राजनीति में विपक्ष का काम होता है कि जनता को यह बताते रहना कि सत्तारूढ़ दल हर मामले असफल है, अपराध व भ्रष्टाचार बढ़ने के कारण जनता उससे नाराज है।सरकार को जिस उम्मीद से जनता ने चुना था,वह उम्मीदें पूरी नहीं हुई हैं। सरकार से सभी वर्ग के लोग निराश हैं।निकाय चुनाव में दोषपूर्ण आरक्षण से ओबीसी नाराज हैं,सरकार ने किसानों को ३१०० रुपए एकमुश्त नहीं दिया,केंद्र सरकार द्वारा घोषित धान का समर्थन मूल्य ११२ रुपए नहीं मिलने से किसान नाराज हैं,लोहारीडीह मामले में १६९ से अधिक बेगुनाह लोगों पर फर्जी मुकदमा कर जेल में डाला गया है,बलौदाबाजार हिंसा मामले में सतनामी समाज के युवाओं के साथ विपक्ष के नेताओं को षड़्यंत्रपूर्वक जेल में बंद रखा गया है। मतांतरण चल रहा है,तीन लोग आत्महत्या कर चुके हैं, विवाद की स्थिति है,वनरक्षक,पुलिस आरक्षण व सरकारी नौकरी में हुए भ्रष्टाचार से राज्य के युवा नाराज हैं,सरकार ने ५०० रुपए में सिलेंडर देने का वादा पूरा नहीं किया है,बेरोजगारी भत्ता बंद,तेंदूपत्ता संग्राहकों का बीमा योजना बंद,कोदो,कुटकी खरीदी बंद है।यह सारी बातें कांग्रेस के आरोप पत्र में हैं जो उसने निकाय चुनाव में जारी किया है।
कांग्रेस के आरोप पत्र में कुछ भी नया नहीं है, सारे वही आरोप हैं जो वह एक साल में लगाती रही है, बार-बार लगाती रही है, ताकि जनता को यह संदेश दिया जा सके कि भाजपा सरकार पिछली सरकार से कोई अलग सरकार नहीं है। वह पिछली सरकार से बेहतर नहीं है।कांग्रेस को ऐसा इसलिए कहना और करना पड़ रहा है कि साय सरकार कई मामलों में कांग्रेस सरकार से बेहतर है, ऐसा उसने अपने काम से साबित किया है। कांग्रेस सरकार को आज सबसे ज्यादा बुरा इसलिए समझा जा रहा है कि उसके शासन हुए एक से बढ़कर एक भ्रष्टाचार सामने आ रहे हैं, लोगों को पता चल रहा है कि कांग्रेस के समय कैसे कांग्रेस नेताओं और उनके समर्थकों ने हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार किया है। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं बचा है जहां कांग्रेस के समय भ्रष्टाचार न हुआ है। शराब घोटाला, सट्टा घोटाला, चावल घोटाला, कस्टम मिलिंग घोटाला, पीएससी घोटाला, दवाई खरीद घोटाला। यह सब जानकर राज्य के लोग तो बरबस कहते हैं जनता ने तो कांग्रेस को राज्य के विकास व जनता की सेवा के लिए चुना था लेकिन भ्रष्टाचार की संख्या व प्रकार को देखते हुए लगता है कि सरकार भ्रष्टाचार करने के लिए आई थी।
होता है ऐसा कि किसी का दामन दागदार हो जाए तो उसे दूसरे का साफ दामन भी दागदार दिखाई देता है, वह बताने की कोशिश करता है कि उसके दामन में भी दाग हैं। पांच साल सरकार चलाने पर मेरा दामन दागदार हो गया है तो एक साल सरकार चलाने पर दूसरे का दामन कैसे बेदाग रह सकता है।जहां तक भ्रष्टाचार के मामलों की बात हैं तो राज्य की जनता को बताने की जरूरत नहीं है,वह जानती है कि सीएम साय ने भ्रष्टाचार रोकने के लिए क्या काम किए हैं। जहां कहीं भी भ्रष्टाचार की शिकायत मिली है, साय सरकार ने कार्रवाई करने में देरी नहीं की है। जहां तक कानून व्यवस्था की बात है तो हर सरकार के समय अपराध तो होते रहते हैं।पिछली सरकार के समय राज्य में कोई रामराज नहीं था, साय सरकार के एक साल में अपराध हुए हैं लेकिन यह भी तो देखने वाली बात है कि कितनी जल्दी कार्रवाई हुई है। चाहे बलौदाबाजार आगजनी का मामला हो,चाहे लोहारडीह का मामला हो, चाहे रायगढ़ का मामला हो,चाहे पत्रकार हत्या का मामला हो। सरकार ने समय पर कार्रवाई की है और जनता को संदेश दिया है कि अपराध व अपराधियों के खिलाफ सरकार सख्त है।
सरकार की यह भी बड़ी सफलता है कि हर अपराध में उसने कांग्रेस नेताओं को पकड़ा है और साबित किया है कि हर मामले में कांग्रेस नेता संलिप्त हैं।इससे भाजपा नेताओं को कहने का मौका मिला है कि कांग्रेस नेता पहले अपराध करते है उसके बाद कांग्रेस अपराध पर आरोपपत्र निकालती है।होता तो यह है कि कोई राजनीतिक दल चुनाव में घोषणापत्र जारी करता है, लेकिन कांग्रेस ने भाजपा सरकार के खिलाफ आरोप पत्र जारी किया है क्योंकि वह कोई वादा तो कर नहीं सकती।क्योंकि पांच साल नगरीय निकाय व पंचायतों में बहुत अच्छा काम नहीं कर सकी है. जनता उसे चुनाव में नकारने वाली है, इसलिए उसने घोषणापत्र की जगह आरोप पत्र जारी किया है लेकिन इससे वह भाजपा से बेहतर तो हो नहीं सकती। कांग्रेस जनता को समझा पाती कि कांग्रेस भाजपा से बेहतर है तो वह विधानसभा चुनाव नहीं हारती,रायपुर का उपचुनाव नहीं हारती। जनता को पता है कि कांग्रेस सरकार से साय सरकार बेहतर है, क्यों बेहतर है और कैसे बेहतर है।जनता को पता है इस बार उसे बेहतर चुनना है तो किसे चुनना है।
राजनीति में उस राजनीतिक दल व उस सरकार पर जनता भरोसा करती है जो वादा करती है, उसे पूरा करने का प्रयास करती है और निरंतर सफल रहती है।
राजनीति में कई बार ऐसा दौर आता है जब एक राजनीतिक दल हारता चला जाता है तो उसको समझ नहीं आता है कि जीतने के लिए क्या किया जाए।
सत्ता का स्वाद एक बार मिल जाता है तो सत्ता से बड़ा मोह हो जाता है। सत्ता के बगैर जीवन में खुशी नहीं रह जाती है,सत्ता के बगैर जीवन अधूरा लगता है।
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