हनुमान जयंती पर बन रहा खास संयोग, बनेंगे बिगड़े काम

Posted On:- 2024-04-23




ऐसे करें बजरंगबली की पूजा

- पंडित यशवर्धन पुरोहित                                            

भगवान हनुमान बल, बुद्धि, विद्या और तेज से ओतप्रोत देव हैं, जिनके हृदय में भगवान श्री राम सदैव ही विराजमान रहते हैं. जिनका बल और पराक्रम अतुलनीय है ऐसे हनुमान जी के जन्म दिवस को ही हम हनुमान जयंती के रूप में सारे देश भर में बड़े हर्ष और उत्साह के साथ मानते हैं और इसका हमारे जीवन में विशेष महत्व माना गया है। 

2024 में हनुमान जयंती

हिंदी पंचांग के अनुसार हनुमान जयंती चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है।गणना के अनुसार 2024 में हनुमान जयंती 23 अप्रैल 2024 दिन मंगलवार को मनाई जाएगी।

हनुमान जयंती 2024 शुभ मुहूर्त

2024 में 23 अप्रैल दिन मंगलवार को पूर्णिमा तिथि सुबह 3 बजकर 27 आरंभ होगी। 24 अप्रैल को 12 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगी। जो भक्तगण इस दिन व्रत रहते हैं, वह 24 अप्रैल को ही व्रत रहे, क्योंकि उसी दिन उदया तिथि मानी जाती है।

हनुमान जयंती 2024: कैसे करें पूजन?

इस दिन सभी भक्तगण श्रद्धा और भक्ति पूर्वक श्री हनुमान जी का पूजन करें। इस दिन सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिऐ।

हनुमान जयंती 2024: पूजा विधि

क्योंकि यह वह देव हैं जिन्होंने अपने आराध्य की सेवा के लिए ही जन्म लिया है, इनके हृदय में सदैव ही माता सीता और प्रभु श्री राम विराजमान रहते हैं। तभी तो गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस में लिखा है:

पवन तनय संकट हरण, मंगल मूर्ति रूप

राम–लखन–सीता सहित, हृदय बसही सुर भूप।। 

जब भी आप हनुमान जी का पूजन करें ध्यान रखें की आप उनके साथ सदैव ही भगवान श्री राम और माता सीता की पूजा भी करें. इससे हनुमान जी अति प्रसन्न होते हैं, और पूजा को स्वीकार करते हैं. 

1. हनुमान जी का पूजन जब भी करें तो उनकी एक मूर्ति लेकर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर। मूर्ति या फोटो इस पर विराजमान करें।

2. लाल सिंदूर या पीले सिंदूर में चमेली का तेल मिलाकर उन्हें टीका करें. फिर गेंदे के फूल की माला पहनाये या लाल पुष्पों की माला पहना सकते हैं.

3. फिर घी का दीपक जलाकर माता सीता, प्रभु श्री राम और हनुमान जी का सुमिरन करें।

4. भोग में लड्डू आवश्य चढ़ाएं।

5. फिर इस दिन सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें।

6. आरती कर पूजा संपन्न करें। 

7. भक्ति-पूर्वक हनुमान जी के चरणों में नमन कीजिए।                                          

हनुमान जयंती पर करें पाठ

अगर आप भगवान हनुमान को प्रसन्न करना चाहते हैं तो हनुमान जयंती पर सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक और बजरंग बाण का पाठ अवश्य करें। कहा जाता है कि इस शुभ दिन पर जो भी इन सभी का पाठ करता है उसके जीवन में सुख, समृद्धि, शारीरिक और मानसिक शक्तियों का विकास होता है और उसके जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

हनुमान जयंती पर करें हनुमान जी के मंत्रों का जाप

हनुमान जयंती पर हनुमान मंदिर में भगवान हनुमान के किसी भी मंत्र और 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ कीजिए। मंत्र और चालीसा का पाठ करने के बाद अब भगवान हनुमान को गुड़हल के फूलों की माला बनाकर पहनाइए फिर देसी घी का दीपक जलाकर भगवान हनुमान की पूजा कीजिए। ऐसा करने से कोई भी नकारात्मक शक्ति आपके पास नहीं भटकेगी तथा भगवान हनुमान की कृपा सदैव आपके उपर बनी रहेगी।

बीमारी से छुटकारा पाने के लिये हनुमान जी को चढ़ाएं सिंदूर और तेल

अगर आप किसी बीमारी से बहुत दिनों से परेशान हैं या फिर आपके घर का कोई सदस्य अक्सर बीमार रहता है तो इस बार हनुमान जयंती पर आप हनुमान जी को सरसों के तेल में सिंदूर मिलाकर उसको लेकर हनुमान जी के मन्दिर में जाकर श्री हनुमान अष्टक का पाठ करते हुए उसे हनुमान जी को चढ़ाएं , और उसके बाद वही सिंदूर लाकर अपने घर के मन्दिर में रखकर उस में से उस बीमार इंसान को रोज तिलक लगाएं, इससे उन्हें अपनी बीमारी में जल्द राहत मिलेगी।

चमेली के तेल का दीपक जलाकर चोला करें अर्पित

अगर आपके घर की आर्थिक स्थिति कमजोर है या धन से जुड़ी समस्याएं अक्सर होती रहती हैं तो हनुमान जयंती पर भगवान हनुमान जी के लिए चमेली के तेल का दीपक जलाएं और उन्हें चोला अर्पित कीजिए। धन प्राप्ति के योग को बनाने के लिए 11 पीपल के पत्ते लीजिए और उन्हें गंगाजल से साफ कर लीजिए। फिर इन पत्तों पर श्रीराम लिख कर भगवान हनुमान के सामने चढ़ा दीजिए।

हनुमान जयंती पर नौकरी और कारोबार के लिए करें विशेष उपाय

अगर आप नौकरी ढूंढ कर परेशान हो गए हैं या आपके कारोबार में वृद्धि नहीं हो रही है तो हनुमान जयंती पर एक पान का पत्ता लीजिए और उस पर दो बूंदी के लड्डू और एक लौंग रख दीजिए। अब इस पत्ते पर चांदी का भस्म लगा कर हनुमानजी को अर्पित कर दीजिए। आप चाहें तो केवड़े का इत्र भी अर्पित कर सकते हैं। इसके बाद सुंदरकांड या फिर राम रक्षा स्त्रोत का पाठ कीजिए।

हनुमान जयंती पर घर की छत पर लगाएं झंडा

अगर आप किसी भी आक्समिक समस्या से जूझ रहें हैं तो हनुमान जयंती के दिन अपने घर की छत पर लाल या केसरिया रंग का झंडा लगाएं और उस पर भगवान श्री राम की तस्वीर भी बनी हो। इसके साथ ही इस दिन बंदरों को केला, चना और गुड़ अवश्य खिलाएं,ऐसा करने से आपके उपर आने वाली सभी आक्समिक समस्यायें जल्द ही दूर होंगीं।

हनुमान जयंती पर क्या नहीं करें

हनुमान जयंती पर महिलाएं नहीं करें हनुमान जी का व्रत व उन्हें स्पर्श।

इस दिन हमें काले, भूरे, नीले इन सभी रंग के वस्त्रों को धारण करने से बचना चाहिए।

हनुमान जयंती के दिन हमें तामसिक चीजों के प्रयोग से बचना चाहिए।

इस दिन हमें माँस, मदिरा आदि चीजों के सेवन से भी हमें बचना चाहिए।

हनुमान जयंती या फिर नार्मल मंगलवार पर भी नमक न खाएं।

हनुमान जी को पंचामृत का भोग नहीं लगाएं।

हनुमान जयंती पर अपने से बड़ों और छोटों से अभद्र व्यवहार नहीं करना चाहिए।

हनुमान जयंती पर किसी भी जानवर को न मारे – पीटें और न ही उन्हें परेशान करें।

हनुमान चालीसा

दोहा

श्रीगुरु चरन सरोज रज निजमनु मुकुरु सुधारि।

बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।।

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।

बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार                                                                                            हनुमान जन्म पौराणिक कथा

हनुमान जी की माता अंजना पूर्व जन्म में स्वर्ग लोक की अप्सरा पुंजिकस्थला थी। जिनका रूप अत्यंत सुंदर और अत्यधिक मनमोहक लेकिन स्वभाव नटखट और चंचल था। अपने इस नटखट स्वभाव के कारण इन्होंने दुर्वासा ऋषि की तपस्या को भंग करने की कोशिश की। जिस कारण श्राप वश उन्हें वानर योनि में जन्म लेना पड़ा।

बाद में अंजना का विवाह वानर राज केसरी के साथ हुआ। वानर राज केसरी और माता अंजना ने पुत्र प्राप्ति के लिए 12 वर्षों तक शिवजी की कठिन उपासना की, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने वरदान दिया कि उन्हें एक वीर, बुद्धिमान और शक्तिशाली पुत्र की प्राप्ति होगी। इस कारण हनुमान जी को शिव जी का ग्यारहवा अवतार भी कहा जाता है।

कहां जाता है की माता अंजना ने पवन देव की भी उपासना की थी और उनके समान ही वीर पुत्र का वरदान मांगा था। पवन देव की सभी शक्तियां हनुमानजी में विराजमान हैं, इसलिए इन्हें पवनपुत्र भी कहते हैं।

पवन देव की शक्तियों और अन्य देवताओं की शक्तियों की वजह से हनुमान जी बाल्यावस्था से ही अत्यंत नटखट स्वभाव के थे। जिस कारण वह कभी सूर्य को निगल लेते। कभी ऋषियों की तपस्या को भंग करते. जिस कारण उन्हें अपनी शक्तियों को भूल जाने का श्राप मिला. रामायण में लंका कांड में जामवंत द्वारा अपनी शक्तियों का ज्ञान कराने पर हनुमान जी विशाल-रूप धर माता सीता की खोज के लिए गए। रावण की लंका जलाने से लेकर संजीवन बूटी खोज लाने तक, हनुमान को प्रभु राम की लंका पर विजय का काफी श्रेय दिया जाता है.

हनुमान जयंती पर लगने वाले पूजन समाग्री

हनुमान जी को चढ़ाने के लिये लाल लंगोट, पीला सिंदूर, हनुमान जी को पहनाने के लिये चोला, इत्र, लाल फूल, जनेऊ, गंगाजल, धूप, दीप, जटा सहित नारियल, फल, केला, मिठाई, लड्डू, हलवा पूरी, रोट, पान, चमेली का तेल, घी

हनुमान जयंती पर करें कुछ विशेष उपाय

हनुमान जयंती पर करें राम रक्षा स्त्रोत का पाठ

जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए आप इस बार हनुमान जयंती पर हनुमान जी के मन्दिर में या फिर आप अपने घर पर भी राम रक्षा स्त्रोत का पाठ अवश्य करें और हनुमान जी के मन्दिर में केसरिया रंग का पताका चढ़ाएं और आप देखेंगे की आपको इन सभी परेशानियों से जल्द ही छुटकारा मिलेगा।



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