पहले देश के लिए एक माडल हुआ करता। राज्यों का अपना कोई माडल नहीं होता था जो देश का माडल होता था, वही राज्यों का माडल होता था तो इसकी वजह यह थी कि केंद्र व ज्यादातर राज्य्ॉों में एक ही दल की सरकार होती थी। उस दल की सोच के अनुसार ही देश व राज्यों का विकास माडल हुआ करता था।देश में राज्य के अलग माडल की शुरूआत गुजरात में नरेंद्र मोदी ने की । इसे देश में गुजरात माडल कहा जाता है। इस माडल से गुजरात में उम्मीद से ज्यादा गुजरात का विकास हुआ। यह माडल गुजरात में जितना सफल है,उतना देश में नहीं है। गुजरात में यह इसलिए सफल कहा जा सकता है कि इस विकास के माडल के बाद गुजरात में भाजपा हारी नहीं है। गुजरात की जनता ने इसे पसंद किया है, इससे गुजरात की जनता को फायदा हुआ है,इसलिए जनता भाजपा को ही चुनती है। गुजरात माडल के बाद देश के कई राज्य सरकारों ने विकास का अपना माडल बनाया है। जिन्हें दिल्ली माडल, योगी माडल, छत्ीसगढ़ माडल कहा जाता है। राज्य सरकारे बाकायदा इसका प्रचार भी राज्य के चुनाव में करती हैं लेकिन किसी दूसरे राज्य में अब तक इन माडलों के आधार पर जीत नहीं मिली है। अरविंद केजरीवाल और भूपश बघेल दिल्ली माडल व छत्तीसगढ़ के विकास माडल को राज्य के चुनावों में इनका प्रचार कर चुके हैं लेकिन यूपी,उत्तराखंड,गोवा, में कोई सफलता नहीं मिली है, इससे साफ हो जाता है कि राज्यों का विकास माडल एक राज्य ेके लिए तो ठीक है लेकिन देश या दूसरे राज्यों के लिए ठीक नहीं है। आप के दिल्ली माडल की तुलना गुजराद माडल से की जाए तो यह कहा जा सकता है कि आप को दिल्ली में तो निरंतर सफलता मिल रही है, पंजाब में एक बार सफलता मिली है। लेकिन दूसरे राज्यों में उस इस माडल के आधार पर कोई विशेष सफलता नहीं मिल रही है। इसलिए कहा जा सकता है कि गजरात माडल की तलना में आप का माडल पसंद किया जा रहा है यदि आप को दिल्ली व पंजाब में आगे भी निरंतर जीत मिलती रही तो कहा जाएगा कि आप का माडल दिल्ली व पंजाब में सफल है। आप के दिल्ली माडल की तरह योगी का माडल यूपी में तो सफल है । भाजपा इसी के आधार पर दूसरा चुनाव जीती है।यानी यूपी की जनता को योगी का विकास माडल पसंद है। अभी दूसरे राज्यों में भाजपा ने इस आजमाया नहीं है। यह दूसरे राज्यों मे भी आसानी से आजयाया जा सकता है क्योंकि इसमें सबसे प्रमुख बात राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को निरंतर बेहतर बनाए रखना है।अपराधियों,माफिया को कोई छूट नहीं देना है, राज्ये में अशांति फैलाने वालों से सख्ती से निपटना है.।योगी ने यूपी ने ऐसा किया है इसे जनता पसंद करती है। इसे हर राज्य की जनता पसंद करेगी लेकिन हर मुख्यमंत्री के बस की बात नहीं है योगी बनना । भूपेश बघेल का छत्तीसगढ़ माडल भी ऐसा माडल है जो छत्तीसगढ़ के लिए तो अच्छा लगता है लेकिन इसकी लोकप्रियता की परीक्षा अभी होनी है। निश्चित रूप से यह राज्य के गावों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने वाला माडल है। यह गांधी के सपनों को साकार करने वाला माडल है लेकिन अगल विधानसभा में कांग्रेस के जीतने पर ही कहा जा सकता है कि इस माडल को राज्य की जनता ने पसंद किया है। गुजराज माडल, आप माडल व यूपी माडल की परीक्षा तो राज्य के चुनावों में हो चुकी है।इसलिए एक राज्य के लिए इसे सफल माडल कहा जा सकता है।केंद्र में मोदी ने कांग्रेस के विकास माडल को बदल दिया है तथा अब देश के विकास के लिए गुजरात माडल का उपयोग कर रहे है। इसमें उन्हें कोरोना, रूश-यूक्रेंन युध्द का कारण अपेक्षित सफलता नहीं मिली है लेकिन ुदुनिया के देशों व पड़ोसी देशों की हालत को देखते हुए लगता है कि उन्होंने अच्छा काम किया है।
देश व राज्य में कई समस्याएं ऐसी भी होती है, जिससे लोगों को परेेशानी होती है, उसे गंभीरता से लेने की जरूरत है लेकिन कोई गंभीरता से लेता नहीं है।
राजनीतिक दल चुनाव हार जाते हैं तो जनता उनको सत्ता न सौंपकर किसी एक दल को सत्ता सौंप देती है तो कायदे से जनता ने उनको विपक्ष का काम करने को कहा तो व...
आम तौर पर माना जाता है कि अ्च्छी जिंंदगी के लिए शिक्षा जरूरी है। शिक्षित आदमी ही अपना, परिवार,समाज व देश का भला बुरा समझ सकता है।
राजनीति में विपक्ष में कोई भी राजनीतिक दल हो,उसकी कोशिश तो यही रहती है कि वह जब भी मौका मिले या जब भी चाहे मौका बनाकर यह साबित किया जाए कि सरकार हर...
हर बार संसद सत्र के पहले सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाती है।यह परंपरा है. इसमें सदन सुचारु चलने देने पर सहमति बनती है।
देश की राजनीति में वैसे तो एक से एक बढ़कर नेता हुए हैं। उनके कारनामों के लिए उनको आज भी याद किया जाता है लेकिन केजरीवाल जैसा नेता न तो कोई पहले हुआ...