अग्निपथ योजना सेना में सुधार का प्रयास है.....

Posted On:- 2024-07-27




सुनिल दास


देश व राज्य के कुछ मामले राजनीति से परे होते हैं,कम से कम उस पर तो राजनीति नहीं करनी चाहिए। देश की सुरक्षा, सेना में सुधार, सेना को मजबूत करने का प्रयास कोई भी सरकार कर रही है विपक्ष को उसमें खुले मन से सहयोग करना चाहिए क्योंकि सेना किसी दल की नहीं होती है, वह देश की होती है।वह मजबूत होगी तो देश की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी।देश मे पहली बार विपक्ष सेना के सुधार के मामले में राजनीति कर रहा है ताकि कोई सुधार का काम मोदी सरकार कर रही है तो उसे हर कीमत पर गलत कहना है और देश के लोगों तथा युवाओं को गुमराह करना है।

सरकार की तरफ से कई बार कहा जा चुका है तथा कारगिल विजय दिवस पर पीएम मोदी ने फिर एक बार कहा है कि अग्निपथ योजना का मकसद देश की सेनाओं को युवा व हरदम युध्द के लिए तैयार रखना है।उन्होंने इस योजना का विरोध करनेवाले को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि अग्निपथ योजना व एयरफोर्स मे फाइटर विमान का विरोध करने वाले वही लोग हैं, जिन्होंने रक्षा सौदे मे हजारों करोड़ के घोटाले कर सेना को कमजोर बनाए रखा है।अतीत में हमेशा सेना में सुधार के नजरअंदाज किया है।उनका कहना है कि अग्निपथ योजना रक्षा के क्षेत्र में बरसों बाद किया जा रहा अहम सुधार कार्य है। इससे सेना की औसत आयु कम होगी तथा हमेशा युध्द के लिए तैयार रहेगी और दुश्मन को ठीक समय पर मुंहतोड़ जवाब दे सकेगी।


सेना का मतलब होता है कि जब भी दुश्मन देशों से युध्द हो तो उसका मुकाबला ठीक से किया जा सके और उसे हराया भी जा सके। सेना तो जीतने वाली होनी चाहिए।सेना अतीत में जब भी भारत पर हमला हुआ है तो सेना युध्द के लिए तैयार नहीं थी,इसलिए भारत को नुकसान हुआ है। माना जाता है कि सेना हमेशा युध्द के लिए तैयार रहे तो वह युध्द जीतती है और उसे किसी तरह का नुकसान नहीं होता है। कहा जाता है कि कारगिल युध्द के बाद से ही सेना महसूस कर रही थी कि सेना की औसत आयु कम करने की जरूरत है यानी सेना में ज्यादा युवाओं की जरूरत है।

कारगिल युध्द के बाद जितनी सरकारे हुईं उनमें से शायद की किसी सरकार ने सेना में सुधार की जरूरत को समझा और सुधार किया।सेना की मजबूती के लिए विश्वस्तर पर जो सुधार सभी देशों में होते है, देश की सेना की मजबूती के लिए भी सुधार समय समय पर होते रहने चाहिए। जो सुधार कार्य कई सरकारों ने नहीं किया वह काम मोदी सरकार कर रही है तो उसकी सराहना होनी चाहिए तो विरोध हो रहा है। विरोध करने वाले भी गजब के हैं। वह अग्निपथ योजना को देश के युवाओं के सामने नौकरी देने वाली योजना के रूप में पेश कर रहे हैं। कांग्रेस सहित विपक्ष देश के युवाओं को यह बता रहे हैं कि इससे तुमको क्या नुकसान होगा। मोदी सरकार बता रही है कि इससे देश की सेना को क्या फायदा होगा।

अग्निपथ योजना में साल में दो बार सेना में भर्ती की जाती है।उनको चार साल प्रशिक्षण दिया जाता है।उसके बाद उऩको रेटिंग दी जाती है।इसमें मेरिट में आने वाले २५ प्रतिशत जवानों को सेना में लिया जाता है। बाकी की सेवाएं खत्म कर दी जाती हैं।इसी आधार पर राहुल गांधी कहते हैं कि यह योजना यूज एंड थ्रो है। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे कहते हें कि इस योजना के तहत अग्निवीरों को कुछ नहीं मिलता है,न तो उनको जवानों की तरह पेंशन मिलती है,ने ग्रेच्यूटी, न पारिवारिक पेेंशन,न उदारीकृत पारिवारिक पेंशन,न ही उनके बच्चों के लिए शिक्षा भत्ता दिया जाता है।कांग्रेस का कहना है कि इस योजना काे बंद कर दिया जाना चाहिए।

कांग्रेस और विपक्ष मोदी सरकार की तरह देश व जनता के हित में कोई अच्छी योजना बना नहीं पाते हैं तो वह पीएम मोदी जो योजना जनता व देशहित में लाते हैं, उसका विरोध करने लगते हैं। उसमें मीनमेख निकालने लगते हैं। उसे देश व जनता के लिए नुकसानदेह बताते हैं। मोदी सरकार ने किसानों के लिए कानून बनाकर कृषि क्षेत्र में सुधार का प्रयास किया था तो कांग्रेस सहित विपक्ष ने उसका भी विरोध किया था। उसे वापस लेने की मांग को लेकर कुछ राज्यों के किसानों को भड़का कर आंदोलन करने प्रेरित किया था। किसानों के आंदोलन के कारण बाद में सरकार को कृषि कानूनों को वापस ले लिया था। अब कांग्रेस चौतरफा दवाब बनाकर अग्निपथ योजना को बंद कराना चाहती है। सरकार इस योजना को वापस लेती है तो यह कांग्रेस की एक और जीत होगी। साथ ही कांग्रेस यह साबित करने में भी सफल हो जाएगी कि मोदी सरकार कमजोर सरकार है।

इस बार सरकार कदम पीछ खींचने के लिए तैयार नहीं है। इसलिए जिन अग्निवीरों को सेना में नहीं लिया जाएगा। सेना से लौटने के बाद उनके लिए रोजगार की व्यवस्था की जा रही है। पांच राज्य सरकारों यूपी, उत्तराखंड, छत्तीसगढ,गुजरात व ओडिशा की सरकारों ने घोषणा की है उसके यहां पुलिस,अर्धसैनिक बल,वन विभाग,जेल प्रहरी आदि की नौकरी में उनको आरक्षण दिया जाएगा। यानी भाजपा सरकारों ने अग्निवीरों की यह चिंता दूर कर दी है कि चार साल वह घर वापस आएंगे तो वह क्या करेंगे। ऐसा करके भाजपा सरकारों ने राहल गांधी व कांग्रेस के हाथ से एक और मुददा छीन लिया है। यानी भाजपा सरकार अग्निवीरों को प्रशिक्षण देकर सेना में नौकरी का मौका देगी और वहां मौका न मिलने पर दूसरे विभागों मे मौका दिया जाएगा। इस तरह भाजपा ने कांग्रेस के एक और मुद्दे को राजनीतिक रूप से निष्प्रभावी कर दिया है। इससे अब कांग्रेस के झूठ के कारण जो राजनीतिक नुकसान होता अब नहीं होगा। 



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