कितना विश्वास,कितना अविश्वास

Posted On:- 2022-07-28






राजनीति जनता के विश्वास व अविश्वास का खेल है। जनता जिस पर विश्वास करती है, उसे सत्ता सौंपती है। जिस पर विश्वास नहीं करती है, उसे सत्ता नहीं सौपती है। जनता चुनाव के जरिए किसी दल के प्रति विश्वास करती है। तो चुनाव से पता चलता है कि जनता ने किसा पर विश्वास किया है।यहां विधानसभा चुनाव में जनता ने कांग्रेस के प्रति विश्वास प्रकट किया था। कांग्रेस की सरकार को सत्ता पर पौने चार साल हो गए हैं। जनता का विश्वास उसके साथ है। इस दौरान जितने भी उपचुनाव हुए उसमें भी राज्य की जनता ने कांग्रेस के प्रति विश्वास प्रकट किया और चारों बार कांग्रेस को जिताकर इस बात स्पष्ट संदेश भी दिया। पौने चार साल बाद भाजपा ने भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया। उसका परिणाम क्या होगा,यह मालूम होने के बाद भाजपा ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था तो उसका मकसद था कि राज्य की विधानसभा में भूपेश सरकार का खामियों का राज्य की जनता के सामने लाना। विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा 13घंटे से ज्यादा चली। विपक्ष के विधायकों ने सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाए कि सरकार के मंत्रियों के बीच कलह है, सरकार पर मंत्री ही भरोसा नहीं करते हैं। विपक्ष का दमन किया जा रहा है,गौठान,गोबर खरीदी व धान खरीदी में भ्रष्टाचार हो रहा है। सरकार कर्ज में डूबी हुई है,पूंजी निवेश जीरो है,जनता नक्सल हिंसा से पीडित है,प्रदेश में अपराध बढऩे से प्रदेश अपराधगढ़ बन गया है। प्रदेश की सरकार ठेके की सरकार है, हर जगह माफिया व बिचौलियां की भरमार है। हसदेव बांगों के अस्तित्व समाप्त करने पर तुली है सरकार, राज्य में खनिजों की लूट मची है, रेत माफिया पर सरकार का कोई नियंंत्रण नहीं है। सरकार ने पुलिस से विश्वासघात किया है। पत्रकारों को प्रताडित किया गया है।अनियमित कर्मचारियों को सरकार ने नियमित नहीं किया है। सरकार स्थिर है, सरकार के प्रति जनता का विश्वास है, लेकिन विपक्ष जो आरोप लगा रहा है, वह भी हवा हवाई नही है,उसमें भी दम है,, उसमें भी सच्चाई है, वह सब भी जनता जानती है तथा उसे सच मानती है।भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहते हैं, नक्सली ग्रामीणों की हत्या करते रहते हैं। रेत माफिया,खनिज माफिया, भू-माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होती है,उस पर कहा जाता है कि उन पर यूपी की तरह बुलडोजर नहीं चलाया जाएगा, उससे मा्िरफया व अपराधियों का हौसला बढ़ता है.। कानून व्यवस्था के मामले में सरकार भले न माने कि लोग राजधानी में खुद को असुरक्षि समझते है। यहा चाकूबाजी रोकना पुलिस के लिए चुनौती है लेकिन वह इसे रोक नही पाई है,यह पुलिस के साथ ही सरकार के लिए शर्म की बात होनी चाहिए कि राजधानी के लोग घर से बाहर निकलते वक्त खुद को सुरक्षित नहीं समझते हैं। कर्ज को लेकर सीएम भले ही सफाई दें कि हम तो कर्ज किसानों के कर्जमुक्त व लोगों का भला करने के लिए लेते हैं। इससे राज्य की यह हकीकत बदल नहीं जाती है कि भूपेश सरकार के समय राज्य ज्यादा कर्जदार हुआ है, इस कर्ज का राज्य सरकार सिर्फ ब्यााज दे पा रही है, उसके सामने आय बढ़़ाने की चुनौती है। अब वह सिर्फ देने वाली सरकार नहीं रही,वह जनता से लेने वाली सरकार भी हो गई है यानी वह भी दूसरी सरकारो की तरह आम सरकार हो गई है।हर सरकार में बुराई होती है तो अच्छाई भी होती है, भूपेश बघेल सरकार ने वह सब किया किया है जो दूसरी सरकारे सोच नहीं पाती थी। उन्होंने छत्तीसगढ़ गढ़बो का एक  बड़ा लक्ष्य अपने सामने रखा है और उसके लिए काम भी कर रहे हैं।ऊपरी तौर पर तो लगता है कि जनता का विश्वास उन पर बना हुआ हैे लेकिन जनता के विश्वास का पता चुनाव में ही चलेगी।वह किस पर कितना विश्वास करती है।



Related News
thumb

परंपरा है तो जीतने के लिए निभाना पड़ता है

छत्तीसगढ़ में विधानसभा,लोकसभा के चुनाव के बाद अब नगरीय निकाय व त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हो रहे हैं।चुनाव होते हैं तो बहुत सारे लोगों को लगता है कि च...


thumb

ऐसे आपरेशन से ही खौफ बना रहेगा

नक्सली हों, उग्रवादी हों या आतंकवादी हों उनको समाप्त करने के लिए जरूरी होता है कि वह कुछ करें इससे पहले उन पर हमला कर उनको मार दिया जाए।


thumb

केजरीवाल और आप को तो हारना ही था

हिंदू परंपरा में मान्यता है कि कर्मफल अटल है, आपने जैसा कर्म किया है, वैसा फल तो कोई चाहे न चाहे उसे मिलता ही है।फल से ही पता चलता है कि किसी ने क्...


thumb

कहने का मौका मिल गया विपक्ष को

अमरीका में अवैध रूप से रह रहे १०४ भारतीयों को ट्रंप सरकार ने वापस भारत भेज दिया है।यह कोई गलत बात नहीं है, अमरीकी कानून के अऩुसार ही उनको पकड़ा गया...


thumb

चुनाव जीतने भाजपा से ज्यादा वादे कांग्रेस ने किए

नगरीय निकाय चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दलों के बीच हर वर्ग का वोट प्राप्त करने के लिए वादे करने की होड़ सी लगी हुई है कि कौन ज्यादा वादा कर सकता है।


thumb

महंत ने कुछ कहा है तो यूं ही नहीं कह दिया है

राजनीति में जब कुछ कहा जाता है, किसी बड़े नेता द्वारा कहा जाता है तो वह यूं ही नहीं कह दिया जाता है, उसका कोई मकसद होता है, कोई संदेश देना होता है