सेंटर आफ लाईफ में परमात्मा की वंदना व वाणी को रखना चाहिए : मधु स्मिता

Posted On:- 2022-07-31




चातुर्मास के तहत जीवन जीने की कला पर पाश्र्वनाथ जिनालय में हुआ विशेष व्याख्यान

धमतरी (वीएनएस)। चातुर्मास के तहत इतवारी बाजार स्थित पाश्र्वनाथ  जिनालय में प्रवचन जारी है। जिसके तहत रविवार को जीवन जीने की कला पर दो घंटे का विशेष व्याख्यान हुआ। मधु स्मिता ने कहा कि   जीवन की व्यवस्था बेहतर रखना है, जीवन को सुधारना है तो निम्न पांच बातो का ख्याल रखे। पहला सेंटर आफ  लाईफ  समझे जीवन का केन्द्र बिंदु क्या हैए लक्ष्य क्या है यदि सोचते है  कि पैसा ही सब कुछ है तो यह भी सोचे की क्या पैसे जीवन पर्यन्त हमारे साथ रहेगा इसकी गारंटी है और जीवन के पश्चात क्या पैसा हमारे साथ जाएगा। पैसे से आत्मीय खुशी की अनुभूति नहीं होती। पैसा सद्गति नहीं दे सकता। हमे केन्द्र में परमात्मा की वंदना व वाणी को रखना चाहिए। इससे जीवन की व्यवस्था में सुधार आ सकती है। मुझे अच्छा प्राप्त करनाए अच्छा करना और अच्छा बनने पर जोर देना चाहिए। दूसरा कैरेक्टर आफ लाईफ चरित्र कैसा है यह विचार करे नियंत्रण व सद्विचार है तो जीवन में चरित्र है। पराई सभी स्त्री.पुरुषो को भाई.बहन मानने की भावना आए तो हमारा चरित्र सफल हो सकता है। हमे शादी के लिए सर्व गुण सम्पन्न नहीं बल्कि रुप व रुपयों से सम्पन्न कन्या ढुंढते है यह सही नहीं है। तीसरा कांट्रिबुशन आफ लाईफ यदि हममे सहयोग की भावना होनी चाहिए। लक्ष्मी तभी टिकती है जब अर्जन के बाद विसर्जन की प्रक्रिया होती है। दान के माध्यम से लक्ष्मी को संशोधित कर सकते है। समस्त जीवो के प्रति सहयोग की भावना होनी चाहिए। करुणा, दया,मैत्री, प्रेम की भावना कहां जा रही इस पर विचार करे।  चौथा कम्युकेशन आफ लाईफ जीवन में आदान.प्रदान की भावना होनी चाहिए। चाहे भावना सम्पत्ति या सुख हो। यदि परिवार के साथ समय दे रहे तो परिवार सुखी है। सुखी जीवन के लिए सामुहिक भोजन, भजन,भाषण संवाद, भ्रमण आवश्यक है। इससे जीवन शैली बदल जाएगी व जीवन में निखार आएगा। पाचवां कम्युनिटी आफ लाईफ हमारे साथ कौन है यह काफी महत्वपूर्ण होता है हमारे संग बिगाडऩे वाला है या सुधारने वाला है यह विचार करे। बुरे के साथ रहे तो बुराई होगी और अच्छो के साथ रहे तो अच्छाई होगी। सुमित्रा मसा ने कहा कि जीवन की व्यवस्था को सुधारने के लिए छोटो की खुशियों पर नजर डाले और बड़ो से आगे बढऩे की प्रेरणा ले। जो नहीं है उसके लिए अफसोस नहीं करना चाहिए और जो है उसके लिए हर्ष नहीं करना है। हमे जीवन में अच्छे मैसेज को आगे बढाना चाहिए और बुरे को रोकना चाहिए। अच्छे मैसेज का संग्रह करना चाहिए व गलत मैसेज को डिलिट करना चाहिए। तप,सम्यक, त्याग, साधना जीवन का सार है। इससे मनुष्य का जीवन सुधर सकता है। यदि हम स्वयं का जीवन सुधारे तो विश्व सुधर सकता है। आज मणीधारी मित्र मंडल के कान्हा गांधीए राहुल पारख द्वारा भक्ति गीतों की प्रस्तुति दी गई। तेला के उपवास का  पचकान किरण गोलछा ने लिया। संचालन मनीषा लुनिया ने किया। प्रवचन का श्रवण करने बड़ी संख्या में जैन समाजजन उपस्थित रहे।



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