हर साल किसी न किसी राज्य में विधानसभा चुनाव होता है। कई राजनीतिक दल यह चुनाव लड़ते हैं। वह चुनाव जीतने के लिए लड़ते हैं। चुनाव जीतने के लिए जो कुछ भी किया जा सकता है,वह करते हैं।मान लो किसी राज्य में कोई राजनीतिक दल १० साल से जीत रहा है और बाकी राजनीतिक दल हार रहे हैं तो जीतने वाले दल को भी पता रहता है इस राज्य में चुनाव कैसे जीता जा सकता है और हारने वाले दलों को भी पता चल जाता है कि वह चुनाव दो बार हार चुके हैं तो क्यों हारे हैं। चुनाव जीतना है तो उनको भी वही सब करना पड़ेगा जो जीतने वाला दल दो बार चुनाव जीतने के लिए कर चुका है। इसलिए तीसरी बार चुनाव होता है तो उनको मालूम रहता है कि हमको इस राज्य में चुनाव जीतना है तो क्या करना है।
जब चुनाव जीतना ही सबसे बड़ा लक्ष्य हो जाता है तो दल बस यही सोचता है कि वह चुनाव कैसे जीत सकता है। अगर उसे लगता है कि जिस तरह यह दल दो बार से चुनाव जीत रहा है, उसी तरह जीता जा सकता है.तो वह भी वही सब करने को राजी हो जाता है क्योंकि अभी तो लक्ष्य राज्य का चुनाव जीतना है। दिल्ली ऐसा ही राज्य है, जहां दो बार से केजरीवाल चुनाव जीत रहे हैं और तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं।कांग्रेस व भाजपा यहां दो बार चुनाव हार चुके हैं। कांग्रेस यहा दस साल से सत्ता से दूर है तो भाजपा दो दशक से ज्यादा हो गया यहां सत्ता से दूर है। दोनों का लक्ष्य इस बार केजरीवाल को हराना है यानी सत्ता उनसे छीन लेनी है। दोनों को चुनाव जीतना है तो यहां वही सब तो करना ही पड़ेगा जो दस साल से केजरीवाल करते आ रहे है यानी दिल्ली की जनता को मुफ्त बिजली,पानी, शिक्षा, चिकित्सा, यात्रा की सुविधा तो देनी ही होगी। इसलिए यहां चाहे कांग्रेस हो या भाजपा वह चुनाव जीतने के लिए दिल्ली की जनता तो आश्वस्त कर रहे हैं कि केजरीवाल के समय जो कुछ सुविधाएं आपको मिलती रही हैं, वह सब सुविधाएं उनकी सरकार में भी मिलती रहेगी।
यही नहीं उनकी सरकार बनी तो दूसरे राज्यों में जो सुविधाएं मिल रही है,वह भी दिल्ली की जनता को मिलेंगी। यानी भाजपा हो या कांग्रेस दिल्ली की जनता को आश्वस्त कर रहे हैं कि केजरीवाल के समय जितनी सुविधाएं आपको मिलती रही हैं, हमारी सरकार बनी तो उससे ज्यादा सुविधाएं मिलेंगी।यह ज्यादा सुविधां क्या है,.यह हैं महिलाओं को मिलने वाली सारी सुविधाएं। देश के कुछ राज्यों में पिछले एक दो साल मेें जो चुनाव हुए हैं, उनमें जीता वही दल है,जिसने महिलाओं की सुविधा का ज्यादा ख्याल रखा।मप्र,राजस्थान,छत्तीसगढ़,हरियाणा,महाराष्ट्र, झारखंड ऐसे ही राज्य हैं,यहां की जीत में महिलाओं की भूमिका अहम रही है।
इससे राजनीतिक दलों में आम धारणा बनी है कि राज्य के चुनाव में जीत के लिए महिलाओं का दिल जीतना जरूरी है। महिला मतबल है बड़ा वोट बैंक,लाखों वोट। इस बार दिल्ली के चुनाव में भी जीत के लिए महिला वोट को अहम माना जा रहा है।यही वजह है कि केजरीवाल जो अब तक चुनाव मुफ्त बिजली,पानी,शिक्षा,चिकित्सा, यात्रा के नाम पर जीतते आएं हैं,उनको भी घोषणा करना पड़ा है कि हमारी सरकार आएगी तो महिलाओं को सम्मानस्वरूप २१०० रुपए दिया जाएगा। भाजपा व कांग्रेस भी इस बार चुनाव जीतना चाहते है, इसलिए उन्होंने भी दिल्ली की जनता को आश्वस्त किया है कि केजरीवाल के राज में जो सुविधाएं मिल रही थी, उनकी सरकार बनने पर भी मिलती रहेंगी और महिलाओं को केजरीवाल से ज्यादा २५०० रुपए मिलेंगे। यानी कांग्रेस व भाजपा दिल्ली की महिलाओं को संदेश दे रहे हैं कि हम केजरीवाल से ज्यादा आपका सम्मान करते हैं।केजरीवाल सम्मान में २१०० देगा तो हम सम्मान में २५०० रुपए देंगे।
कांग्रेस ने तो बिजली ३०० यूनिट फ्री देने व चिकित्सा २५ लाख तक फ्री करने की घोषणा की है। इस बार चुनाव भाजपा को भी जीतना है क्योंकि दिल्ली में भाजपा २५ साल से सत्ता से बाहर है। इसलिए भाजपा ने इस बार हर हाल मे दिल्ली फतह करने की सोची है इसलिए जिसका वह विरोध करती रही है, वह सब करने को तैयार हो गई है।भाजपा मुफ्त की योजनाओं का विरोध करती रही है, वह मानती हैं कि यह भविष्य में राज्य व देश की अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं है। इससे अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ता है। वह जानती है कि केजरीवाल ने मुफ्त के जिस जिन्न को बोतल से बाहर निकाल दिया है।इसे बोतल में बंद नहीं किया जा सकता.लेकिन केजरीवाल को हराया जा सकता है।
जब तक केजरीवाल जीतते रहेंगे यह मुफ्त का जिन्न हर राज्य में पहुंच जाएगा। हर राज्य के लिए जरूरी हो जाएगा।एक दिन देश को भी यह लोग मुफ्त के जिन्न के हवाले कर देंगे। पहले ऐसे लोगों को हराना जरूरी है जो देश व राज्यों के लिए आर्थिक स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं हैं।केजरीवाल जैसे लोग सत्ता में नहीं रहेंगे तो मुफ्त की योजनाओं को धीरे धीरे कम करते हुए, लोगों को समझाते हुए कि यह राज्य व जनता के लिए ही ठीक नहीं है, समाप्त किया जा सकेगा।मुफ्त की योजनाएं कम करके एक दिन मुफ्त के जिन्न को वापस बोतल में बंद किया जा सकता है। भाजपा जानती है कि केजरीवाल को केजरीवाल बनकर ही हराया जा सकता है,इसलिए वह सब करने को तैयार है जो केजरीवाल को हराने के लिए जरूरी है।
राजनीति में उस राजनीतिक दल व उस सरकार पर जनता भरोसा करती है जो वादा करती है, उसे पूरा करने का प्रयास करती है और निरंतर सफल रहती है।
राजनीति में विपक्ष का काम होता है कि जनता को यह बताते रहना कि सत्तारूढ़ दल हर मामले असफल है, अपराध व भ्रष्टाचार बढ़ने के कारण जनता उससे नाराज है।
राजनीति में कई बार ऐसा दौर आता है जब एक राजनीतिक दल हारता चला जाता है तो उसको समझ नहीं आता है कि जीतने के लिए क्या किया जाए।
सत्ता का स्वाद एक बार मिल जाता है तो सत्ता से बड़ा मोह हो जाता है। सत्ता के बगैर जीवन में खुशी नहीं रह जाती है,सत्ता के बगैर जीवन अधूरा लगता है।
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