियों को प्रशिक्षण देने वाले केंद्र है,सब का सफाया कर देना चाहिए। आतंकियों में ऐसा खौफ पैदा करना चाहिए कि वह भारत में आतंक फैला कर बच नहीं सकते, भारत में आतंक फैलाया है तो उनको मरना तय है।
भारतीय सेना की कार्रवाई आतंकवादियों के खिलाफ है लेकिन पाकिस्तान इसे अपने खिलाफ कार्रवाई मानकर कुछ तो करेगा ही और उसने किया भी.। सीमा पर वह गोलीबारी कई दिन से कर रहा है,इससे एक जवान शहीद हो गया है तथा १५ भारतीय मारे गए है तो भारत ने पाक गोलीबारी का कड़ा जवाब दिया है और बता दिया है भारत को हर बात का जवाब देना बखूबी आता है। पाकिस्तान की तरफ से देश के सीमा के पास के कई शहरों पर मिसाइल दागे गए थे लेकिन भारत के एंटी मिसाइल सिस्टम के चलते सारे आसमान में ही नष्ट कर दिए गए और पाकिस्तान को बता दिया गया है कि भारत युध्द नहीं चाहता है। फिर भी तुम लड़ोगे तो नुकसान में रहोगे, भारत को तो कुछ नुकसान होगा लेकिन पाकिस्तान बरबाद हो जाएगा। पाकिस्तान की जनता को समझने की जरूरत है कि सेना ने हमेशा उनको मुश्किल में डाला है.इस बार भी वह मुश्किल में डाल सकती है और पाकिस्तान का सेनाध्यक्ष देश को युध्द मेें झोेककर हमेशा की तरह विदेश भाग सकता है। पाकिस्तान की तबाही के लिए सेना दोषी है, जनता को सेना की जगह लोकतंत्र को मजबूत करने की और ध्यान देना चाहिए। अमरीका व चीन जैसे देशों को भी पाकिस्तान में लोकतंत्र को मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए।
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