कई बार ऐसा होता है कि देश जैसा चाहता है हमारे खिलाड़ी वैसा नहीं कर पाते हैं, देश के लोगों को इससे बड़ी निराशा होती है। देश के लोगों में बहुत गुस्सा होता है, वह खिलाडियों पर नाराज होते हैं कि जब जीत सबसे ज्यादा जरूरी होती है,तब ही वह हार जाते है और देश के करोड़ों लोगों को बहुत निराश करते हैं। कई बार ऐसा भी होता है देश जैसा चाहता है,हमारे खिलाड़ी ठीक वैसा ही करते हैं और तब देश के करोड़ो लोगों की खुशी देखते ही बनती है, पूरा देश अपने देश के खिलाडियों पर गर्व करता है, उनको अपने सिर पर बिठा लेता है। उसके लिए खिलाड़ी सुपर हीरो हो जाते है। इस बार चैपियन ट्राफी में खिलाड़ियों ने दो बार देश ने जैसा चाहा वैसा किया।
इस बार चैंपियन ट्राफी में भारत शुरू से ही चैंपियन की तरह खेला, उसने जितने मैच खेले, एक भी नहीं हारा।उसने बांग्लादेश को पहले मैच में ६ विकेट से हराया, उसके बाद भारत व पाकिस्तान के मैच में भी भारत ने पाकिस्तान को ६ विकेट से हराया।भारत व पाकिस्तान के बीच हुआ मैच देशवासियों के लिए फाइनल से ज्यादा रोमांचक होता है, भारत के लोग चाहते हैं कि भारत किसी से भी हार जाए,उसे पाकिस्तान से उसे नहीं हारना चाहिए। इस बार भी देश के लोग चाहते थे कि भारत को पाकिस्तान को हराना चाहिए और अपनी श्रेष्ठता साबित करनी चाहिए। देश के लोगों ने चाहा कि भारत पाकिस्तान को हराए और भारत ने पाकिस्तान को हरा कर देशवासियों का दिल जीत लिया। पूरे देश में पाकिस्तान को हराने का जश्न मनाया गया।
तीसरा मैच भारत ने न्यूजीलैंड को ४४ रन से हराकर अपने ग्रुप में अपराजित रहा। सेमीफाइनल में उसका मुकाबला तय हुआ तो हर भारतीय यही सोच रहा था कि अब आया है मौका विश्वकप के फाइनल में हार का बदला चुकाने का। हर भारतीय की इच्छा थी कि भारतीय टीम आस्ट्रेलिया से विश्वकप का हार का ऐसा बदला ले कि आस्ट्रेलिया याद रखे, उसे भारत ने हराया था और वह उस हार के कारण स्पर्धा से ही बाहर हो गया था। देश के लोग जैसा चाहते थे, पूरी टीम ने एकजुट होकर वैसा ही किया। हम भारतीयों की आदत है कि हम अपने हर खिलाड़ी से हमेशा कुछ ज्यादा ही उम्मीद करते हैं हम चाहते हैं कि हमारे खिलाड़ी हमेशा अच्छा खेलें, हर मैच जीते लेकिन कई बार ऐसा नहीं हो पाता है क्योंकि सभी खिलाड़ी हर सबसे कठिन समय में अच्छा नहीं खेल पाता है,वह दवाब में आकर अपना बेस्ट नहीं दे पाता है।
हम भारतीयों की खुशकिस्मती है कि हमारी टीम एक खिलाड़ी तो हमेशा ऐसा होता जिसे हम सुपर हीरो मानते हैं यानी जीत की उम्मीद उसी से ज्यादा की जाती है। यानी भारतीय टीम को दूसरी टीम के बनाए रनों का पीछा कर जीतना है तो हम उम्मीद करते हैं कि हमारे पास जब तक यह खिलाड़ी है हम रनों का पीछा करते हुए हार नहीं सकते। पहले हमारे पास सुनील गावस्कर हुआ करते थे, वह मैच जिता नहीं पाते थे लेकिन भारत को हारने भी नहीं देते थे, वह अच्छा खेलकर भारत का हारने से बचा लेते थे।सुनील गावस्कर गए तो हमारे पास सचिन तेंदुलकर थे, उन्होंने भारत को बहुत सारे मैच जिताए और पहली बार देश को इस बात का भरोसा दिलाया कि हम मैच जीत भी सकते हैं।
सचिन के बाद विराट कोहली देश को मिले और अब तो टीम के साथ ही देश के लोगों को जीत की आदत हो गई है कि कोहली है और रन चेज करना है तो हमें रन चेज करके मैच जीतने का भरोसा भी रहता है। इस बार मौका बदला लेने का था और कोहली भी फार्म में आ गए थे तो पूरा देश जीत चाहता था और खिलाड़ी भी ऐसा करना चाहते थे इसलिए आस्ट्रेलिया से भारत को हार का बदला लेने में कोई दिक्कत नहीं हुआ।टास जीतकर आस्ट्रेलिया ने पहले बैंटिग करते हुए ४९.३ ओवर में २६४ रन बनाकर भाजपा को मैच जीतने की चुनौती दी।आस्ट्रेलिया और ज्यादा रन भी बना सकता था क्यों कि आस्ट्रेलिया ने ३५ ओवर में चार विकेट पर १८६ रन बना लिए थे,उसके पास पंद्रह ओवर थे और छह विकेट थे। वह आराम से सौ सवा सौ बना सकता लेकिन हमारे गेंदबाजों ने अच्छी गेंदबाजी की और आस्ट्रेलिया १५ ओवर में ७८ रन ही बना सका।शमी ने तीन विकेट,वरुण ने दो और जडेजा ने दो और कुलदीप,हार्दिक व अक्षर ने एक एक विकेट लेकर आस्ट्रेलिया को तीन सौ के पहले ही रोक दिया।
हमारे गेंदबाजों ने तो अपना काम कर दिया अब बारी हमारे बल्लेबाजों की थी। हमारे खिलाड़ियों ने आस्ट्रेलिया से ज्यादा अच्छी बैंटिंग की। रोहित शर्मा ने २८ रन बनाकर अच्छी शुरुआत दी. शुभमन गिल ८ रन बनाकर आउट हो गए। इसके बात आए विराट कोहली ने पिच पर अपना खूंटा गाड़ दिया कि आज तो आस्ट्रेलिया को हराना है और वह एक तरफ रुके रहे और रन बनाते रहे और दूसरों को भी रन तेजी से रन बनाने के लिए प्रेरित करते रहे।कोहली जब आउट हुए तो भारत को जीत का भरोसा हो गया था और हार्दिक, राहुल आदि ने जीत की औपचारिकता पूरी की।कोहली ने जीत का आधारशिला अय्यर के साथ ९१ रन,अक्षर पटेल के साथ ४४ व राहुल के साथ ४७ रन बनाकर रख दी थी।यही नहीं सिंगल रन भी आस्ट्रेलिया से ज्यादा बनाकर बता दिया कि जब भारतीय खिलाड़ी जीत की ठान लेते हैं तो उसे कोई नहीं रोक सकता।
बताया जाता है कि इस मैदान में आस्ट्रेलिया ने अब तक का सबसे बड़ा स्कोर बनाया था और भारत ने उसका पीछा करते हुए जीत कर नया रिकार्ड बनाया है। इस जीत के साथ भारत ४ लगातार आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाला देश बन गया है भारत,२०२३ में डब्लयूटीसी,२०२३ वनडे विश्व कप,२०२४ टी २० विश्वकप और अब चैंपियन ट्राफी के फाइनल में।भारत अब तक दो बार चैंपियन ट्राफी जीत चुका है, इस बार वह ट्राफी जीतता है तो यह तीसरी बार होगा।
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