अमरीका में अवैध रूप से रह रहे १०४ भारतीयों को ट्रंप सरकार ने वापस भारत भेज दिया है।यह कोई गलत बात नहीं है, अमरीकी कानून के अऩुसार ही उनको पकड़ा गया है और जिस देश के वह है, उस देश में वापस भेजा जा रहा है।कई देशों के लोगों को वापस भेजा जा चुका है।अमरीकी सरकार ने १०४ भारतीयों को वापस भेजकर कुछ गलत नहीं किया है क्योंकि अमरीका से पहले से हर साल अवैध रूप से रह रहे लोगों को वापस भेजा जाता रहा है।पिछले १६ साल में यानी २००९ से २०२५ तक अमरीका ने १५६६८ भारतीयों को वापस भेज चुका है। यानी हर साल अमरीका भारतीयों को वापस भेजता रहा है,यह कोई नई बात नहीं है।
इसका विरोध भी भारत की सरकार नहीं कर सकती। अमरीका अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को भेजता है तो भारत को इसे स्वीकार करना पड़़ता है। मानना पड़ता है कि हमारे देश के लोगों ने गलत किया है, इसलिए उनको भारत वापस भेजना कोई गलत बात नहीं है।इस बार हमारे देश में विपक्ष को सरकार के खिलाफ बोलने का मौका मिल गया है क्योंकि अमरीका ने पहली बार अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को सेना के विमान में भारत भेजा है। इस दौरान भारतीयों को हथकड़ी-बेड़ी लगाई गई थी। उनको यात्रा के दौरान तकलीफ हुई है। विपक्ष के नेताओं का कहना गलत नहीं है, भारतीयों ने अपराध किया है ठीक है, उनको भारत वापस भेजा जाना भी ठीक है लेकिन वापस भेजे जाते समय इस बात का ख्याल तो रखा ही जाना चाहिए कि उनको किसी तरह की तकलीफ न हो।
बताया जा रहा है कि सेना के विमान में भेजे जाने व हथकड़ी व बेड़ी लगाए जाने के कारण भारतीयों को तकलीफ हुई है तो विपक्ष का कहना है कि पहले जिस तरह चार्टेड प्लेन से भारतीयों को भेजा जाता था, वैसे भेजा जाना चाहिए, या फिर भारत सरकार को अमरीका सरकार से बात करके उन्हें लाने के लिए भारत से हवाई जहाज भेजा जाना चाहिए। विपक्ष का यह सुझाव ठीक है, हो सकता है कि अगली बार अमरीका से जो भारतीय वापस भेजे जाएं तो उनको कोई तकलीफ न हो। पीएम मोदी विदेश में रहने वाले भारतीयों के प्रति बहुत संवेदनशील रह है, वह विदेशों में रहने वाले भारतीयों को जो भी सुविधा मिल सकती है, दिलाने का प्रयास करते हैं।
पीएम मोदी के प्रयासों से ही विदेशों में रहने वाले भारतीयों का सम्मान पिछले दस साल बहुत बढ़ा है, विदेशों में रहने वाले भारतीय इस बात को गर्व से बताते भी है कि पीएम मोदी के कारण विदेशो में भारतीयों का सम्मान बढ़ा है। विदेश में जब भारतीयों को युध्द या किसी कारण से संकट का सामना करना पड़ा है तो पीएम मोदी व विदेश मंत्री जयशंकर ने उनको वहां से सुरक्षित निकाल कर भारत लाने में सफल रहे हैं।यहां तक कि किसी को किसी देश में फांसी की सजा भी हो गई है तो वह फांसी की सजा से बचाकर देश ले आएं हैं।
विदेशों में भारतीयों का सम्मान इस बात के लिए किया जाता है, वह किसी भी देश में रहें शांति से रहते है, उस देश के कानूनों का सम्मान करते हैं।उस देश में रहने वाले लोगों में घुलमिल जाते हैं। लेकिन अवैध रूप से विदेश जाने वाले भारतीयों के कारण भारतीयों और भारत का अपमान होता है कि देखों भारत से इतने लोग यहां अवैध रूप से रह रहे हैं।देश के हर राज्य सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने राज्य के लोगों को जो विदेश जाना चाहते हैं, वैध तरीके से भेजने की व्यवस्था करे। जिस किसी राज्य में भारतीयों को अवैध रूप से विदेश भेजे जाने कोई गिरोह काम कर रहा है तो उसे गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। राज्य सरकार की ढिलाई के कारण है, राज्यों से अवैध रुप से भारतीय विदेश भेजे जाते हैं और इसके लिए पचास लाख रुपए लगते हैं। विदेश जाने के लिए पागल लोग इतना पैसा देते भी हैं,यह जानते हुए कि विदेश में उनको पकडकर जेल भेजा जा सकता है, भारत वापस भेजा जा सकता है।
पकड़कर वापस भेज गए लोगों को भारत आकर ऐसा लगता भी नही है कि उन्होंने कुछ गलत किया है,वह बड़ी मासूमियत से कहते हैं कि विदेश कमाने गए थे,ऐसा भी नहीं है कि उनको पता नहीं है कि वैध तरीके से विदेश जाया जा सकता है। वैध तरीके से जाने पर जरूरी यह होता है कि उनको तय समय में वापस आना पड़ता है, जो लोग नहीं आते हैं,उनको तलाश कर पकड़ा जाता है और वापस भेज दिया जाता है।इसलिए कुछ भारतीय अवैध तरीके से इसलिए जाते हैं कि उनको बहकाया जाता है कि एक बार अमरीका पहुंच गए तो फिर अमरीका में लंबे समय तक रह सकते हैं। भारतीय ही नहीं कई देशों के लोग किसी भी तरह अमरीका पहुंचना चाहते हैं, मानव तस्करी वाले उनको वहां पैसे लेकर पहुंचा देते हैं। ऐसे लोगों को विदेश में तकलीफ बहुत होती है, इसकी खबर छपने के बाद भारतीय लोग अवैध तरीके से विदेश जाना नहीं छोडते है। उनको अपमान जनक ढंग से भारत वापस भेजा जाता है तो यहां विपक्ष के नेता उनके अपमान पर राजनीति करते हैं। मोदी को कमजोर नेता बताने, भारतीयों के सम्मान का ख्याल नहीं रखने वाला नेता साबित करना चाहते हैं।विदेश में अवैध रूप से रहने वाले भारतीय किसी भी तरह के अपमान के लिए खुद दोषी हैं क्योंकि उनको मालूम है कि वह गलत तरीके आए हैं,उनको हिरासत में लेकर डिटेंशन सेंटर भेजा जाएगा,उसके बाद कोर्ट में पेश किया जाएगा और काेर्ट के आदेश पर वापस भारत भेजा जाएगा तो तकलीफ तो होगी।
ऐसा नहीं है कि उनको ससम्मान भारत जाने का मौका नहीं दिया जाता है,बताया जाता है कि भारतीयों के जबरन निकाले जाने से पहले भारतीयों सहित सभी अवैध रूप से रहने वाले प्रवासियों को अपने खर्च पर भारत जाने का मौका दि्या जाता है, जिनको सम्मान से वापस आना हो वह अपने पैसों से वापस आ सकता है।जो नहीं आता है उसे अमरीका जिस तरह भेजता है, उसी तरीके वापस अपने देश आना पड़ता है। ऐसा भी नहीं है कि अवेैध प्रवासी भारतीयों को मालूम नहीं था कि ट्रंप सत्ता में आने के बाद क्या करनेवाले हैं, वह चाहते तो भारत भेजे जाने से पहले भारत लौट सकते थे, वह लौट आते तो उनको कोई तकलीफ नहीं होती।ट्रंप ने चुनाव में वादा किया था कि वह अमरीका में रहने वाले अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेजेंगेऔर अमरीका में उनको घुसने नहीं देंगे. वह अपना चुनावी वादा पूरा कर रहे हैं।
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