मेहंदी से सौंदर्य...

Posted On:- 2024-07-24




-शहनाज हुसैन

मेहंदी हर महिला की पहली पसंद होती है। मेहंदी को सोलह श्रृंगार में से एक माना जाता है तथा मेहंदी को प्राचीन समय से हर भारतीय त्योहार में शुभ शगुन के तौर पर उपयोग किया जाता रहा है। शादी, रक्षा बंधन, ईद, तीज, गणेश उत्सव और करवा चौथ जैसे पवित्र त्योहार मेहंदी के बिना अधूरे माने जाते हैं। हालाँकि मेहंदी का उपयोग परंपरिक तौर पर सदियों से किया जा रहा है लेकिन आजकल महिलाओं में अलग-अलग डिजाइन में मेहंदी लगाने का क्रेज कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। मेहंदी को दैविक गुणों से भरपूर माना जाता है। हाथों पर लाल सुर्ख रंग की मेहंदी जहाँ आपके श्रृंगार को पूरा करती है वहीं आपकी जिंदगी में धन संपत्ति, प्यार-मोहब्बत आदि सुखों की लालिमा बिखेर देती है। मेहंदी कई औषधीय गुणों की खान मानी जाती है। मेहंदी लगाने से बुखार, तनाव तथा सिर दर्द से छुटकारा मिलता है तथा अनेक त्वचा संबंधी शिकायतों से मुक्ति मिलती है।

मेहंदी के प्रति महिलाओं का आकर्षण जगजाहिर है। तीज, दीपावली, करवा चौथ जैसे अनेक भारतीय त्योहारों में मेहंदी का रंग सिर चढ़ कर बोलता है तथा इन त्योहारों से पहले महिलाएं, खासकर किशोरियां, आकर्षक डिजाईन की मेहंदी लगाने के लिए बाजार में घंटों अपनी बारी का इंतजार करती हैं। शादी से एक दिन पहले मेहंदी की रात मानी जाती है, जहां वधू तथा उसके परिवार की महिलाएं हाथों, पैरों तथा कंधों पर बड़े चाव से मेहंदी लगवाती हैं। सौंदर्य के अलावा मेहंदी औषधीय गुणों से भरपूर मानी जाती है। आधुनिक रिसर्च में यह पाया गया है कि मेहंदी लगाने से तनाव कम होता है, स्नायूतंत्र में शांति आती है, सिरदर्द तथा बुखार में राहत मिलती है।

मेहंदी के गाढ़े रंग कुछ साधारण उपायों के अपनाने से आसानी से पाए जा सकते हैं। मेहंदी के पेस्ट बनाने के लिए मेहंदी को सूखी पत्तियों के पाउडर को कपड़े-छलनी से छान लें तो इसका मिश्रण मुलायम बनेगा। इस मिश्रण में रंग निखारने के लिए नींबू की कुछ बूंदें डाल लीजिए। उस मिश्रण को आप प्लास्टिक चम्मच की मदद से कांच के गिलास या प्लास्टिक की कटोरी में रख सकती हैं। इस मिश्रण में चीनी मिला लीजिए। मिश्रण में चीनी मिलाने से मेहंदी लंबे समय तक त्वचा से चिपटी रहती है तथा शीघ्रता से शुष्क होकर नीचे नहीं गिरती। मेहंदी का गाढ़ा रंग पाने के लिए नींबू जूस तथा चीनी के साथ ही मिश्रण में काफी या चाय का पानी मिलाया जाता है। इस मिश्रण को गर्म पानी में डालकर पेस्ट बना लीजिए तथा मिश्रण में कुछ बूंदें मोगरे का तेल डाल लीजिए। इस मिश्रण को एयर टाइट जार में रखकर रात भर रेफ्रिजरेटर में रखिए तथा अगले दिन आप इस मिश्रण का उपयोग कर सकती हैं। देश के कुछ हिस्सों में गाढ़ा भूरा रंग पाने के लिए मेहंदी में अखरोट के छिलकों की भूसी मिलाया जाता है, जिससे इसका रंग लंबे समय तक बना रहता है। हालांकि आप ऐसिडिक माने जाने वाले इमली, सिरका आदि किसी भी तत्व को मेहंदी का रंग निखारने के लिए उपयोग कर सकती हैं लेकिन उनमें नींबू के रस की बूंदें सबसे ज्यादा प्रभावी साबित होती हैं।

मेहंदी छुड़ाने के लिए साबुन एवं पानी का इस्तेमाल कतई न करें। मेहंदी को हाथों पर 8-10 घंटे लगा रहने दें तथा हाथों को आहिस्ता-आहिस्ता रगड़ते हुए मेहंदी को छुड़ा कर हाथों पर सरसों तेल की मालिश करें जिससे मेहंदी का गहरा रंग लंबे समय तक टिका रहेगा।

यदि आप नाखूनों पर मेहंदी लगाना चाहती हैं तो आप नाखूनों को ट्रिम करके उन्हें साफ कर लीजिए। नाखूनों को गर्म पानी में 10-15 मिनट तक डुबोएं जिससे नाखून तथा उनमें सटी त्वचा मुलायम हो जाएगी। उन पर मेहंदी लगाने से मेहंदी आसानी से सोख जाएगी। टूथपिक, माचिस की तिल्ली, कोन तथा स्टैशिल सहित मेहंदी लगाने के अनेक तरीके हैं।

मेहंदी को कम से कम 3 घंटे तक लगा रहने दीजिए तथा इसी बीच इसमें नींबू जूस की बूंदें तथा चीनी मिलाते रहिए। यदि किसी हिस्से में मेहंदी के टुकड़े गिरना शुरू हो तो उस जगह पर नया मेहंदी पेस्ट लगा दीजिए। मेहंदी का पेस्ट जितना ज्यादा समय अंगों पर चिपका रहेगा, मेहंदी का रंग उतना ही गहरा निखर कर आएगा। मेहंदी पेस्ट के सूख जाने के बाद इसे स्क्रब करके हटाया जाना चाहिए तथा पानी से कतई नहीं धोना चाहिए। मेहंदी के गहरे तथा गाढ़े रंग के लिए हाथों को कम से कम 12 घंटे तक पानी से कतई नहीं धोना चाहिए।

अगर आप मेहंदी के रंग को सुर्ख लाल करना चाहती हैं तो आप लौंग की भाप ले सकती हैं। जब मेहंदी सूख जाए तो इसे हाथों से हल्के-हल्के से रगड़ कर उतारने के बाद लौंग को तवे पर रख कर इसकी हाथों को भाप दें तथा इससे मेहंदी का रंग गहरा हो जाएगा।

मेहंदी के अनेक औषधीय लाभ हैं। आयुर्वैदिक विधि के अनुसार मेहंदी बेहतरीन एंटीसेप्टिक मानी जाती है। इसे त्वचा की एलर्जी तथा गर्मियों में त्वचा में उपजे चकते, घमौरियों आदि के उपचार पर भी किया जाता है। आयुर्वैदिक में मेहंदी को जलन, खरोंच, घाव तथा त्वचा सूजन के उपचार में भी प्रयोग किया जाता है। बालों में मेहंदी लगाने से बालों की रूसी, सिर में फोड़े-फुंसी, खुजली आदि बीमारियों से उपचार होता है। वास्तव में मेहंदी को प्राकृतिक क्लीनर माना जाता है जो कि अनेक बीमारियों का उपचार करती है।

यह ध्यान रखें की प्राकृतिक पत्तों वाली मेहंदी का ही उपयोग करें। त्योहारों के दौरान मेहंदी की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बाजार में केमिकल्स युक्त मेहंदी का उपयोग किया जाने लगा है जिससे त्वचा में जलन, सूजन, खुजली आदि से नुकसान पहुँच रहा है। कभी भी सस्ती मेहंदी के चक्कर में न फंसे क्योंकि सिंथेटिक मेहंदी के लंबे समय तक इस्तेमाल से कैंसर जैसे भयानक रोग का खतरा हो सकता है। ज्यादातर अच्छी गुणवत्ता के ब्रांडेड मेहंदी का ही उपयोग करें। त्योहारों के समय बाजार में बिकने वाली सिंथेटिक मेहंदी में पैराफेनीलिनडायमिन (पीपीडी) और डायमीन नामक जहरीले रसायन होते हैं जोकि त्वचा संबंधी अनेक बीमारियों का कारण बनते हैं।

लेखिका अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौंदर्य विशेषज्ञ हैं तथा हर्बल क्वीन के नाम से लोकप्रिय हैं।



Related News
thumb

चांद में भी दाग है मगर इस अदाकारा की खूबसूरती में नहीं

सबकी बारातें आईं' गाने से पहचान बनाने वाली एक्ट्रेस जारा यास्मीन अब भले ही अपने काम को लेकर सुर्खियों में न रहती हों।


thumb

शहनाज़ हुसैन के सौन्दर्य समाधान

लेखिका शहनाज़ हुसैन, अर्न्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौंदर्य विशेषज्ञ और "हर्बल क्वीन" के रूप में लोकप्रिय हैं।


thumb

जिद्दी डार्क सर्कल्स और झुर्रियां होगी दूर, बस घर पर बनाएं इमली का ...

खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान के चलते लोगों के समय से पहले चेहरे पर झुर्रियां दिखाई देती।



thumb

मॉनसून वेडिंग्स में सौन्दर्य सावधानियाँ : शहनाज़ हुसैन

क्या आप इस मानसून के मौसम में शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं? बारिश के मौसम में शादी करना रोमांटिक हो सकता है लेकिन यह थोड़ा मुश्किल भी हो सकता ...


thumb

बरसात में कामकाजी महिलाओं के लिए सौंदर्य टिप्स

बरसात का मौसम आ गया है और कामकाजी महिलाओं के लिए यह समय सौंदर्य और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने का है। बारिश के मौसम में ट्रैफिक जाम, वायु प्रदूषण ...