गोबर के बाद गौ मूत्र की खरीदी

Posted On:- 2022-07-20





  • भूपेश बघेल सरकार पहले की सरकारों से इस मायने में अलग है कि वह गावों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने विशेष ध्यान दे रही है। गांव व किसान के हित में जो किसी सरकार ने नहीं सोचा वह भूपेश सरकार  कर रही है। इससे पहले की सरकारें किसानों के हित के नाम पर बोनस तक ही सीमित रही। वह भी नियमित रूप से नहीं दे सकी। भूपेश बघेल किसानों के हित में निरंतर सोच रही है,नई नई योजनाएं बना रही हैं। किसान न्याय योजना,गोधन न्याय योजना, मजदूर न्याय योजना ऐसी ही योजनाएं हैं। इसका मकसद किसानों को, गांवों को हर तरह मजबूत करना है तथा स्वावलंबी बनाना है। कोई भी गांव तब ही स्वावलंबी होता है जब उसके पास पैसा होता है, उसे किसी के भरोसे नहीं रहना पड़ता है। राहुल गांधी ने न्याय योजना बनाई  थी तथा इस योजना के तहत देश के गरीब लोगों को नगद हाथ में देना था। दूसरे किसी राज्य के मुख्यमंत्री ने इस विषय में सोचा ही नहीं जबकि भूपेश बघेल ने इसे छत्तीसगढ मे साकार कर दिया है तथा इसका लाभ किसानों, मजदूरों व ग्रामीणों को हो रहा है। चाहे किसान  न्याय योजना हो, गोधन न्याय योजना हो, मजदूर न्याय योजना हो इसके माध्यम से गावों तक पैसा पहुंचाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार गरीबों की जेब में कई योजनाओं के माध्यम से पैसा डाल रही है। गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी कर उससे खाद,पेंट.बिजली सहित कई तरह की वस्तुएं बनाई जा रही हैं और बेचा भी जा रहा है।गौठानों में बनाई गई खाद की बिक्री भी राज्य में शुरू हो गई है। कई गौठौनों में उसका उत्पादन भी किया जा रहा है। सरकार की कोशिश है कि यह रासायनिक खाद का विकल्प बन सकें। अगर ऐसा होता है तो इससे राज्य के किसानों को खाद के लिए किसी दूसरे का मुंह नहीं  देखना पड़ेगा। अभी किसान रासायनिक खाद का उपयोग ज्याद  कर रहे है, यह खाद केंद्र सरकार से मिलती है,इसकी कमी होने पर केंद्र सरकार भी नहीं दे पाती है। ऐसे में राज्य  में अगर वर्मी कंपोस्ट खाद बन रही है तो किसानों का उसका उपयोग करने के लिए सरकार को प्रोत्साहित करना चाहिए। खाद का उपयोग किसान तब ही करेंगे कि जब वह अच्ची हो। उससे फसल का उत्पादन ज्यादा होता हो। वर्मा कंपोस्ट से किसान की खेती को फायदा नहीं होगा तो वह क्यों खरीदेगा। छत्तीसगढ़ में बनाई जाने वाली वर्मी कंपोस्ट खाद इतनी अच्छी होनी चाहिेए कि दूसरे राज्य के लोग यहां आकर खरीदें। गोबर खरीदी का पैसा नियमित रूप से ग्रामीणो को मिल रहा है। अब सरकार ने गोबर के बाद गौमूत्र खरीदने की योजना  बनाई है। हरेली से राज्य में इसकी खरीदी शुरू हो जाएगी। अभी इसकी न्यूनतम कीमत चार रुपए लीटर होगी। इससे जीवामृत व कीट नियंत्रक बनाया जाएगा । यानी राज्य में इसका उत्पादन शुरू होने पर किसानों को खाद व कीटनाशक की कमी नहीं होगी। आने वाले दिनों में राज्य व राज्य के गांव खाद के कीट नियंत्रण के मामले में आत्मनिर्भर हो सकते हैं। सवाल सिर्फ वर्मी कंपोस्  व गौमूत्र से कीट  नियंत्रक बनाने का नहीं है। सिर्फ बनाना कोई बड़ी बात नहीं है। खाद व कीट नियंत्रक का बनाना तो तभी सार्थक हो सकता है. गौठानों में जितनी खाद व कीट नियंत्रक बनाए जाते हैं। इसका पूरा उपयोग हो।उसके उपयोग से किसानों को फायदा हो। वर्मी कंपोस्ट व गौमूत्र से बने कीट नियंत्रण को सस्ता भी होना चाहिए। तब ही तो राज्य के सभी किसान उसका उपयोग कर सकेंगे। वर्मी कंपोस्ट, कीट नियंत्रक सस्ता,प्रभावी हो तो ज्यादा से ज्यादा किसान उसका उपयोग करेंगे। उसकी मांग बढ़ेगी तो ही यह राज्य के  लिए फायदे की बात होगी। कोई उत्पाद बनाना चुनौती तो है लेकिन उससे बड़ी चुनौती उसे बेचना और  निरंतर बेचना है।



Related News
thumb

ऐसे आपरेशन से ही खौफ बना रहेगा

नक्सली हों, उग्रवादी हों या आतंकवादी हों उनको समाप्त करने के लिए जरूरी होता है कि वह कुछ करें इससे पहले उन पर हमला कर उनको मार दिया जाए।


thumb

केजरीवाल और आप को तो हारना ही था

हिंदू परंपरा में मान्यता है कि कर्मफल अटल है, आपने जैसा कर्म किया है, वैसा फल तो कोई चाहे न चाहे उसे मिलता ही है।फल से ही पता चलता है कि किसी ने क्...


thumb

कहने का मौका मिल गया विपक्ष को

अमरीका में अवैध रूप से रह रहे १०४ भारतीयों को ट्रंप सरकार ने वापस भारत भेज दिया है।यह कोई गलत बात नहीं है, अमरीकी कानून के अऩुसार ही उनको पकड़ा गया...


thumb

चुनाव जीतने भाजपा से ज्यादा वादे कांग्रेस ने किए

नगरीय निकाय चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दलों के बीच हर वर्ग का वोट प्राप्त करने के लिए वादे करने की होड़ सी लगी हुई है कि कौन ज्यादा वादा कर सकता है।


thumb

महंत ने कुछ कहा है तो यूं ही नहीं कह दिया है

राजनीति में जब कुछ कहा जाता है, किसी बड़े नेता द्वारा कहा जाता है तो वह यूं ही नहीं कह दिया जाता है, उसका कोई मकसद होता है, कोई संदेश देना होता है


thumb

साय सरकार ने पिछली बार से ज्यादा धान खरीदा

राजनीति में उस राजनीतिक दल व उस सरकार पर जनता भरोसा करती है जो वादा करती है, उसे पूरा करने का प्रयास करती है और निरंतर सफल रहती है।