रायगढ़ (वीएनएस)। अगस्त का पहला सप्ताह विश्व स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान प्रसूता व शिशुवती महिलाओं के बीच स्तनपान को बढ़ावा देने, शिशुओं, बच्चों की बीमारी और कुपोषण से बचाने और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से 1 से 7 अगस्त तक जागरूकता के कई कार्यक्रम होंगे। विश्व स्तनपान सप्ताह 2022 की थीम स्टेप अप फॉर ब्रेस्टफीडिंग, एजुकेट एंड सपोर्ट यानी स्तनपान शिक्षा और सहायता के लिए कदम बढ़ाएं है।
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 5 के अनुसार छत्तीसगढ़ में 1 घंटे के अंदर स्तनपान की दर शहरी क्षेत्र में 30.0 प्रतिशत है और ग्रामीण क्षेत्रों में स्तनपान की दर 32.8 है प्रदेश में स्तनपान की दर कुल 32.2 है। जिसे बढ़ाने को टैगलाइन “ये मौका छूटे ना”, के अंतर्गत अभियान चलाया जाएगा। इस वर्ष विश्व स्तनपान सप्ताह का उद्देश्य प्रसूता व शिशुवती महिलाओं के बीच स्तनपान के लिए जागरूकता बढ़ाना है, क्योंकि यह बच्चों के साथ-साथ माताओं के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है। बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्तनपान की जिम्मेदारी माता के साथ साथ परिवार व मुख्य रूप से पिता की भी होती है। पिता द्वारा बच्चे की माता की देखभाल करना, माता को बच्चे के साथ अधिक समय व्यतीत करने व उचित तरीके से स्तनपान कराने को प्रोत्साहित करना आदि तरीके से भूमिका निभायी जा सकती है।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसएन केसरी ने बतायाः “विश्व स्तनपान सप्ताह का उद्देश्य प्रसूता व शिशु के मध्य स्तनपान के लिए जागरूकता बढ़ाना है। प्रसव के तुरंत बाद एक घंटे के भीतर शिशु को मां के स्तनपान से मिलने वाला गाढ़ा दूध शिशु के स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होता है, इसीलिए शिशु को स्तनपान अवश्य कराना चाहिए। मां के दूध से बच्चे को रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है। इसीलिए 6 महीने तक शिशु को केवल स्तनपान ही कराना चाहिए। इसके बाद स्तनपान कराने के साथ-साथ ऊपरी पौष्टिक पूरक आहार भी देना चाहिए।”
उन्होंने आगे बताया, “बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक विकास हेतु स्तनपान अत्यंत महत्वपूर्ण है जिसका शिशु एवं बाल जीविवता पर अहम प्रभाव पड़ता है। जिन शिशुओं 1 घंटे के भीतर स्तनपान नहीं कराया जाता उनमें नवजात मृत्यु दर की संभावना 33 प्रतिशत अधिक होती है। 6 माह की आयु तक केवल स्तनपान कराने से आम रोग जैसै दस्त व निमोनिया के खतरे को क्रमश: 11 प्रतिशत और 15 प्रतिशत तक कमी लाई जा सकती है। स्तनपान स्तन कैंसर से होने वाली मृत्यु को भी कम करता है।“
स्तनपान सप्ताह के साथ वजन त्यौहार भी
महिला एवं बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी टिकवेंद्र जाटवर ने बताया, ”स्तनपान सप्ताह प्रत्येक आंगनबाड़ी में मनाया जाएगा। ग्राम सभा में आंगनबाड़ी एवं मितानिनों द्वारा समुदाय में स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा। इसके साथ ही 1 से 11 अगस्त तक वजन त्यौहार मनाया जाएगा। जिसमें पहली बार 5 से 6 साल तक के बच्चों को शामिल किया गया है। इससे पहले 5 साल तक के बच्चे वजन त्यौहार में शामिल थे।“
कार्यशाला भी होगी
स्वास्थ्य विभाग के परिवार नियोजन अधिकारी डॉ. राजेश मिश्रा ने बताया, “स्तनपान सप्ताह के दौरान स्तनपान का महत्व लोगों तक पहुंचाने के लिए जिला, ब्लॉक व ग्राम स्तर पर कार्यशाला, प्रदर्शनी, फिल्म शो, परिचर्चा जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले के साथ जनप्रतिनिधि सहित महिला समूह और अधिक से अधिक महिलाओं को शामिल किया जाएगा। आंगनबाड़ी और ग्राम स्तर पर नारे लेखन, वॉल रायटिंग, पोस्टर-बैनर के माध्यम से स्तनपान से संबंधित महत्वपूर्ण संदेशों का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। जागरूकता के लिए छोटे समूहों में प्रश्नोत्तरी होगी।"
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