चुनाव घोषणापत्र तो ऐसा ही होना चाहिए...

Posted On:- 2024-04-15




-सुनील दास

लोकसभा चुनाव के लिए देश के कई राजनीतिक दलों ने अपना चुनाव घोषणा पत्र जारी कर दिया है। भाजपा के चुनाव घोषणापत्र का इंतजार किया जा रहा था, वह भी रविवार को जारी कर दिया गया है। इसलिए भाजपा के चुनाव घोषणापत्र की तुलना देश के तमाम विपक्षी दलों के घोषणापत्र से की जा रही है। जो देश व राजनीति के समझते् हैं ऐसे तमाम लोगों को कहना है कि भाजपा का घोषणापत्र सबसे अच्छा है, और इसलिए हैं कि इसमें जनहित व देशहित का बराबर ख्याल रखा गया है। जितना जनता का ख्याल रखा गया है, उतना ही देश का भी ख्याल रखा गया है।

देश व जनता के लिए भाजपा जो कुछ करने वाली है ,उसमें एक सुंदर संतुलन है। यह संतुलन कांग्रेस सहित विपक्ष के दलों के घोषणापत्र में नहीं दिखता है। उसमें अति दिखती है।एक तरफा झुकाव दिखता है। यह अति व झुकाव जनता के लिए है। जनता के लिए इसलिए है कि वह जनता का बहुत ज्यादा ख्याल रखेंगे तो जनता उनको चुनाव में जिता देगी।

विपक्ष का घोषणापत्र एक होता तो ज्यादा अच्छा होता। क्योंकि इससे विपक्षी की एकजुटता दिखती।यह मोका कांग्रेस सहित विपक्ष ने खो दिया। इससे ऐसा लगता है कि विपक्ष अपनी विश्वसनीयती को बनाना नहीं चाहता है। विपक्ष के अलग अलग घोषणा पत्र के कारण विपक्ष बिखरा हुआ दिखता है। इस देश में जनता कभी बिखऱे हुए विपक्ष को सत्ता के लायक नहीं समझती है। विपक्ष व भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र की तुलना की जाए तो यह दिखता है कि भाजपा अपनी जीत के प्रति आश्वस्त है जबकि कांग्रेस को अपनी जीत का भरोसा नहीं है।

यही वजह है कि वह पूरे न होने वादे कर रही है। देश को नुकसान पहुंचाने वाले वादे कर रही है। भाजपा ने पुराने काम को आगे बढ़ाया है, जनता के लिए जो काम पिछले दस साल में हो रहे थे,उसे भाजपा ने चालू रखने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि भाजपा का लाभार्थी वर्ग भाजपा के पास ही रहने वाला है। भाजपा को वोटों का कोई नुकसान नहीं होने जा रहा है। 

मोदी ने जनता को गारंटी दी है कि गरीबों को अगले पांच साल मुफ्त राशन मिलता रहेगा, गरीब परिवारों को पांच लाख तक मुफ्त इलाज मिलता रहेगा,७० साल से अधिक उम्र के लोगों को पांच लाख तक का मुफ्क इलाज मिलेगा,पीएम सूर्य घर योजना से लोगों को मुफ्त बिजली मिलेगी, तीन करोड़ ग्रामीण महिलाओं को लखपति बनाया जाएगा, फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया जाएगा,देश में रोजगार के अवसरों को बढ़ाया जाएगा, वही देश के लिए कहा गया है कि देश को २०३०तक वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाया जाएगा,देश में सुशासन होगा,समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी, एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए प्रयास किया जाएगा,गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के लिए नए संस्थानों की स्थापनी की जाएगी,संतुलित क्षेत्रीय विकास के लिए प्रयास किया जाएगा,पेपर लीक को रोकने कानून बनाया जाएगा।

इससे साफ हो जाता है कि जिन लोगों का पहले से ख्याल रखा जा रहा है, उन लोगों का पूरा ख्याल आगे भी रखा जाएगा, देश में जिन क्षेत्रों में सुधार की जरूरत है, वहां सुधार का वादा किया गया है। पीएम मोदी विकिसत भारत बनाना चाहते हैं, आधुनिक भारत बनाना चाहते हैं, इसलिए हर पांच साल में वह कोई न कोई बड़ा सुधार करते हैं। राहुल गांधी सहित विपक्ष को यह सारी अच्छी बातें नही दिखाई देती हैं।

राहुल गांधी का कहना है कि घोषणा प६ में रोजगार व महंगाई का जिक्र नहीं है। पीएम मोदी काे मालूम है कि बड़ा देश है, हर साल बेराेजगार युवाओं की फौज कालेजों से निकलती है। वह कहते नहीं है कि सबको रोजगार मिलेगा, वह युवाओं को बताते हैं कि रोजगार की समस्या से वह कैसे निपट सकत हैं, वह देश के सामने सफल रोजगार करने वाले युवाओं का उदाहरण देश के युवाओं के सामने रखते है। उनसे सबक लेने को कहते हैं।

राहुल गांधी भी महिलाओं का लखपति बनाना चाहते हैं। मोदी भी लखपति बनाना चाहते हैं। फर्क यह है कि राहुल गांधी महिलाओं को बिना काम किए एक लाख रुपए देना चाहते है,वहीं मोदी महिलाओं का काम कराकर, नया काम सीखाकर एक लाख रुपए कमाने का मौका देना चाहते है। पीएम मोदी चाहते हैं कि हर वर्ग के लोग परिश्रमी बने, जब देश के  लोग परिश्रम करते हैं तो देश आगे बढ़ता है। 

राहुल गांंधी महिलाओं को परिश्रमी नहीं बनाना चाहते है। वह उन्हे अपना वोटर बनाना चाहते हैं यानी राहुल गांधी उनको एक लाख रुपए देते रहेंगे तो वह राहुल गांधी व कांग्रेस को वोट देते रहेगे।  देश की जनता समझती है कि एक नेता महिलाओं को वोट देने के लिए एक लाख रुपए देना चाहता है, एक नेता महिलाओं को लखपति बनाने के लिए काम करने को कहता है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि कांग्रेस का घोषणापत्र भले ही लोकलुभावन हो लेकिन समझदार लोग तो भाजपा के घोषणापत्र को ही बेहतर बनाएंंगे।



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