सदी का महाआयोजन है प्रयागराज का महाकुंभ

Posted On:- 2025-01-14




सुनील दास

महाकुंभ का मौका १४४ साल बाद आता है। इस बार महाकुंभ का आयोजन १४४ साल बाद प्रयागराज में किया जा रहा है। इसलिए यह सदी का महाकुंभ है और पीएम मोदी व सीएम योगी ने इसके लिए ऐसी तैयारी की यह सदी का महाआयोजन बन गया है और इसे आने वाले दिनों में सदी के महाआयोजन के तौर पर याद किया जाएगा।कुंभ सनातनियों का विशेष पर्व है तो महाकुंभ सनातनियों का महापर्व है, सदी में आने वाला एक विशेष अवसर है। फिर ऐसा अवसर एक सदी बाद आएगा, इसलिए इस महाकुंभ को लेकर लोगों में गहरी आस्था के साथ विशेष उत्साह है और पिछले तमाम कुंभ की तुलना में इस कुंभ में बहुत ज्यादा लोगों के पुण्य स्नान करने के लिए पहुंचने का अऩुमान लगाया जा रहा है।

१३ जनवरी को महाकुंभ के पहले दिन ही १.६५ करोड़ और मकर संक्रांति के दिन दोपहर तक १.६० करोड़ लोगों के पुण्य स्नान करने से स्नान करने वालों की संख्या दो दिन भी पूरे नहीं हुए हैं,तीन करोड़ से ज्यादा हो गई है। महाकुंभ पर गंगा के घाटों पर विशेष स्नान के लिए विश्व के पचास देशों के साथ ही देश के तमाम राज्यों से आस्था का जो सैलाब उमड़ा है, वह भव्य है,नव्य है, अतुलनीय है, अद्भुत है।महाकुंभ के लिए गंगा के पानी को इतना स्वच्छ किया गया है कि लोग लोग खुशी खुशी अमृत स्नान कर रहे है, आचमन कर रहे हैंं, कह रहे हैं कि हमने गंगा का पानी इतना साफ पहले नहीं देखा था।

देश विदेश से आए लोग कह रहे हैं कि हम तो महाकुंभ में आकर यहा गंगा में स्नान कर धन्य हो गए।यहां आकर ऐसा अनुभव हुआ है जो जीवन में कभी नहीं हुआ।यहां जो भी आया है, वह पीएम मोदी व सीएम योगी की हर तरह की बेहतरीन व्यवस्था की तारीफ कर रहा है। कई लोग जो पहले भी कुंभ में आ चुके हैं, उनका कहना है कि पहली बार कुंभ में इतनी अच्छी  व हर तरह की व्यवस्था की गई है। पीएम मोदी जब देश के लिए, समाज के लिए सोचते हैं तो बड़ा सोचते हैं, देश व समाज के लिए करते हैं तो बहुत बड़ा करते हैं। सरदार पटेल की मूर्ति,काशी विश्वनाथ कारीडोर,भारत मंडपम, कर्तव्य पथ,संसद भवन, देश में कई जगह पुल,टनल इसके उदाहरण हैं।

महाकुंभ के मौके पर तो पीएम मोदी व सीएम योगी को ऐसा ही बड़ा आयोजन करना था जिसे बाद में लोग सदी के महाआयोजन के रूप में याद करें। फिर कभी महाकुंभ हो तो याद कर कहा जाएगा कि पीएम मोदी के समय जो व्यवस्था महाकुंभ के लिए की गई थी, वैसी व्यवस्था आज नहीं की गई है।इस बार के कुंभ को स्वस्थ महाकुंभ बनाने के लिए सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में ६००० बेड,मेला क्षेत्र में ४३ अस्पताल,१२५ रोड एंबुलेंस,७ रिवर एंबुलेंस,२४गुणित ७एम्स स्तरीय चिक्तसकीय सुविकी गई है।महाकुंभ को स्वच्छ महाकुंभ बनाने के लिए ८५० समूहों में १०,२०० स्वच्छता कर्मी तैनात किए गए हैं,स्वच्छता की निगरानी के लिए १८०० गंगा सेवादूत तैनात किए गए हैं,१५००० शौचालय की व्यवस्था की गई है।२५ हजार लाइनर बैगयुक्त डस्टबिन व ३०० सक्शन  गाडियों का इंतजाम किया गया है। सुगम महाकुंभ के लिए प्रयागराज एयरपोर्ट पर नया टर्मिनल बनाया गया है। सात सौ प्लस कुंभ स्पेशल बसें चलाई जा रही हैं, इसके अलावा पांच सौ शटल बसें,५ हजार ईरिक्शा,१३ हजार प्लस ट्रेनें, ३००० स्पेशल ट्रेने चलाई जा रही हैं।

आवागमन की सुविधा के लिए ३१ पांडून ब्रिज बनाए गए है,१८५० हेक्टयर में पार्किंग की व्यवस्था की गई है। लोगों के रहने के लिए १.६० लाख टेंड लगाए गए हैं।प्रकाश के लिए ६७ हजार एलइडी लाइट लगाई गई है,पेयजल के लिए २०० वाटर एटीएम लगाए गए हैं।८५ नलकूपों की व्यवस्था की गई है,११ नए कारिडोरों का विकास किया गया है, आग से सुरक्षा के लिए समुचित व्यवस्था की गई है। महाकुंभ जैसे आयोजन के लिए जो भी संभव था वह सब किया गया ताकि महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले लोगों को कोई परेशानी न हो। वह यहां से जाएं तो याद रहे कि महाकुंभ मे अब तक की सबसे बढिया व्यवस्था की गई थी।

यहां आने वाले पुराने लोग भी जरूर यह कहें कि देश की आजादी के बाद कुंभ, महाकुंभ का आयोजन कई जगह किया गया लेकिन ऐसी व्यवस्था किसी सरकार ने नहीं की जैसी व्यवस्था पीएम मोदी व योगी सरकार ने की। देश के संत, सन्यासिंयों व सनातनियों का ऐसा ख्याल आज तक किसी ने नहीं किया।महाकुंभ का आध्यात्मिक महत्व तो है ही, इसका धार्मिक, सामाजिक व राजनीतिक महत्व भी है।बहुत सारे लोग यहां देश विदेश से आध्यात्मिक अनुभव के लिए आए हैं तो वह यहां से आध्यात्मिक अऩुभव लेकर जाएंगे, महाकुंभ का धार्मिक महत्व यह है कि देश के आम लोगों को देश के तमाम साधु संतों का दर्शन एक जगह हो जाता है,उनका आशीर्वाद एक जगह मिल जाता है।लोगों को संतों का सत्संग मिलता है, वह जीवन को बदलने वाली, जीवन को सार्थक बनने वाली बातें सुनकर जाते हैं और अपना जीवन बदलने का प्रयास करते हैं।

जहां तक सामाजिक संदेश का सवाल है तो यह महाकुंभ से मिला है कि यह देश लोगों की जाति, भाषा, वर्ग, धर्म, मजहब अलग होने के बाद एक है।महाकुंभ का सामाजिक संदेश यही है कि यह देश बाहर से बंटा हुआ भले ही दिखे लेकिन वह भीतर से एक हैं। महाकुंभ देश के लोगों की बाहरी एकता तो दिखाता है लेकिन वह आतंरिक एकता को मजबूत करने का आयोजन है। पीएम मोदी व सीएम योगी को इस महाआयोजन का राज्यों व देश के चुनाव में राजनीतिक फायदा भी होगा। क्योंकि यह मोदी सरकार व योगी सरकार की एक महाउपलब्धि तो है।



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