छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल का विभागीय बंटवारा आखिरकार हो गया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सामान्य प्रशासन, ऊर्जा, जनसंपर्क और अन्य महत्वपूर्ण विभाग अपने पास रखे हैं। इससे साफ है कि वे प्रशासनिक कार्यों की धुरी स्वयं संभालना चाहते हैं और सरकार की दिशा तय करने में सीधे भूमिका निभाएंगे।
दोनों उप मुख्यमंत्री – अरुण साव और विजय शर्मा – की जिम्मेदारियां तो पहले से महत्वपूर्ण है। मंत्रिपरिषद के अन्य सहयोगियों को भी संतुलित तरीके से विभाग बांटे गए हैं। रामविचार नेताम को आदिवासी विकास और कृषि, जबकि ओ.पी. चौधरी को वित्त एवं योजना का जिम्मा देकर सरकार ने राजनीतिक अनुभव और प्रशासनिक क्षमता का संतुलन साधा है। महिला-बाल विकास से लेकर शिक्षा, पर्यटन और स्वास्थ्य जैसे विभागों का वितरण यह दर्शाता है कि सरकार सामाजिक क्षेत्र पर भी ध्यान देना चाहती है।
हालांकि, यह विभाग बंटवारा केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं है। असली चुनौती अब इन विभागों के कार्यान्वयन में होगी। प्रदेश की जनता महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा जैसी समस्याओं से जूझ रही है। केवल विभागों का वितरण पर्याप्त नहीं है, बल्कि जनता को वास्तविक लाभ पहुंचाना ही मंत्रियों की असली परीक्षा होगी।
सरकार से जनता की अपेक्षा है कि यह कैबिनेट केवल कागजी घोषणाओं तक सीमित न रहकर जमीनी स्तर पर बदलाव लाए। यदि मुख्यमंत्री और उनके मंत्री अपने-अपने विभागों में समन्वय और पारदर्शिता से काम करते हैं, तो यह मंत्रिमंडल राज्य की विकास यात्रा में एक नई दिशा तय कर सकता है।
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद खात्मे की ओर है। कई बड़े नक्सली नेता मारे गए हैं। बहुत सारे नक्सलियों ने पिछले एक दो माह में सरेंडर किया है।
कहावत है कि जहं जहं पांव पड़े संतन के तहं तहं बंटाधार।कुछ लोगों पर यह कहावत पूरा फिट बैठता है। ये ऐसे लोग होते हैं जिनको कहीं भेजा तो इस विश्वास के...
किसी राज्य में अप्रत्याशित चुनाव परिणाम आता है तो उसका असर कई राज्यों सहित देश की राजनीति पर भी जरूर पड़ता है। बिहार का चुनाव परिणाम राष्ट्रीय दलों...
वैसे तो आम तौर पर माना यही जाता है कि आदमी जैसा कर्म करता है,उसका फल भी वही भोगता है।यानी कर्म जिसका होता है, फल उसी को भुगतना पड़ता है।किसी ने चोर...
देश के हर साल किसी न किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं। राजनीतिक दलों के लिए यह मौका जनता का विश्वास जीतने का रहता है।बहुत सारे दल जनता का विश्वास...
सरकार हो,कोई संस्था हो सब के पास अपना काम होता है, और सबको अपना काम पूरा करना होता है।सबका काम को पूरा करने का अपना तरीका होता है।