नई दिल्ली (वीएनएस)। सुप्रीम कोर्ट परिसर में सोमवार को उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बी.आर. गवई पर एक वकील ने जूता फेंकने की कोशिश की। हालांकि, यह जूता उन तक पहुंचने से पहले ही गिर गया। सुरक्षा कर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को तुरंत हिरासत में ले लिया।
आरोपी की पहचान राकेश किशोर के रूप में हुई है, जो पेशे से वकील है। बताया जा रहा है कि जूता फेंकने से पहले उसने जोर से चिल्लाते हुए कहा — “सनातन का अपमान नहीं चलेगा।”
जस्टिस गवई का शांत जवाब
घटना के दौरान कोर्ट कक्ष में पूरी कार्यवाही चल रही थी। जूता फेंके जाने के बावजूद CJI गवई पूरी तरह शांत रहे और उन्होंने अदालत में मौजूद लोगों से कहा कि इस तरह की घटनाओं से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। आप लोग अपनी दलीलें जारी रखें।
उनके इस संयमित रुख की पूरे न्यायिक समुदाय में सराहना की जा रही है।
आरोपी से पूछताछ जारी
घटना के बाद आरोपी वकील राकेश किशोर को कोर्ट स्टाफ ने काबू में कर पुलिस को सौंप दिया। मौके पर नई दिल्ली जिले के DCP देवेश माहला और सुप्रीम कोर्ट सुरक्षा DCP जितेंद्र मनी भी पहुंचे। फिलहाल आरोपी से पूछताछ की जा रही है।
कानूनी बिरादरी में आक्रोश
इस हमले की कोशिश की देशभर के वरिष्ठ वकीलों और न्यायविदों ने कड़ी निंदा की है। सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा: “यह भारत के सर्वोच्च न्यायालय पर एक स्पष्ट जातिवादी हमला प्रतीत होता है। आरोपी वकील के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। सभी न्यायाधीशों को एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर स्पष्ट संदेश देना चाहिए कि न्यायालय वैचारिक या सामाजिक हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा।”
सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की संभावना
इस घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। संभावना है कि कोर्ट प्रशासन जल्द ही सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा करेगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट परिसर में माहौल सामान्य बताया जा रहा है और न्यायिक कार्यवाही बिना किसी रुकावट के जारी है।
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