जनता भरोसा करे तो ही वादे ठीक हैं.....

Posted On:- 2024-04-07




जब भी लोकसभा या विधानसभा के चुनाव होते हैं तो सभी राजनीतिक दल अपना घोषणापत्र जारी करते हैं। इसमें राजनीदिक दल जनता को बताते हैं कि अगर जनता उनको सत्ता सौंपती है तो वह राज्य,देश व जनता के लिए क्या क्या करेंगे। पढ़ने मेंं तो सभी राजनीतिक दलों के घोषणापत्र अच्छे लगते हैं, सभी यह भी कहते हैं कि उनको मौका मिला तो वह सब वादे पूरे भी करेंगे। जनता सभी राजनीतिक दलों पर भरोसा नहीं करती है। वह कई दलों में एक दल का सत्ता के लिए चुनती है जो उसे सबसे भरोसे का लगता है, जिस दल का नेता उसको सबसे भरोसे का लगता है जनता उसको सत्ता सौंपती है। 

यानी की घोषणा पत्र, बहुत बड़े बड़े वादे, बहुत ज्यादा वादों का मतलब यह तो हाेता नहीं है कि जिस राजनीतित दल ने यह वादा किया है, वह उसे पूरा भी कर देगा। राजनीतिक दलों ने आजादी के ७५ सालों में जनता को कई बार बड़े बड़े वादे कर ठगा है, इसलिए जनता आजकल सभी राजनीतिक दलों के वादे पर भरोसा नहीं करती है, सभी राजनीतिक दलों के नेताओं पर भरोसा नहीं करती है। 

लोकसभा चुनाव के लिए कांंग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। उसमें पांच न्याय तथा २५ गारंटी देश की जनता को दी गई है यानी इंडी गठबंधन की सरकार बनी तो यह तमाम वादे पूरे किए जाएंगे। कांग्रेस के घोषणा पत्र में कुल ३४४ वादे देश की जनता से किए गए हैं। यह संख्या में ज्यादा लगते है, ऐसा लगता है कि कांग्रेस मान कर चल रही है कि वह ज्यादा से ज्यादा वादे करेगी तो देश की जनता उसे ज्यााद सीटों पर जिताएगी। 

यह उसका वहम भी हो सकता है क्योंकि जनता ज्यादा वादों करने वाले यकीन नही करती है क्योंकि वह जानती है कि ज्यादा वादे ज्यादा वोट के लिए,, ज्यादा सीट जीतने के लिए किए जाते हैं, जीतने के बाद राजनीतिक दल पूरे नहीं करते हैं। वादे बहुत ज्यादा हो तो उसे पूरा करने में ज्यादा पैसा लगता है,इसिलए वह किए जाते हैं लेकिन पूरे नहीं किए जाते है्ं। कांग्रेस ने आजादी के बाद कई चुनावों में कई वादे किए लेकिन पूरे कहां किए है। 

छत्तीसगढ़ के पिछले चुनाव में कांग्रेस ने जनता से ३० से ज्यादा वादे किए थे, पांच साल में इनमें से कई वादे पूरे नहीं किए। कांग्रेस जब तीस से ज्यादा वादे पांच साल में पूरे नहीं कर पाती है तो वह पांच साल में केंद्र में आने पर ३४४ वादे कैसे पूर कर सकती है।क्योंकि कांग्रेस साल में छह वादे  पूरे नहीं कर सकती तो वह साल में ३८ वदे कैसे पूूरे कर सकती है। 

कांग्रेस का घोषणापत्र जिसने भी बनाया है उसने सभी को खुश करने के लिये बनाया है, सभी का वोट लेने के लिए बनाया है। इससे सभी का वोट मिलने वाला नहीं है क्योंकि कांंग्रेस नेता राहुल गांधी हो या कांग्रेस पार्टी हो उनकी छबि सभी वादे पूरे करने वाले नेता व पार्टी की नहीं है। जनता उन पर इतना भरोसा तो नहीं करतीहै कि कांग्रेस ३४४ वादे करे और जनता उस पर यकीन कर ले। जनता इसलिए भी कांग्रेस के वादे पर भरोसा नहीं करेगी कि पिछली बार भी तो कांग्रेस ने कई बड़े वादे किए थे उस पर जनता ने भरोसा नहीं किया था। 

एक वादा था देश के गरीब परिवारों को हर माह छह हजार रुपए देना। यानी साल का ७६ हजार रुपए देना। वही पीएम मोदी देश के किसानों को हर साल छह हजार रुपए देने की घोषणा की तो जनता ने उन पर भरोसा किया। कहां साल का छह हजार रुपए और कहां साल का७६ हजार रुपए। जनता ने पैसे तो नहीं देखा, नेता को देखा,पार्टी को देखा और उस पर भरोसा किया। जनता पीएम मोदी व भाजपा पर भरोसा करती है, इसलिए उसे दो बार लोकसभा चुनाव जिता चुकी है।

राहुल गांधी व कांग्रेस सोचती है कि जनता को ७६ हजार रुपए  की जगह एक लाक देने का वादा करने पर जनता उन पर भरोसा कर लेगी। यह उनका वहम है। जनता चुनाव में उनका वहम फिर एक बार दूर कर देगी। भाजपा से ज्यादा देने की घोषणा तो राहुल गांधी व कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ मेंं भी की थी लेकिन जनता ने राहुल गांधी व भूपेश बघेल पर भरोसा नहीं किया। भाजपा व मोदी पर भरोसा किया। सरकार बनने के बाद साय सरकार जनता के भरोसे को कायम रखनेे में सफल रही है इससे छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव में फिर एक बार भाजपा का परचम ही लहरायेगा। मुख्यमंत्री साय भी आने वाले दिनों में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तरह राज्य के साथ ही देश के मजबूत व लोकप्रिय सीएम साबित होंगे।

                        सुनील दास



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