आर्थिक मॉडल मजबूत है तो 5 लाख कर्मी हड़ताल पर क्यों : अमर अग्रवाल

Posted On:- 2022-07-30




बिलासपुर (वीएनएस)। फेस बुक लाईव कार्यक्रम अपनों से अपनी बात में पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने राज्य के 5 लाख से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों के पांच दिवसीय हड़ताल पर अपना वक्तव्य जारी करते हुए कहा कि राज्य के अधिकारी कर्मचारी राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था की रीढ़ होते हैं। महंगाई भत्ता उनके वेतन का हिस्सा होता है  मुख्यमंत्री को बड़ा दिल रखते हुए इस बात की चिंता करनी चाहिए कि अगर उनका आर्थिक माडल अच्छा है तो सरकार को अघोषित वेतन कटौती बंद करते हुए सातवें वेतनमान पर एच.आर.ए. एवं 32 प्रतिशत महंगाई भत्ता का ऐलान करना चाहिए।

अमर अग्रवाल ने राज्य के सबसे बड़े स्कूल शिक्षा विभाग की दशाए दिशा और दुर्दशा पर कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकारी शिक्षा खाट पर लेट गई है। पीजीआई इंडेक्स हो या नेशनल अचीवमेंट सर्वे की रिपोर्ट छत्तीसगढ़ की सरकारी शिक्षा की गुणवत्ता दिनोंदिन गिरावट की ओर है। मॉनिटरिंग का कोई सुदृढ़ तंत्र नही हैं।

उन्होंने कहा कि छ0ग0 में सरकारी शिक्षा का बुरा हाल है। शिक्षा विभाग के प्रभारी प्रधान सचिव द्वारा किलोल पत्रिका के नाम पर 5500 से संकुलों से ₹10000 प्रति संकुल वसूली करवाएं किंतु पत्रिका आज तक संकुल में नहीं आई है। सरकार प्रयोगशाला से भी ज्यादा शिक्षकों से सैकड़ों काम लेती हैं उसके बावजूद प्रभारी सचिव के द्वारा निकम्मा नालायक कहा जाना कौन से कार्य की संस्कृति है। सरकार को इस पर संज्ञान लेते हुए कार्यवाही करनी चाहिए। भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में शिक्षकों की भर्तीए विभाग के संचालन के लिए आवश्यकतानुसार बजट का आवंटनए शिक्षा गुणवत्ता सुधार, पूरक पोषण आहार योजनाए साइकिल वितरण योजनाए मेधावी छात्र सम्मान योजनाए लैबए लाइब्रेरीए खेल का मैदानए बच्चों को छात्रवृत्तिए गणवेश पुस्तक का निशुल्क वितरण आदि अनेकों योजनाएं प्रारंभ की गई। 1998 में पंचायत से भर्ती हुए शिक्षकों को शिक्षक का पद नाम दिलायाए सातवां वेतनमान लागू कियाए समय पर वेतन जारी होने की सुविधा दिलवाईए जुलाई 2018 से डेढ़ लाख शिक्षकों के संविलियन की प्रक्रिया को साकार किया गया।

आज अगर देखा जाए तो लगभग पचास हजार स्कूलों में सरकारी शिक्षा दम तोड़ रही है। सप्लाई के नाम पर सेंन्ट्रल खरीदी के द्वारा अनेकों आइटम में करोड़ों रुपए के वारे न्यारे किये जा रहे हैं। शालाओं में अनुदान की राशि बंदरबांट में खर्च हो जाती है। नई पीढ़ी की नींव रखने वाले शिक्षकों की समस्याओं पर सरकार का ध्यान नहीं हैए ऐसे में शिक्षा गुणवत्ता की आशा करना बेमानी होगा। पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा जनवरी 2020 में संविलियन के समय हजारों शिक्षकों की पूर्व में दी गई सेवाओं से संबंधित स्वत्वों का पूरे राज्य में 100 करोड़ से ज्यादा के भुगतान आज भी शेष हैं। 2018 के पूर्व अनुकंपा नियुक्ति के 900 प्रकरण पर सरकार के द्वारा कोई विचार नहीं किया गयाए प्रभावित शिक्षक परिवार संकट के दौर से गुजर रहे है। कोरोना काल मे शिक्षको से काम तो लिया गया लेकिन दिवंगत हुए सैकड़ों शिक्षकगण को तो न कोरोना वारियर्स का दर्जा दिया गया, ना ही किसी प्रकार का मुआवजा मिला।

मुख्यमंत्री की वाहवाही लूटने की आपाधापी में 172 आत्मानंद स्कूलों में गुणवत्ता  को ताक पर रख दिया गया है। स्तरहीन निर्माण कार्य कराया जा रहा हैए इन स्कूलों के लिए पृथक से बजट भी आबंटित नहीं किया गया हैए पालक समिति भी नही बनी है। इन स्कूलो में आवंटित संसाधनों का भौतिक सत्यापन कराया जाए तो डीएमएफ से पाकीट मारी का नया घोटाला सामने आएगा।

उन्होंने कहा कि शिक्षक गुरू का दर्जा होता है राज्य की सरकार को शिक्षक संवर्ग की समस्याओ का प्राथमिकता से निराकरण करना चाहिए। शिक्षकों की प्रमुख मांगोए सेवा एवं क्रमोन्नति की प्रथम नियुक्ति तिथि से गणनाए पदोन्नति पुरानी सेवा के आधार पर दिए जानेए न्यायालय में लंबित मामलों का त्वरित निराकरण करवाना एवं पदोन्नति की प्रक्रिया में न्यायिक अवरोध को दूर करने पर सरकार को संवेदनशीलता के साथ निर्णय लेना चाहिए।

फेसबुक लाइव कार्यक्रम में अमर अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा सरकार की प्राथमिकता में नहीं है राज्य का शिक्षक वर्ग समस्या ग्रस्त है। ढिंढोरेबाजी से गुणवत्ता भला कैसे आयेगी।  कहने को तो राजपत्र में स्कूल शिक्षा सेवा भर्तीए पदोन्नति नियम 2019 राजपत्र में प्रकाशित किया गया है किंतु व्यवहार में जुगाड़ तंत्र हावी है। प्रतिबंध के बावजूद समन्वय में तबादला इंडस्ट्री बेधड़क चलती रही। 2019 में 15000 पदों पर आरंभ की गई शिक्षक भर्ती आज भी पूरी नही हो सकी है। राज्य के स्कुलों में प्राचार्यए प्रधान पाठकए शिक्षकए सहायक शिक्षकए और व्याख्याता सहित लगभग 60 हजार पद खाली हैं। अध्यापक संवर्ग को अन्य कार्यों में लगाए जाने से विद्यालयों में गुणवत्ता प्रभावित हो रही।

अमर अग्रवाल ने कहा कि 15 वें राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मूर्मु के निर्वाचन को शसक्त लोकतंत्र का परिचायक बताया। उन्होंने कहा पड़ोसी देश श्रीलंका का संकट लोक लुभावन घोषणाओं पर चिंतन करने के लिए देश व्यापी चर्चा की जानी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,  श्रीलंका के संकट मोचक बन कर सच्चे पड़ोसी का धर्म निभाया है। श्री अग्रवाल ने आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर हर घर तिरंगा अभियान में अधिकारिक भागीदारी करने की अपील की एवं ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट निरज चोपड़ा के वर्ल्ड एथलेटिक्स में सिल्वर पदक जीते जाने को देश के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि बताया। पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा  ईडी की कार्यवाही को राजनीतिक रंग दिया जाना उचित नहीं है।

डीपीएस बिलासपुर की छात्रा सुभी शर्मा को 12 वीं बोर्ड की प्रदेश में अव्वल आने पर अपनी शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा शहर में जल भराव की समस्या, बिजली गुल होने की समस्या, समयबद्ध नियोजन के द्वारा ठोस निराकरण करना चाहिए।

अमर अग्रवाल ने फेसबुक लाईव में शहर के उन प्रतिनिधियों पर चिंता व्यक्त की जो समस्याओं को निवारण करने के बजाये सुर्खियों में रहने के लिए विधानसभा में प्रश्न खड़े करते हैं। इन पैर पखारन नेता गिरी और सहानुभूमि की राजनीति करने वालों को समस्याओं के समाधान पर ध्यान देना चाहिए। वर्ना ये पब्लिक है ये सब जानती है।



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