ऐसा बयान तो नहीं देना चाहिए था सिंहदेव को...

Posted On:- 2024-10-16




सुनील दास

राजनीति में नेता को बयान देते वक्त सावधान रहना चाहिए, बहुत सोचसमझ कर बयान देना चाहिए क्योंकि वह बयान दे रहे है, जो सवाल दूसरे राजनीतिक दल से पूछ रहे हैं, वही सवाल उनसे भी उनके दिए बयान के आधार पर पूछा जा सकता है।क्योंकि हर सरकार के शासन में अपराध तो होते रहते हैं।हर सरकार के मंत्री व नेता हर मामले में बयान देते रहते हैं।वह कुछ बयान देते हैं तो उनको याद दिलाया जा सकता है कि जब आपकी सरकार थी तो क्या ऐसा नहीं होता था जैसा आप इस सरकार से सवाल पूछ रहे हैं।सवाल के जवाब में सवाल तो हर कोई पूछ सकता है क्योंकि हर सरकार के समय ऐसा कुछ जरूर होता है जिस पर उनसे सवाल पूछा जाता है।

टीएस सिंहदेव बड़े सौम्य, शालीन हैं, वह कांग्रेस सरकार के जाने के बाद से अज्ञातवास में चले गए थे, महीनों बाद वह फिर से कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज की यात्रा के समापन अवसर से सक्रिय हो गए हैं, अखबारों में अब फिर से उनके बयान छपने लगे है। हर मुद्दे पर वह कुछ न कुछ कह रहे हैं। इससे लगता है कि दिल्ली से उनको फिर सक्रिय होने को कहा गया है। इसी के साथ ही उनको महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाकर पार्टी को पश्चिमी महाराष्ट्र में जिताने की जिम्मेदारी दी गई है।इसी तरह पूर्व सीएम भूपेश बघेल को विदर्श की जिम्मेदारी दी गई है।

टीएस सिंहदेव को भले ही जब कांग्रेस की सरकार थी बरसों भूपेश बघेल के बराबर न समझा गया हो लेकिन अब जब कांग्रेस की सरकार इतिहास की बात हो गई है तो टीएस सिंहदेव को भूपेश बघेल के बराबर महत्व दिया जा रहा है। जब महत्व दिया जा रहा है तो भूपेश बघेल के समान उनको भी तो हर मुद्दे पर कुछ न कुछ तो कहना पड़ता है।उनको कम से कम यह तो नहीं कहना था कि जिलाबदर बदमाश कैसे जिले में घूम रहा था।टीएस सिंहदेव को मालूम होना चाहिए कि कोई जिलाबदर किसी जिले में कैसे घूमता है, वह तो हर सरकार के समय घूमता रहता है, आए दिन अखबारों में लोगों को यह खबर पढ़ने को मिलती है कि जिसे जिलाबदर किया गया है,वह तो शहर में घूमता दिखा है।

जिस व्यक्ति को पुलिस ढूंढ रही होती है और पकड़ नहीं पाती है, उस व्यक्ति को लोग शहर में बेफ्रिक्री से घूमते हुए देखते रहते हैं।यह तो आम बात है क्योंकि पुलिस तंत्र में खामी है,यह खामी भाजपा सरकार के समय ही नहीं है, हर सरकार के समय रहती है। ऐसा तो हो नहीं सकता जो खामी कांग्रेस सरकार के समय रही हो, वह भाजपा के समय न हो। सरकारें तो आती-जाती रहती हैं लेकिन पुलिस तंत्र की यह खामी कोई सुधारता नहीं है, इसलिए यह बनी रहती है और इसी खामी के कारण कभी बड़ी घटना भी हो जाती है।

टीएस सिंहदेव को बयान देते वक्त पता न हो कि कुलदीप साहू के साथ के कौन कौन थे, लेकिन अब कुलदीप साहू समेत चार लोगों को गिरफ्तार करने के बाद सबको पता चल गया है कि क्योंकि कुलदीप साहू ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि उसके साथ वारदात के वक्त आर्यन विश्वकर्मा,फूलसिंह,चंद्रकांत चौधरी,सूरज साहू थे। उनको गिरफ्तार भी कर लिया गया है। अब तो दूसरे लोग कांग्रेस से सवाल पूछ सकते हैं कि एनएसयूआई का जिला अध्यक्ष कुलदीप साहू के साथ कैसे घूम रहा था।

ऐसे में तो भाजपा महामंत्री संजय श्रीवास्तव का यह बयान लोगों को सच क्यों नहीं लगेगा जिसमें उन्होंने कहा था कि हर अपराध व अपराधी के साथ कांग्रेस के तार क्यों जुड़े रहते हैं।उनके इस आरोप पर लोग यकीन क्यों नहीं करेंगे कि कांग्रेस अपने गुंडा तत्वों के जरिए कानून व्यवस्था बिगाड़कर छत्तीसगढ़ में अराजकता व आतंक का जहर घोलने का काम कर रही है। आम लोगों के बीच तो इस बात की खूब चर्चा है कि छत्तीसगढ़ में नई सरकार के बनने के बाद कोई भी बड़ा बवाल होता है या कराया जाता है तो उसमें अनिवार्य रूप से आगजनी क्यों होती है या कराई जाती है। क्या महज इसलिए कि मामले को बड़ा बनाया जा सके, मामले में बड़ी राजनीति की जा सके।

बलौदाबाजार मामले में धरना प्रदर्शन से भी विरोध किया  जा सकता था,लेकिन सुनियोजित ढंग से आगजनी की गई ताकि उसको बड़ा मामला बनाया जा सके। इसी तरह कवर्धा में लाश मिलने के बाद भीड़ का विरोध प्रदर्शन करना तो ठीक है, लेकिन किसी के घर में आग लगाकर उसे मारने की कोशिश मामले को बड़ा बनाने का प्रयास लगता है। इसी तरह सूरजपूर में हेडकांस्टेबल की पत्नी व बच्ची की हत्या कर दी तो भीड़ ने सीधे कुलदीप साहू के घर में आग लगा दी। ऐसा तो इस प्रदेश में पहले नहीं होता था कि किसी ने हत्या कर दी है तो उसके घर को जला दिया जाए।

कांग्रेस नेताओं पर जब इस तरह के प्रायोजित हिंसक आंदोलन के आराेप लगाए जाते हैं तो बहुत से लोग यकीन करने से इंकार भी नहीं करते हैं।वह सहज मान लेते हैं कि कांग्रेस भाजपा सरकार को बदनाम करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। एक साल तक चलने वाले किसान आंदोलन के बारे में हाल ही एक किसान नेता ने गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने खुलासा किया है कि हम लोगों ने किसान आंदोलन कर कांग्रेस के लिए माहौल बनाया था कांग्रेस हरियाणा में उसका फायदा नहीं उठा सकी।जब कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर इतना बड़ा आंदोलन प्रायोजित कर सकती है वह क्या नहीं कर सकती है। 



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