केजरीवाल का कोई जवाब नहीं है...

Posted On:- 2024-07-21




सुनील दास

देश की राजनीति में वैसे तो एक से एक बढ़कर नेता हुए हैं। उनके कारनामों के लिए उनको आज भी याद किया जाता है लेकिन केजरीवाल जैसा नेता न तो कोई पहले हुआ है और न ही वर्तमान में कोई उनके जैसा है।वह न तो कुछ कहने से डरते हैं और न ही कुछ करने से डरते हैं।वह जब जो कहना है तब बिना डरे वह सब कह देते हैं जिसे और नेता कहने से पहले सौ बार सोचते हैं। वह जानते हैं कि कह देने से कुछ नहीं होता है। मामला कोर्ट में जाएगा तो वह कोर्ट में माफी मांगकर मामला समाप्त कर देंगे। वह कई बार कही हुई बात पर कोर्ट में माफी मांग चुके हैं। अब तो कुछ भी कहना और फिर माफी मांग लेना उनकी विशेषता मानी जाती है।

इसी तरह कुछ भी करने से वह डरते नहीं है क्योंकि वह खुद को पढ़ा लिखा सीएम कहते हैं और मानते हैं कि वह जो कुछ भी करते हैं, वह पढ़े लिखे आदमी की तरह करते हैं ताकि कोई उन पर आरोप न लगा सके कि आपने कुछ गलत किया है। वह पढे लिखे सीएम है, इसलिए वह कोई विभाग अपने पास नहीं रखते हैं लेकिन विभागों के सारे फैसले वह खुद मौखिक करते है ताकि कभी कोई घोटाला सामने आ जाए तो मंत्री भले गिरफ्तार हो कर जेल चला जाए, केजरीवाल पर कोई आंच न आए। केजरीवाल ने बहुत कोशिश की थी किसी मामले में उनकी गिरफ्तारी न हो लेकिन देर सबेर उनको गिरफ्तार कर लिया गया है।

अब उनकी कोशिश है कि गिरफ्तारी को ही अवैध बताकर जेल से बाहर आया जाए। ऐसा नहीं हो पा रहा है तो जमानत पर बाहर लाने का पूरा प्रयास उनके वकील कर रहे हैं। उनके वकील एक मामले में किसी तरह जमानत करा देते हैं तो दूसरी सरकारी एजेंसी उनको गिरफ्तार कर लेती है। ईडी के मामले में उनकी जमानत हुई तो सीबीआई ने उनको जेल से बाहर से आने से पहले गिरफ्तार कर लिया, परिणाम केजरीवाल जेल से बाहर ही नहीं आ पा रहे हैं। केजरीवाल हार मान जाए तो फिर केजरीवाल की कैसा।

केजरीवाल दूसरे नेताओं से अलग हैं। वह हर हथकंडा अपना सकते हैं। दूसरे नेता जो जोखिम उठाने की सोचते नहीं है,केजरीवाल वह जोखिम आसानी से उठा लेते हैं और उनकी पार्टी राज्य में देश में ऐसा माहौल बनाती है कि मोदी सरकार उनके नेता की जान लेना चाहती है। यानी जनता की सहानुभूति पाने के लिए केजरीवाल जो कुछ करते है,उससे उनके विरोधी भी एक बार तो सोचने को मजबूर हो जाते हैं कि यह आदमी कितना खतरनाक है। अब केजरीवाल को जमानत नहीं मिल रही है तौ खबर फैली है कि केजरीवाल ने जेल में खाना कम कर दिया है। कोई डायबिटिक आदमी खाना कम कर देगा तो स्वाभाविक है कि उसका वजन कम होगा। तबियत खराब होगी तो उनको अस्पताल में भर्ती कराना पड़ेगा यानी बीमार होकर ही सही केजरीवाल जेल से बाहर आना चाहते हैं।

इससे पहले खबर फैली थी कि केजरीवाल ऐसा खाना खा रहे हैं कि उनका शुगर बढ़ जाए और उनको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़े। आदमी बीमार होगा तो उसको इलाज के लिए बाहर तो लाना पड़ेगा। जेल से बाहर केजरीवाल वह सब काम कर सकते हैं जो वह जेल में रहकर कर नहीं सकते इसलिए वह किसी भी तरह से बाहर आने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए अपनी जान को जोखिम भी ले रहे हैं। उनके इस दांव को फेल करने के लिए दिल्ली के एलजी ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि केजरीवाल जानबूझकर तय मानक के कम भोजन कर रहे हैं। इससे उनका वजन कम हो रहा है। एलजी ने मुख्य सचिव से कहा है कि तिहाड़ जेल दिल्ली सरकार के अधीन आता है, इसलिए वह केजरीवाल के डाइट चार्ट का जेल में पालन करवाएं।

इससे आप पार्टी के नेता अब कितना ही माहौल बनाए कि केजरीवाल को मारने की साजिश की जा रही है. जनता को यह बता दिया गया है कि केजरीवाल को मारने की कोई साजिश नहीं की जा  रही है। केजरीवाल का वजन कम हो रहा है तो इसलिए हो रहा है कि वह जानबूझकर खाना कम खा रहे हैं। जेल से बाहर आने के लिए वह ऐसा कर रहे है।



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