पंचांग का वैदिक ज्योतिष में बड़ा महत्व होता है। हिन्दू धर्म में पंचांग के बिना किसी भी पर्व, त्यौहार, उत्सव और कार्य का शुभारंभ करना असंभव माना जाता है। क्योंकि पंचांग की मदद से ही तिथि और मुहूर्त की गणना होती है।
तिथिप्रतिपदा - 20:17:50 तक
नक्षत्रउत्तराषाढ़ा - 20:18:35 तक
करणबालव - 10:12:07 तक, कौलव - 20:17:50 तक
पक्ष कृष्ण
योगवैधृति - 08:27:07 तक, विश्कुम्भ - 28:16:13 तक
वारगुरूवार
सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएं :
सूर्योदय05:32:15
सूर्यास्त19:21:14
चन्द्र राशिमकर
चन्द्रोदय20:18:59
चन्द्रास्त05:43:00
ऋतुवर्षा
हिन्दू मास एवं वर्ष
शक सम्वत1944 शुभकृत
विक्रम सम्वत2079
काली सम्वत5123
प्रविष्टे / गत्ते30
मास पूर्णिमांतश्रावण
मास अमांतआषाढ
दिन काल13:48:58
अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त) :
दुष्टमुहूर्त10:08:35 से 11:03:51 तक, 15:40:10 से 16:35:26 तक
कुलिक10:08:35 से 11:03:51 तक
कंटक15:40:10 से 16:35:26 तक
राहु काल14:10:22 से 15:53:59 तक
कालवेला / अर्द्धयाम17:30:42 से 18:25:58 तक
यमघण्ट06:27:31 से 07:22:47 तक
यमगण्ड05:32:15 से 07:15:53 तक
गुलिक काल08:59:30 से 10:43:07 तक
शुभ समय (शुभ मुहूर्त) :
अभिजीत11:59:07 से 12:54:22 तक
दिशा शूल
दिशा शूल दक्षिण
चन्द्रबल और ताराबल :
ताराबल भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबल मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, मकर, मीन
मंगलवार का दिन भगवान हनुमान की पूजा के लिए समर्पित है।
3 अक्टूबर को आश्विन कृष्ण पक्ष की उदया तिथि चतुर्थी और मंगलवार का दिन है।
2 अक्टूबर को आश्विन कृष्ण पक्ष की उदया तिथि तृतीया और सोमवार का दिन है।
हिंदू धर्म में सूर्यदेव की उपासना का अत्यधिक महत्व माना गया है।
01 अक्टूबर को आश्विन कृष्ण पक्ष की उदया तिथि द्वितीया और रविवार का दिन है।