चुनाव जीतने भाजपा से ज्यादा वादे कांग्रेस ने किए

Posted On:- 2025-02-06




सुनील दास

नगरीय निकाय चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दलों के बीच हर वर्ग का वोट प्राप्त करने के लिए वादे करने की होड़ सी लगी हुई है कि कौन ज्यादा वादा कर सकता है। भाजपा ने अपने अटल संकल्प पत्र में २० वादे किए हैं तो कांग्रेस ने ३४ वादे किए हैं। कांग्रेस ने चुनाव फिर से जीतने के लिए १४ वादे ज्यादा किए है,इससे ऐसा लगता है कि कांग्रेस ने जन घोषणा पत्र बाद में इसलिए घोषित किया है कि वह जान सके कि भाजपा ने क्या वादे किए है और क्या वादे नहीं किए वह दोनों को अपने घोषणापत्र में शामिल कर सके।

कांग्रेस के घोषणा पत्र के जारी होने के बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस ने भाजपा के १९ और २५ के घोषणा पत्र के कई वादों को अपने घोषणापत्र में शामिल कर लिया है। इसलिए कांग्रेस व भाजपा के घोषणा पत्र में कई वादे समान दिखाई देते हैं। जैसे तालाबों का सौंदर्यीकरण व संरक्षण, महिला सुरक्षा के लिए  सीसीटीवी कैमरे लगाना,जन्म-मृत्यु और विवाह प्रमाणपत्र की घर पहुंच सेवा,प्रतियोगी परीक्षा के लिए हर निकाय में निशुल्क लाइब्रेरी, शहर के सार्वजनिक स्थानों में महिलाओं के लिए शौचालय, संपत्तिकर समय पर जमा करने पर छूट,शासकीय भूमि पर काबिज भूमिहीन लोगों को भूमि अधिग्रहण का हक,कॉलेजों स्कूलों में निशुल्क नैपकिन्स,स्वसहायता समूह की महिलाओं को रोजगार,सार्वजनिक स्थानों पर निशुल्क वाई-फाई की सुविधा,बेसहारा मवेशियों के देखभाल और आवास की व्यवस्था,चलित ठेला व्यवसायियों के व्यापार के लिए उचित स्थान की व्यवस्था,यूजर चार्ज का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा।

कांग्रेस के घोषणा पत्र में कई वादे भाजपा के समान होने पर वनमंत्री केदार कश्यप ने कहा है कि कांग्रेस के घोषणापत्र में आधा भाजपा के घोषणापत्र का कापी पेस्ट है,उनका कहना है कि जो पार्टी दस पेज का मौलिक विजन नहीं दे सकती उससे किसी विकास की उम्मीद नहीं की जा सकती।भाजपा के घोषणापत्र को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि यह जनता को फिर से ठगने की कोशिश है।उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में भाजपा ने २० वादे किए थे,उसमें से १७ पूरे नहीं किए गए हैं। इसलिए लोग इस बार भाजपा के झांसे में नहीं आएंगे। जवाब में उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा है कि कांग्रेस का घोषणापत्र झूठ का पुलिंदा होता है,ये झूठे सपने दिखाते हैं,ये जनता को धाेखा देने के लिए घोषणापत्र लाते हैं।२०१८ के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ३६ वादे किए थे, जिसमें से कई वादे पूरे नहीं किए।जनता ने इसीलिए इनको विधानसभा चुनाव में सबक सिखाया था,अब नगरीय निकाय चुनाव में भी जनता फिर कांग्रेस को सबक सिखाएगी।

पिछली बार कांग्रेस ने नगरीय निकाय चुनाव में जो वादे किए थे उसमें से कई वादे पांच साल में भी पूरे नहीं किए गए, यह वादेे हैं,वार्डों में राजीव गांधी ज्ञानोदय केंद्र की स्थापना,स्थानीय प्रतिभाओ व विभूतियों को सम्मान देने के लिए महात्मा गांधी शहरी सम्मान पुरस्कार प्रारंभ किए जाएंगे,घाटों में महिलाओं के लिए चेंजिंग रूप में बनाए जाएंगे,शतप्रतिशत घरों में २४ घंटे शुध्द पानी की व्यवस्था, आबादी भूमि पर लोगों को मालिकाना हक। कांग्रेस के नए घोषणा पत्र में मुख्य रूप से शहर को धूलमुक्त बनाने,निगम के अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा,पौनी पसारी योजना में महिलाओं को प्राथमिकता,मेधावी छात्रों का सम्मान,सुविधायुक्त आंगनबाड़ी,युवाओं को रोजगार देने निकाय क्षेत्र में यूथ हब का निर्माण, प्रत्येक वार्ड में सब्जीबाजार,नगर आवारा पशुओं से मुक्त होंगे।

भाजपा के प्रमुख वादे में २०२१ का पूरा प्रापर्टी टैैक्स माफ,पीएम आवास में ज्यादातर लोगों को लाभ,महिला समूहों को १० की जगह २० हजार रुपए,युवाओं को कोचिंग,शराब कोचियों के लिए महिला कमांडो,महिला रोजगार मेले, अगल महिला गार्डन,सप्ताह में एक दिन पेट्रोल-डीजल गाड़ी बंद,अवैध कालोनियों का नियमितीकरण,स्थानीय व्यंजनों को बढ़ावा देना हमर चूल्हा है।

कांग्रेस व भाजपा ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। इसमें कुछ वादे तो अच्छे हैं लेकिन शहर की जनता को सबसे ज्यादा परेशानी शहर में पार्किंग की अच्छी व्यवस्था नहीं होने से होती है, इसके कारण लोगों की गाड़िया दिन भर शहर की प्रमुख सड़कों पर खड़ी रहती हैं, इससे सड़क संकरी होने से लोगों को आने जाने में परेशानी होती, कई जगह जाम भी लगता है।शहर में पार्किग का वादा न तो कांग्रेस ने किया है न ही भाजपा ने किया है। 

दूसरा शहर के मुख्यमार्गों पर फुटपाथ नहीं है, इससे लोगों को बीच सड़क पर चलना पड़ता है, हादसे की आशंका बनी रहती है।कम से कम शहर के मुख्यमार्गों पर तो फुटपाथ की व्यवस्था होनी चाहिए।सड़क किनारे खड़े ठेला वालों के लिए हर वार्ड में एक जगह तय करनी चाहिए ताकि वह अपना व्यवसाय कर सकें। सफाई,पानी,मच्छर,जलभराव की समस्या तो हर मेयर के कार्यकाल में रहती है,कोई भी इन समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं कर सका है।इस बार चुने गए मेयर क्या कर पाते हैं यह देखने वाली बात होगी।



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