किसान तो यही मानेंगे कि भाजपा किसान हितैषी है

Posted On:- 2024-10-17




सुनील दास

छत्तीसगढ़ की राजनीति में किसान का बड़ा महत्व है। सभी राजनीतिक दल इस बात को समझते हैं,इसलिए जब भी किसी दल को यह दिखाने या बताने का मौका मिलता है कि वही किसान हितैषी है तो वह कोई मौका नहीं चूकता है।कई बार राजनीतिक दल के हाथ करने को कुछ नहीं रहता है लेकिन वह बताना नहीं चूकता है जो किसानों के लिए कुछ कर रहा है वह तो कम है, वह तो कुछ भी नहीं है,किसानों के लिए और ज्यादा करने की जरूरत है। 

कांग्रेस सत्ता में नहीं है तो यही कर रही है। भाजपा सरकार ने तय किया है कि धान खरीदी 14 नवंबर से की जाएगी। कांग्रेस खुद को कुछ कर नहीं सकती क्योंकि वह सत्ता में नहीं है तो वह किसानों को बताने की कोशिश कर रही है कि साय सरकार 14 नवंबर से धान खरीदना शुरू करने वाली है तो वह गलत कर रही है। वह साय सरकार से मांग कर रही है कि किसानों को हित में तो सरकार को 1 नवबर से धान खरीदी शुरू करना चाहिए। किसानों का ज्यादा धान तब ही खरीदा जा सकेगा। वह छुट्टियों को हिसाब लगाकर बता रही है कि 14 नवंबर से धान खरीदी होने पर 75 दिन धान खरीदी होगी। उसमें 35 दिन छुट्टियों को घटा दिया जाए तो धान खरीदी हकीकत में 40 दिन ही होगी। पूरा हिसाब लगाकर कांग्रेस किसानों को यह बताना चाहती है कि साय सरकार तो किसानों की धान खरीदना ही नहीं चाहती है।

साय सरकार ने साफ कर दिया है कि वह धान की खऱीदी अपने हिसाब से ही करेगी वह कांग्रेस के दवाब में नहीं आने वाली है क्योंकि पांच साल कांग्रेस सरकार भी रही तो उसने भी भाजपा के कहने के अऩुसार धान खरीदी थोड़ी न की थी,उसने भी अपनी सुविधा के अनुसार की थी।कई बार कांग्रेस के समय भी मांग होती थी कि धान खरीदी दीपावली के पहले से होनी चाहिए ताकि किसान दीपावली के पहले धान बेचकर दीपावली का तिहार अच्छे से मना सके लेकिन सरकार ने हमेशा ऐसा नहीं किया है। एक बार तो सरकार ने नवंबर की जगह दिसंबर से धान खरीदी शुरू की थी और उसे किसानों के हित में बताया था।

इसी के साथ कांग्रेस यह भी मांग कर रही है कि केंद्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रुपए बढ़ाया है तो साय सरकार को इस बार धान खरीदी 3100 प्लस 117 यानी 3217 रुपए में करनी चाहिए। अगर कांग्रेस ने अपने समय पांच साल ऐसा किया होता और वह कहती तो लगता कांग्रेस सही कह रही है,कांग्रेस ने अपने समय में चुनाव में धान 2500 रुपए में खरीदने का वादा किया था। और देश भर में जहां भी कांग्रेस नेता जाते थे तो ढिंढारा पीटते थे कि हम छत्तीसगढ़ में किसानों का धान का सबसे ज्यादा पैसा दे रहे हैं। हर साल केंद्र सरकार धान की एमएसपी बढ़ाती तो कांग्रेस सरकार केंद्र सरकार के बढ़ाए एमएसपी को जोड़कर किसानों को नहीं देती थी यानी उसने वादा किया था कि धान 2500 में खरीदेगी तो वह 2500 ही किसानों को देगी क्योंकि देश के किसी राज्य में कोई सरकार किसानों को इतना पैसा नहीं देती है। 

कांग्रेस कम के कम तीन चार साल किसानों को धान का पैसा २५०० ही दिया। चौथे या पांचवें साल जरूर उसने चुनाव के कारण केंद्र सरकार ने धान की एमएसपी एक सौ रुपए कुछ बढ़ाए तो कांग्रेस सरकार ने उस साल किसानों का धान 2600 से कुछ ज्यादा में खरीदा था और वादा किया था उनकी सरकार बनी तो वह अगले सत्र में किसानों का धान 2800 रुपए में खरीदेगी। कांग्रेस की किसान हितैषी सरकार को किसानों ने दोबारा मौका नहीं दिया क्योंकि भाजपा ने उनसे वादा किया कि भाजपा की सरकार आएगी तो किसानों का धान हर साल 3100 रुपए में खरीदा जाएगा। भाजपा चुनाव में किया अपना वादा निभा रही है।इस बार उसने धान खरीदी का लक्ष्य भी पहले से ज्यादा तय किया है और पहले से ज्यादा किसानों से धान खरीदने की कोशिश भी की जाएगी। इसीलिए 14नवंबर से धान खरीदने का फैसला किया गया है।

कांग्रेस जानती है कि साय सरकार इस बार उसके समय से ज्यादा पैसों में किसानों का धान खरीदेगी, ज्यादा किसानों का धान खरीदेगी। पहले से ज्यादा किसानों का धान खरीदेगी इससे तो किसान भाजपा से प्रभावित होंगे। किसान राजनीति में भाजपा तो कांग्रेस पर हावी रहेगी कि कांग्रेस से ज्यादा किसान हितैषी तो भाजपा है। सीधी सी बात है जो ज्यादा पैसे में धान खरीद रहा, ज्यादा किसानों का धान खरीद रहा है, पहले से ज्यादा धान खरीद रहा है तो वही किसान हितैषी होगा। 

इस हिसाब से तो भाजपा सरकार ही वर्तमान में किसान हितैषी है। यही बात कांग्रेस काे नागवार गुजर रही है कि भाजपा तो किसानों का हित करने में हमसे भी आगे निकल गई। पांच साल कांग्रेस किसानों के लिए सार्थक तो कुछ नहीं कर सकती इसलिए वह पांच साल सरकार की धान खरीदी नीति व व्यवस्था में कमी खामी ढूंढती रहेगी और किसानों को समझाने का प्रयास करती रहेगी भाजपा किसान हितैषी नहीं है,किसान हितैषी तो कांग्रेस है क्योंकि वह किसानों के हित बात कर रही है,मांग कर रही है। प्रदेश के लाखों किसानों को फायदा को साय सरकार ही पहुंचाएगी इसलिए कांग्रेस कितना भी दुष्प्रचार कर ले कि भाजपा किसान हितैषी नहीं है, किसान तो मानेंगे कि भाजपा ही अभी किसान हितैषी है। 



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