इससे तो सरकार,पार्टी की छवि खराब हो रही है

Posted On:- 2025-03-06




सुनील दास

सरकार सुशासन की बात करती है तो राज्य में निचले स्तर पर सुशासन है ऐसा दिखना भी तो चाहिए। विधानसभा के भीतर व बाहर कई ऐसी घटनाएं होती हैं जिससे सरकार के सुशासन पर सवालिया निशान लग जाता है और सरकार की छवि खराब होती है। सरकार का पूरा जोर सुशासन पर है तो उसकी कोशिश भी तो होनी चाहिए हर स्तर सुशासन दिखे भी, कोई भी ऐसी घटना न हो जिससे विपक्ष को यह कहने का मौका मिले कि साय सरकार में सुशासन नहीं है, कोई भी ऐसी घटना होगी तो कैसे कोई यकीन करेगा कि भाजपा के शासन में सुशासन है।

हाल ही में एक ऐसी घटना राज्य में सबसे ज्यादा चर्चा में रही जब कवर्धा के पंडरिया ब्लाक में परसवारा ग्राम पंचायत में सात महिला पंचों की जगह उनके पति को पद की शपथ दिला दी गई।सुशासन में तो ऐसा नहीं होना चाहिए। सीधी सी बात है कि यह गलत हुआ है, इसे सही तो कोई नहीं कह सकता। जब पंच का चुनाव पत्नी जीती है तो शपथ भी उन्हीं को दिलाई जानी चाहिए। पंच के पति को तो शपथ किसी भी तरह से दिलाई नहीं जा सकती। सोशल मीडिया का जमाना है, ऐसी घटना होगी तो सोशल मीडिया में वीडियो भी आएगा और खूब चर्चा भी होगी।जिला पंचायत सीईओ को भी इस बात की जानकारी सोशल मीडिया से लगी, उन्होंने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं।इस मामले में ग्राम पंचायत सचिव प्रणवीर ठाकुर का कहना है कि शपथ में ग्रामीण व नए पंचायत पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया था,इसमें सिर्फ पुरुष पंच ही शामिल हुए थे।इस दौरान कुछ पंच पति भी आ गए थे जिनकों शपथ नहीं दिलाई गई है।

सच क्या है यह तो जांच के बाद सामने आएगा लेकिन सरकार के सुशासन पर सवालिया निशान तो लग गया कि चुनाव पत्नी जीते और शपथ उसका पति ले। अब तक तो यही सुनने और पढ़ने में आता था। पंच,सरपंच का चुनाव तो पत्नी लड़ती है और जीतती भी वही है लेकिन जीतने के बाद उसका सारा उसके पति करते हैं।बैठकों में बुलाया उनकी पत्नी को जाता है और शामिल होने उनके पति चले जाते हैं।बताया जाता है कि पिछले दिनों रायपुर भाजपा पार्षद दल की बैठक में चार महिला पार्षद के पति पहुंच गए थे,पर्यवेक्षक ने उनको बैठक से बाहर जाने के कहा था। इसी तरह बागबाहरा में भाजपा पार्षद दल की बैठक में  दो महिला पार्षदों की जगह उनके पति आ गए थे। इस पर पर्यवेक्षक ने उनको फटकार लगाई थी। 

ऐसी घटनाएं आए दिन हो रही हैं और न तो सरकार के स्तर पर इसे गंभीरता से लिया जा रहा है और न ही संगठन के स्तर पर।इस तरह के मामले में तो अब भाजपा को चेतावनी देनी चाहिए कि किसी महिला सरपंच,पंच,पार्षद पति यदि पत्नी की जगह बैठक में जाता है, कोई काम करता है,उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अब तक सरपंच,पंच पति पत्नी के सरपंच व पंच चुने पर उसकी जगह काम करना अपना अधिकार समझते रहे हैं। अब वक्त आ गया है कि उनको बता दिया जाए कि पत्नी सरपंच,पंच है तो उसको अपना काम खुद ही करना होगा।यदि वह अपना काम नहीं कर सकती है तो उसे पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। हर स्तर पर महिलाओं को आगे आने का मौका मिले सोचकर ही महिलाओं के लिए आरक्षण किया जाता है, उनको चुनाव लड़ने का मौका दिया जाता है। उनको काम करने और सशक्त होने का मौका दिया जाता है तो महिलाओं को सशक्त होने के लिए खुद काम करना चाहिए। अपने पतियों से साफ कह देना चाहिए कि मैं चुनी गई हूं तो काम भी मैं करूंगी। 

अब तक यही  होता रहा है,आगे न हो इसके लिए सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी होगी। नहीं तो उसके सुशासन का लोग इसी तरह मजाक उड़ाते रहेंगे। सुशासन के प्रति सरकार व संगठन को संवेदनशील होने की जरूरत है। सुशासन मतलब यह नहीं होता है कि विधानसभा के भीतर भाजपा के वरिष्ठ विधायक सरकार के मंत्री से ऐसे सवाल पूछें कि मंत्री ठीक से जवाब न दे सके।जनता में संदेश जाए कि सरकार ठीक से काम नहीं कर रही है।ऐसा एक दिन हो तो समझ आता है कि गलती से ऐसा हो गया रोज ऐसा होता है तो जनता को लगता है कि क्या यही सुशासन है।ठीक है कि इस बार वरिष्ठ विधायकों मंत्री नहीं बनाया गया। इसका मतलब यह नहीं होना चाहिए को वह अपने मंत्री व सरकार को ही आए दिन सवालों का कठघरें मेें खड़ा करें।

शहर में चर्चा है कि मंत्रिमंडल में दो मंत्री बनाए जाने हैं, वरिष्ठ विधायक ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि सरकार उनकाे मंत्री बनाए।वह कह नहीं रहे हैं लेकिन वह जो कर रहे हैं उसका संदेश यही है कि हमको चुप कराना है तो हमको मंत्री बना दो। हमको मंत्री नहीं बनाओगे तो हम यूं ही मुखर रहेंगे। हम विपक्ष से ज्यादा बोलेंगे, विपक्ष से बढ़कर सवाल पूछते रहेंगे। यानी सरकार के सुशासन पर सवाल उठाते रहेंगे।पार्टी के विधायक सुशासन पर सवाल उठाएंगे तो दूसरे लोगों को भी बढ़ावा मिलता है। सरकार से मनरेगा कर्मियों ने सवाल पूछा है कि कम वेतन में भी ज्यादा काम करने के बाद भी हमको चार माह का वेतन नहीं मिला है तो हम कैसे सुशासन पर भरोसा करें।



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