सुकमा (वीएनएस)। हरेली तिहार के अवसर पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में कलेक्टर हरिस एस ने गौमूत्र की खरीदी का उद्देश्य और उपयोगिता की जानकारी देते हुए ग्रामीणों को बताया कि गोधन से निर्मित वर्मी खाद जिस प्रकार खेतों की उवर्रा क्षमता को बढ़ाता है, गौमूत्र से जीवामृत और ब्रम्हास्त्र जैसे जैविक कीट नियंत्रकों का निर्माण किया जाएगा, जो जैविक खेती को बढ़ावा देंगे। इन कीट नियंत्रकों में गौमूत्र के साथ पत्तियों, गोबर, गुड़ आदि का समावेश होगा। यह पूर्णत: जैविक होंगे। गौमूत्र से निर्मित उत्पादों को सी-मार्ट के माध्यम से विक्रय किया जाएगा। उन्होंने ग्रामीणों को शासन की इस नवीन योजना का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
जिला स्तरीय कार्यक्रम ग्राम गौठान चिकारास, चिपुरपाल में हुआ आयोजित :
सुकमा जिले में हरेली तिहार का मुख्य कार्यक्रम ग्राम गौठान चिकारास, चिपुरपाल में आयोजित हुआ। जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों ने विधिवत कृषि उरपकरणों की पूजा अचर्ना की और सभी को बधाई दी। कार्यक्रम में शासन के निर्देशानुसार गौमूत्र की खरीदी की गई और कीट नियंत्रक भी तैयार किया गया। सरपंच चिकारास सोमाराम बघेल ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि गोबर के साथ ही अब गौमूत्र खरीदी से भी गऊ संवर्धन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने स्व सहायता समूह की महिलाओं के साथ ही सभी ग्रामीणों को गौमूत्र एकत्र कर गौठान पर विक्रय करने की अपील की। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य राजू राम नाग, छिंदगढ़ जनपद अध्यक्ष देवली बाई नाग, उपाध्यक्ष नाजिम खान सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, सीईओ जिला पंचायत डीएन कश्यप, उपसंचालक पशुपालन विभाग डॉ. एस जहीरुद्दीन, सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग गणेश सोरी, उपसंचालक कृषि विभाग पीआर बघेल सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
कीट नियंत्रक बनाने की विधि का किया गया प्रदर्शन :
इस हरेली त्योहार से शासन के निर्देशानुसार पशुपालकों से 4 रुपए प्रति लीटर में गौमूत्र की खरीदी की जायेगी, जिससे निमास्त, जीवामृत और ब्रह्मास्त्र जैसे जैविक कीट नियंत्रक बनाया जाएगा। सुकमा जिले में इस पायलट प्रोजेक्ट को चिपुरपाल व किकिरपाल गौठान में संचालित किया जाएगा। आज चिकारास ग्राम गौठान, चिपुरपाल में विधिवत गौमूत्र की अम्लीयता का परीक्षण कर खरीदी की गई। इसके पश्चात उपसंचालक, कृषि विभाग पी.आर बघेल, उपसंचालक पशुपालन विभाग एस. जहीरूद्दीन की ओर से कीट नियंत्रक बनाने का जीवंत प्रदर्शन किया गया और जीवामृत व ब्रम्हास्त्र तैयार किया गया। उन्होंने जनप्रतिनिधियों, स्व सहायता समूह की महिलाओं को गौमूत्र खरीदी, कीट नियंत्रक तैयार करने की पूरी विधि का प्रशिक्षण और उसके उपयोग के बारे में जानकारी प्रदान की।
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