भाजपा की छिपी हुई ताकत है आरएसएस

Posted On:- 2024-10-13




सुनील दास

आरएसएस ने इस विजयादशमी को अपने सौंवे वर्ष में प्रवेश किया।आरएसएस की स्थापना दिसंबर १९२५ को हुई थी।तब से यह विशाल संगठन देश व हिंदू समाज के हित में चुपचाप काम करता आ रहा है। इन ९९ बरसों के दौरान संघ परिवार का विस्तार हर क्षेत्र में हुआ है।चाहे राजनीति हो,व्यावसायिक और पेशेवर हो,आर्थिक हो,सामाजिक सेवा हो,महिलाओं के लिए हो,धार्मिक हो,क्षेत्र आधारित हो,शिक्षा आधारित हो,सामाजिक व जातीय हो,समाचार व संचार हो,थिंक टैंक हो,विदेशी हो,सेना हो, खेल हो, भाषा हो हर क्षेत्र में संघ का संगठन है और वह उस क्षेत्र में काम करता है।

भाजपा संघ का राजनीतिक संगठन है।व्यसायिक व पेशेवर में भारतीय किसान संघ सहित १० संगठन हैं।आर्थिक में स्वदेशी जागरण मंच सहित पांच संगठन है।सामाजिक सेवा में दीनदयाल शोध संस्थान सहित ९ संगठन है,धार्मिक में विहिप,बजरंग दल सहित ८ संगठन हैं।क्षेत्र आधारित दो संगठन है, शैक्षिक संगठन सरस्वती शिशु मंदिर,एकल विद्यालय सहित ४ संगठन हैं।सामाजिक व जातीय वनवासी कल्याण आश्रम चार संगठन हैं,समाचार व संचार में आयोजक पत्रिका,पांचजन्य पत्रिका,विश्व संवाद केंद्र व हिंदुस्तान समाचार है। थिंक टैंक भारतीय विचार केंद्र सहित ८ संगठन हैं,विदेश में ६ संगठन हैं, इसके अलावा संस्कृत भाषा के प्रचार के लिए संस्कृत भारती है,सेना में भर्ती के लिए प्रोत्साहित करने सेंट्रल हिंदू मिलिट्री एजुकेशन सोसायटी,खेल संगठन क्रीडा़ भारती है। 

इस तरह देखा जाए तो देश के हर क्षेत्र में संघ का संगठन है, इसीलिए यह संगठन इतना मजबूत और विशाल है।हर क्षेत्र में संघ का असर है। इसीलिए उसकी देश के नब्ज पर दूसरे तमाम दलों से ज्यादा अच्छी पकड़ रहती है। देश का मूड क्या है, यह संघ को पता रहता है। इसका फायदा राजनीतिक संगठन भाजपा को हर चुनाव में मिलता है।  आरएसएस समुद्र के आइसबर्ग की तरह है। वह कितना बड़ा है, उसका कितना असर है, इसका अंदाजा कोई नहीं लगा सकता है।आइसबर्ग का एक हिस्सा दिखाई देता है जो पानी के ऊपर होता है,उसका बहुत बड़ा हिस्सा पानी में डूबा रहता है। वह किसी को दिखाई नहीं देता है, इसलिए इस देश में आरएसएस के बारे में बहुत ही कम लोगों को पता रहता है कि वह क्या कर रहा है,क्यों कर रहा है,कैसे कर रहा है, करने वाले कौन हैं।उसका परिणाम क्या हुआ।

आरएसएस आइसबर्ग है तो भाजपा उसका दिखाई देता हुआ हिस्सा है। लोगों को यह तो पता चलता है कि भाजपा क्या कर रही है लेकिन यह पता नहीं चलता है कि आरएसएस के बाकी संगठन क्या कर रहे हैं।भाजपा की छुपी हुई ताकत है आरएसएस। इस ताकत के कारण भाजपा को कई अवसरों को फायदा होता है पर किसी को पता नहीं चलता है।सब सोचते हैं कि यह जीत भाजपा की मेहनत की जीत है हकीकत में भाजपा की मेहनत से ज्यादा मेहनत आरएसएस के कई संगठन भी भाजपा की जीत के लिये करते हैं। देश के सारे राजनीतिक दल भाजपा से लड़ते हैं और सोचते हैं कि वह भाजपा को हरा देंगें लेकिन उनके पास आरएसएस जैसा शक्तिशाली संगठन न होने के कारण भाजपा को हरा नहीं पा रहे हैं।

कांग्रेस देश की आरएसएस की तरह ही सबसे पुरानी पार्टी है,वह जानती है कि आरएसएस के कारण भाजपा को कितना फायदा होता है और उसे कितना नुकसान होता है।इसलिए वह आरएसएस की कटु आलोचना हमेशा करती है, लोग उस पर भरोसा न करें इसलिए उसे दंगा कराने वाला, नफरत फैलाने वाला संगठन बताती रहती है। कांग्रेस ने आरएसएस को देश व समाज को नुकसान पहुंचाने वाला संगठन बताया है, उसे समाप्त करने की बरसों कोशिश की।उस पर कई बार प्रतिबंध भी लगाया लेकिन कांग्रेस उसे समाप्त नहीं कर सकी तो इसलिए कि इस देश के लोगों आरएसएस को देश व हिंदू समाज के हित में काम करने वाला संगठन मानते हैं। 

देश को अटल-आडवाणी, मोदी व शाह जैसे नेता देने वाला संगठन मानते हैं।लोगों को भरोसा है कि आरएसएस है तो अटल, आडवाणी, मोदी, शाह, योगी जैसे नेता देश की सेवा के लिए समय समय पर अवतरित होते रहेंगे और किसी संगठन में ऐसे नेता बनाने की क्षमता नहीं है। आरएसएस ने अटल बिहारी बाजपेयी और नरेद्र मोदी के रूप में जो दो नेता दिए हैं, वह देश के अनमोल रतन हैं तो इसलिए उनको आरएसएस से संस्कार मिले हैं। दोनों नेताओं ने राजनीति के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करके आरएसएस का गौरव बढ़ाया है।

विपक्षी दलों के नेताओं ने आरएसएस व मोदी के बीच संबंध सामान्य नहीं है, इस बात का गत महीनों में खूब प्रचार किया। यह बताने की कोशिश की कि भाजपा को लोकसभा चुनाव में बहुमत इसीलिए नहीं मिला कि आरएसएस ने चुनाव में काम ही नहीं किया। लेकिन आरएसएस ने हरियाणा में भाजपा को जिताने के लिए जमीनी स्तर पर काम करके फिर एक बार चमत्कार किया है। किसी को भरोसा नहीं था कि भाजपा जीतेगी और आरएसएस ने भाजपा को जिताने में अहम भूमिका निबाही और विपक्षी दलों को बता दिया है कि आरएसएस भाजपा की छुपी हुई ताकत है और हमेशा उसके साथ रहती है। सरसंघ चालक मोहन भागवत ने भी मोदी सरकार की तारीफ अपने विजयादशमी के अवसर पर दिए भाषण में की है। उन्होंने कहा है कि बीते बरसो मे भारत अधिक मजबूत हुआ है,दुनिया में भारत की साख बढ़ी है। यह एक तरह की पीएम मोदी अप्रत्यक्ष तारीफ है।

इसी तरह पीएम मोदी ने आरएसएस के सौवें साल में प्रवेश करने स्वयंसेवकों को बधाई देते हुए कहा है कि आरएसएस राष्ट्रसेवा में समर्पित संगठन है। ऐसा कहकर उन्होंने भी देश को संदेश दिया है कि भाजपा और आरएसएस अलग नहीं है, एक दूसरे के खिलाफ नहीं है,वह एक दूसरे के पूरक है और मिलकर भारत के हित में काम करते रहे है और आगे भी काम करते रहेंगे। आरएसएस मोदी को मजबूत करने का काम करता रहेगा और मोदी देश के लिए काम करते हुए आरएसएस के हर उस लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करते रहेंगे जो और कोई नेता नहीं कर सका है।



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